हमारी आवश्यकता – बिजली और फोन
देखो आसमां में खिलकर सूरज निकल रहा है, देश का परचम अब ऊँचा उड़ रहा है ! वर्षो का अँधेरा रोशन हो रहा है,. गरीब की रसोई से धुआं हट रहा है ! मेरा देश, मेरा देश, मेरा देश…. मेरा देश बदल रहा है…आगे बढ़ रहा है…
अचानक मुझे हैरानी हुई कि ये गीत मैं क्यूं गुनगुना रही हूं तब ध्यान आया कि पिछ्ले दिनों इंटरनेट बहुत तंग कर रहा था इसलिए बीएसएनएल बार बार फोन करना पडा और जहा फोन किया उनके मोबाईल पर यही संगीत लगा हुआ था बार बार करने से शायद संगीत दिमाग में बैठ गया.
वैसे हैरानी है कि मेरे मोबाईल में मेरे दोस्तों या रिश्तेदार की बजाय बिजली विभाग या बीएसएनएल की कॉल ही सबसे ज्यादा है यानि टॉप पर है … वैसे अगर बिजली और नेट की सुविधा सही मिलने लगे तो देश को आगे बढने से कोई नही रोक सकता पर ये अडचने बहुत बडा स्पीड ब्रेकर हैं ओफ …
फिर लाईट चली गई और अब मैं दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का नम्बर मिला रही हूं और आ रहा है जिस नम्बर पर आपने डायल किया है वो व्यस्त है कृपया थोडी देर बाद कीजिए… हे भगवान !!
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