बच्चे मन के सच्चे – बच्चे और उनका बचपन . बहुत मासूम होता है. बच्चे मन के सच्चे होते हैं बिना छल के जो भी कहतें हैं सच ही कहते हैं.
बच्चे मन के सच्चे
कल कुछ ऐसा ही देखने को मिला. असल में, घर पर मेहमान आए हुए थे. उनका बच्चा बहुत ही छोटा था. बहुत शरारती भी था. खाने के मामले में तो अपनी मम्मी को बहुत तंग कर रहा था. वो आगे आगे दौड रहा था उसकी मम्मी उसके भागते भागते ही खाना खिला रही थी. मैने उससे बोला अरे !! आराम से बैठ कर खाओ ना ..
इस पर वो बोला ठीक है आप टीवी लगा दो. मैने तुरंत टीवी चला दिया और कार्टून नेटवर्क लगाने लगी क्योकि बच्चो का कार्टून जैसे मिकी माऊस . छोटा भीम जैसी कार्टून पसंद आती हैं. इस पर वो बोला अरे नही न्यूज चैनल लगा दो .. ज़ी न्यूज या एबीपी … या कोई भी बस न्यूज चैनल …मैं हैरान !! अरे !! इतना छोटा बच्चा और न्यूज का शौक… मेरा तो दिमाग दौडने लगा कि इस बच्चे का इंटरव्यू ब्लाग पर दूंगी कि देखो इतना छोटा सा खबरों का शौकीन…
तभी अचानक उसने ओह शिट बोला और मेरा ध्यान टूटा.. अरे क्या हुआ बेटा !!उसने बोला न्यूज आ गई. मैने कहा… तो ??? news channel में तो न्यूज ही आएगी ना … इस पर उसकी मम्मी ने बताया कि इसे विज्ञापन बहुत पसंद हैं और विज्ञापन सबसे ज्यादा न्यूज चैनल्स में ही आते हैं इसलिए ये न्यूज चैनल देखते हुए खाना पसंद करता है इसी बीच में बच्चा बोला “मिलते हैं एक ब्रेक के बाद”, “आप देखते रहिए… !! और फिर भागने लगा… उसकी मम्मी फिर उसके पीछे पीछे प्लेट लेकर … हे भगवान !!!
वैसे बच्चा सच ही तो बोला … न्यूज चैनल में खबरे कम और विज्ञापनों की भरमार रहती है … धारावाहिको मे फिर भी कम रहती है पर न्यूज चैनल में एक खबर और दस मिनट का ब्रेक … आप उस बीच में अपना बहुत काम निबटा सकते हैं … 🙂
बच्चों की दुनिया बहुत प्यारी है इसे प्यारा ही बने रहने दीजिए