छोटी बातें बड़े काम की – कई बातें बहुत छोटी लगती हैं पर असल में वो होती बहुत काम की हैं इसलिए छोटी छोटी बात पर भी ध्यान देना चाहिए. छोटी छोटी बातें – कुछ काम की बातें-काम करने के तरीके, छोटी बातें, काम की जानकारी,छोटी बातें बड़े काम की…
छोटी बातें बड़े काम की
कल शाम घर के आगे से एक lady अपने छोटे बच्चे हो लेकर जा रही थी … बच्चा छोटी साईकिल चलाना सीख रहा था और एक हाथ मे मोबाईल पकडा हुआ था .और अपनी साईकिल भी चला रहा था और झूठ मूठ फोन कर रहा था कि हैलो वही वो महिला बहुत खुश हो रही थी और दूसरी सहेली से बोल रही थी खुश होते हुए बिल्कुल अपने पापा पर गया है वो भी ऐसी ही बात करते हैं …
कि बिल्कुल अपने पापा के जैसे कर रहा है … बच्चा प्यारा था उसकी साईकिल बहुत प्यारी थी जो अच्छा नही लगा वो था मम्मी गलत बात को बढावा देना … बात बेशक बहुत छोटी है पर उसके पास एक अच्छा मौका था यह बताने का कि सडक पर बात नही करते अपनी साईकिल रोक करही बात करनी चाहिए …
बच्चे को बताना चाहिए था कि कार चलाते वक्त फोन बात नही करते तो बहुत अच्छा लगता …
छोटी बातें बड़े काम की
बच्चे को आगे लाने में मम्मी की भूमिका बहुत ज्यादा होती है जैसे एक बार मैने नेट पर भी पढी थी एक कहानी घर पर हर रोज कूडे वाला आता है तो बच्चा मम्मी को आवाज देकर कहता है कि घर पर एक व्यक्ति कूडा लेने आता है तो बच्चा मां को बोलता है कि मां कूडे वाला आया है
इस पर मां उसे समझाती है कि नही बेटा वो तो सफाई वाला है हमारे घर से कूडा ले जाकर घर साफ करता है इसलिए उसे सफाई कर्मचारी कहो ना कि कूडे वाला… बहुत सही बात कही … पेरेंस की भूमिका यही होनी चाहिए कि अच्छी सीख दें….
एक मेरी सहेली ने बताया मणि थोडे दिन पह्ले बाजार् गई. बच्चो को लेकर कॉपी पैन खरीदना था हसबैंड कार में बैठे रहे और वो दुकान पर बहुत भीड थी. मणि ने पैन लिए और पचास रुपए दुकानदार को दे दिए.
कुछ देर में दुकानदार ने उसे तीन पैन दिए के साथ साथ पचास रुपए भी दे दिए और दूसरे ग्राहको को सामान देने लगा. मणि पहले तो कंफ्यूज हुई पर बाद में मन ही मन खुश हो गई कि मजा आ गया. पैन फ्री मे आ गए. मम्मी को खुश देख कर बच्चे भी खुश हो गए. कार मे बैठ कर जब उसने अपने पति को खुशी खुशी बात बताई तो उसे बहुत डांट पडी. उन्होने कहा कि यह बिल्कुल गलत है. दुकानदार को पैसे वापिस देकर आओ. वो मुंह बना कर बेटे के साथ वापिस दुकान पर गई.
जब रश काम हुआ तो उसने दुकानदार को सारी बात बताई. उस समय तो दुकानदार ने अपनी व्यस्तता बताते हुए पैसे काट कर उसे दस रुपए वापिस कर दिए पर बात का असर ये हुआ कि बच्चों को सबक मिला कि गलत काम नही करना चाहिए …
दुकानदार ईमानदारी से बहुत खुश हुआ और जब भी बच्चे उसकी दुकान पर जाते वो सबसे पहले उन्हें ही देखता है ताकि उन्हे इंतजार न करना पडे
उस दिन मणि को बहुत झेंप भी महसूस हुई पर खुशी भी हुई कि आज वो किसी के लिए तो प्रेरणा बनी. बात पचास रुपए की नही है बल्कि हमारी सोच की है अगर मणि उस दिन अपने पति के कहने पर रुपये न वापिस करती तो जिंदगी तो वैसे ही चलती रहती और उसके बच्चों को एक गलत सबक मिलता पर अब मणि के साथ साथ उसके बच्चे भी एक सीख ले चुके थे. अच्छाई सच्चाई के रास्ते पर चलने में फायदा है। क्योंकि इस रास्ते पर भीड़ कम मिलती है। ..
आप कैसे हैं – अपने आप को जानिए – Monica Gupta
आप कैसे हैं – अपने आप को जानिए – हम सभी अच्छा बनना चाहते हैंं पर प्रश्न ये उठता है कि कैसे अच्छे बने कैसे दूसरों का दिल जीते .अपने आप को कैसे पहचाने,खुद को read more at monicagupta.info
छोटी बातें बड़े काम की आपको कैसा लगा ?? जरुर बताईएगा …
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