क्षमा याचना
आज भारत देश आजादी की 68वीं सालगिरह धूमधाम से मना रहा है पर , किंतु , परंतु यह भी सत्य है कि आज हालातों और राजनेताओं को मद्देनजर रखते हुए 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस की feel नही आ रही … कारण बिल्कुल साफ है जिस तरह से नेता आपस में झगड रहे हैं… देश के हित की बजाय अपना हित सोच रहे हैं अपशब्द बोल रहे हैं ऐसे में कैसे मना पाएगें स्वतंत्रता दिवस … ये खुशी भीतर से आती है और यकीनन यह खुशी पिछ्ले साल बहुत थी… मोदी जी का भाषण जब लाल किले की प्राचीर से सुना था तब लगा था कि देश के , आम आदमी के अच्छे दिन आ गए हैं पर जैसे जैसे समय बीतता रहा …. बस बीतता रहा … बस बीतता रहा … और वो बीते समय की बात हो गई…
लाल किले की प्राचीर से मोदी जी के भाषण देने के बाद जनता से, उनके भाषण पर राय पूछ्ने पर लगभग सभी के ये विचार थे कि भाषण फीका रहा जो बात पिछ्ले साल की थी वो इस साल नही थी.पिछ्ले साल तो रोंगटे खडे हो गए थे पर आज कुछ महसूस नही हुआ. एनडीटीवी पर रवीश जी ने तो कहा कि रोंगटे तो मोदी जी के खडे हो गए होंगें कि क्या हो गया.. !!
सोशल नेट वर्क पर जैसे फेसबुक, टवीटर या गूगल आदि पर नेट या टीवी चैनल पर झंडे फहरा रहे है… तिरंगें के साथ फोटो पर ले रहे हैं पर भीतरी खुशी नजर नही आ रही … जनता बेहद परेशान है इसलिए तो मेरी पात्रा को कहना पड रहा है कि बेशक, आज का दिन हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है पर आज जिस दौर से हम गुजर रहे है(जिससे आप सब भी परिचित हैं) उससे मन विचलित है इसलिए बस आज तो बापू गांधी से क्षमा ही मांगनी है कि हम आपकी उम्मीदों पर खरे नही उतर रहे … अगले साल यानि 2016 तक सुधार हो इसी आशा के साथ शुभकामनाएं !!!
एक उदारण और जरुर देना चाहूगी कि एक वक्त था जब बापू का अर्थ महात्मा गांधी होता था पर आज के समय में अगर हम नेट पर बापू सर्च करेंगें तो बापू आसाराम ही दिखाई देंगें, उनकी वीडियों, उनसे ही जुडी ताजा खबरे … सच, 68 साल में बहुत कुछ बदल गया है …
नेता बाल की खाल निकाल रहे हैं … अंट शंट बोल रहे हैं. ना कुछ सार्थक हो रहा है और न ही इसके प्रयास किए जा रहे हैं.जनता आज बहुत बातो से आजादी चाह्ती है जैसे बड बोले नेताओं से, भ्रष्टाचार से, महंगाई से, उस कानून से जो कछुआ चाल चल रहा है , गरीबी से, आतंक वाद से, अत्याचार से, बिके और आखं पर कपडा बांधे कानून से… नेताओ के गंदे विचारों से और भी ना जाने कितनी बातों से हमें आजादी चाहिए.
फिलहाल से गांधी जी के तीन बंदर जो हमें बुरा न देखने, बुरा न सुनने और बुरा न बोलने का संदेश देते हैं हाथ जोड कर उन्ही से माफी मांगते हैं क्षमा याचना करते हैं कि हम आपकी उम्मीदों पर खरे नही उतरे…
Navbharat Times
इस स्वतंत्रता दिवस आप किससे आजादी चाहते हैं? कहें अपने ‘दिल की बात….’ See more…
क्षमा याचना इस विश्वास के साथ भी कि शायद 2016 में हमें ये न करना पडे और हमारा देश खुशहाल हो … स्माईल लानी न पडे खुद ब खुद आ जाए !!!