क्लिक करिए और सुनिए 1 मिनट और 41 सैंकिंड का ऑडियो हम कितने Positive या Negative
Positive psychology
नकारात्मक सोच और आपबीती
आज समाज मे इतनी negativity हो गई है कि कई बार अच्छी और पॉजीटिव बातों का भी हम Negative मतलब निकाल लेते हैं.. कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ ..!!
असल में, मैं हर रोज सुबह जब पौधो को पानी दे रही होती हूं तब घर के आगे से कुछ कॉलिज के स्टूडेंटस जा रहे होते हैं वही शाम को भी जाते हैं पर शाम को अक्सर उनकी बात कुछ हट कर होती है
जैसे देख….. वहां खडी हो है ना.. अरे वो चली तो नही गई.. अरे रोक ले यार उसके बिना मेरा क्या होगा… यकीनन मेरी तरह, आपके मन में भी यही आ रहा होगा कि ये जरुर लडकियों की बात हो रही है.. जरुर ये छेडते होंगें लडकियों को…
कुछ दिन तो मैं चुपचाप सुनती रही एक दिन मैने खुद पता लगाने की सोची ताकि शिकायत कर सकूं और शाम को जब स्टूडेंटस निकले मैं भी घर से निकल कर उनके पीछे लग गई.
मैने देखा कि पास ही बने बस स्टॉप पर एक प्राईवेट bus खडी थी. अचानक स्टूडेंटस चिल्लाने लगे .. अरे वो खडी है अरे मजा आ गया. आज तो बडी जल्दी आ गई..!! काश ये ऐसे ही रोज आए तो पढाई कितनी आसान हो जाए..
असल में, वो गांव से आते हैं और बस की कोई सर्विस नही है बस एक ही प्राईवेट बस है अगर वो भी निकल जाए तो घर तक जाने में दिक्कत हो जाती है..
मैं वापिस लौटते हुए सोच रही थी कि ये सब बस की बात करते थे कि बस न चली जाए वो खडी है ना … उसे रोक ले यार … और मैं क्या समझ बैठी थी.. हर बात मे नकारात्मकता देखते सुनते मेरा भी नजरिया नेगेटिव हो चला था…
शाम वो students फिर लौट रहे हैं और चिल्ला रहे हैं .. अरे देखना चली न जाए वो रोक लेना और मैं मन ही मन मुस्कुराती हुई पानी देती रही.. वैसे आपका क्या नजरिया है इस बारे में जरुर बताईएगा …
कल फिर मिलूंगी एक और topic के साथ तब तक बाय byeऔर Be पोजीटिव….. !!!
Leave a Reply