खाली दिमाग शैतान का घर
ऐसा भी होता है कई बार डिटेक्टिव या स्मार्ट बनने के चक्कर में तनाव में धिर जाते है और होता क्या है आईए पढें
कुछ देर पहले मणि घबराई हुई मेरे पास आई और बोली जान बची सो लाखों पाए .. मैं हैरान !! अरे भई क्या हुआ.. सब ठीक तो है … पानी पीते हुए बोली … कि वो एटीएम पर गई थी पैसे निकलवाने .. मैं घबराई तो क्या कुछ लूटपाट … किसी ने बदमाशी की… वो बोली अरे कुछ नही सुन तो सही… वो बोली कि जब एटीएम के निकट पहुंची तो वैन आई हुई थी और सिक्योरटी भी थी एटीएम में पैसे डालने आए हुए थे वो लोग … तो क्या हुआ ??? मैं सुनने को बेताब थी …
असल में, माहौल इतना खराब हो गया है कि अब तो हर बात पर डर ही लगता है वो बोली … अरे सुन ना… हुआ ये कि सिक्योरटी के एक आदमी ने इशारा किया कि अभी पांच मिनट रुक जाईए… वो बाहर कार में बैठी रही. सीन पूरा फिल्मी लग रहा था. वो बाहर कार मे बैठी है. एटीएम की मशीन में पैसे डाले जा रहे हैं. दो लोग बाहर खडे है…
अचानक उसका दिमाग सीआईडी के प्रदूमन की तरह काम करने लगा कि दयाल ओह सॉरी दयाल नही मणि …. मणि यहां कुछ तो गडबड हो सकती है जरुर कोई ताक में बैठा होगा … आएगा और एटीएम पर हमला करेगा…. रुपयों से भरा ट्रंक उडा कर ले जाएगा और इसी सोच में पहले वो दाए फिर बाए और फिर वहां खडे सिक्योरटी वाले को घूर घूर कर देखने लगी क्योकि शक्ल से वो भी … !!!
अचानक सिक्योरटी वाला सामने आकर खडा हो गया और बोला … मैडम घूर घूर के क्या देख रही हो … !!! बोला ना अभी पांच मिनट और लगेगें … !! कह कर वो वही खडा हो गया मानो उसे उस पर ही शक हो रहा हो कि ये महिला कुछ गडबड है… अरे बाप रे !!! इस पर वो इतनी बुरी तरह घबरा गई कि बिना पैसे निकलवाए, उसी समय आ गई … बोली अब साथ तू ही चलना … !!! हे भगवान !! ये मणि भी ना !!! इतने जासूसी के धारावाहिक देखती है कि अपना दिमाग भी वैसा ही बना रखा है …और फिर हम दोनों एटीएम की ओर चले गए…
खाली दिमाग शैतान का घर … आपको कैसा लगा !!! क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है ?? अगर हां तो जरुर बताईएगा ..
Leave a Reply