21 june फादर्स डे के लिए सोचा कुछ बच्चों से बात की जाए और उनके पापा के बारे मे विचार लिए जाए कल कुछ बच्चों से बात भी की. लेख लिख ही रही थी कि तभी डोर बेल हुई.
बाहर देखा तो तपती धूप मे पसीने से भीगे दो छोटे बच्चे खडे थे. वो पैन बेच रहे थे. मेरे मना करने पर वो बोले कि ले लो आज सुबह से बोनी नही हुई. बहन ने भी कुछ नही खाया. मैने कहा कि तुम्हारे ममी पापा ?? वो बोले पापा शराब पीते हैं उन्ही की वजह से हमे काम करना पड रहा है. मां मजदूरी करती है. उनकी उदासी देख कर बीस रुपए के पैन तो मैने खरीद लिए. पर अचानक मेरी सोच का रुख बदल गया और ऐसे पापाओ पर गुस्सा आने लगा जो शराब के लिए पागल हुए जाते हैं.
बात सिर्फ गरीब लोगों की नही बल्कि हम जैसे मिडल क्लास और हाई प्रोफाईल परिवारों की भी है. कुछ समय पहले एक क्लब मे मीटिंग और डिनर था. रात के 12 बज चुके थे. बच्चे बार बार मम्मियों को घर चलने के लिए कह रहे थे और पापा लोग जुटे थे शराब पीने में…बस अभी चलते है ..कह कह कर एक बजा दिया और लडखडाते हुए खडे हुए. उन बच्चों के चेहरे से गुस्सा साफ झलक रहा था. क्या इज्जत और प्यार रह जाएग बच्चों के मन में अपने पिता के लिए …. कैसे खुश होंगें वो फादर्स डे पर… अगर आप भी अच्छे पिता बनना और कहलाना पसंद करना चहते हैं तो बच्चों की भावनाओं का ख्याल रखिए … शराब ने कोई भला नही करना आपका बल्कि आपको नुकसान ही पहुंचा रही है.
फादर्स डे की शुभकामनाएं अभी नही … जिस दिन आप इस बुरी गंदी आदत से छुटाकार पा लेंगें उस दिन होगा आपका फादर्स डे ..”
यकीन मानिए … फादर्स डे टापिक पर लिखने का मन की नही किया और मैं शराब की रोकथाम पर कौन क्या क्या आवाज उठा रहा हैं यही सब सर्च करने लगी.
फादर्स”जरा नही “बहुत” सोचने की दरकार है !!!
खुशी है कि महिलाए, खासकर गावों की, इस मामले में बहुत पहल कर रही है ..
Bender beaten his wife,
वडोदरा, जेतपुर। एक शराबी का पत्नी के साथ मारपीट करना शराब का गोरखधंधा करने वालों पर भारी पड़ गया। साथ ही गुजरात में मद्य निषेध व्यवस्था की जमीनी हकीकत की पोल भी खुल गई।
शिथोल गांव में एक शराबी के पत्नी को पीटने की बात पता चलने पर शुक्रवार को महिलाएं इकठ्ठी हुईं। लाठी-डंडे लेकर शराब के ठेकों पर हमला बोल दिया। आक्रोशित-एकजुट महिलाओं को देख कर कई बुटलेगर घरों में ताला लगाकर फरार हो गए। Read more…
Rajasthan Patrika:wine contracts resist, women are the main route jammed
बहरोड़ शराब ठेके के विरोध में गुरुवार को कस्बे की भृर्तहरि कॉलोनी की महिलाओं ने बहरोड़ कस्बे के मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। जाम से मुख्य मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतार लग गई। ऐसे में गर्मी में परेशान वाहन चालक प्रदर्शन कर रही महिलाओं से जाम खोलने की गुजारिश करते रहे, लेकिन महिलाओं ने उनकी एक नहीं सुनी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस भी महिलाओं से जाम खुलवाने का प्रयास कर रही है।
महिलाओं ने बताया कि जिस जगह पर शराब का ठेका खुला हुआ है उसके नजदीक मंदिर, स्कूल व पार्क है। ऐसे में शराब का ठेका होने से उन्हेें तथा बच्चों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं ने बताया कि उक्त ठेका अन्य कहीं स्थानांतरित करने की मांग वे पूर्व में कर चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई गौर नहीं किया जा रहा है। यह प्रदर्शन तीसरी बार किया जा रहा है। शराब ठेकेदार ठेका खोलने पर आमदा है, जबकि कॉलोनीवासी ठेका नहीं खुलने देंगे।
उल्लेखनीय है कि महिलाएं जब भी विरोध में सड़क पर उतरती हैं पुलिस प्रशासन व ठेकेदार कुछ दिन के ठेका बंद करवा देते हैं। कुछ दिन बाद फिर से यह ठेका खुल जाता है। लोगों की मांग है कि आबादी क्षेत्र में व भृर्तहरि मंदिर के समीप ठेका नहीं खोला जाए। See more…
……. और जो पिता शराब नही पीते या छोडने का फैसला कर चुके हैं उन्हें हैप्पी फादर्स डे … !!!!