लाईव खुदकुशी …
वो तो मीडिया के पास कोई और खबर नही है इसलिए एक ही खबर जंतर मंतर और आम आदमी पार्टी कसूरवार से चिपके हुए हैं कोई दूसरी खबर आते ही उस पर टूट पडेगी … फिर तू कौन मैं खामखाह… कौन सा किसान और किसकी आत्महत्या.. !!!
लाईव खुदकुशी किसी व्यक्ति की है या खबरिया चैनलों की कहना मुश्किल है
….किसी के रोने पर टीआरपी, आपतिजनक बयानों को बार बार दिखाने पर टीआरपी .. पूरी तरह से संवेदनहीन है मीडिया.. तस्वीर का एक ही रुख दिखाता है जबकि अगर वो खुद ही जज और वकील बन कर जनता के सामने खडा हैं तो तस्वीर के दोनों रुख पेश करने चाहिए और जहां तक राजनीति की बात है मीडिया मे किस कदर राजनीति हावी है हम सब जानते है…. वाकई ये वो मीडिया नही है जो कभी हुआ करती थी… अफसोस !!! मिर्च, मसाला , छौक, तडका… कुछ ज्यादा ही हो रहा है … कम डालो ,नपा तुला डालो और ढंग से परोसो भई अन्यथा .. लाईव खुदकुशी होती ही रहेंगी … !!!