जाट आरक्षण आंदोलन और मेरे मन की बात
पिछ्ले तीन दिन से मीडिया में हमारा हरिय़ाणा सुर्खियों में है… वजह हम सभी को पता है जाट आरक्षण आंदोलन. चाहे अखबार हो या न्यूज चैनल … हरियाणा से जुडी खबरें देख कर आखॆ नम हो रही है… जहां एक ओर असामाजिक तत्वों के चलते जनता में दहशत का माहौल है वही रोते बिलखते चेहरे विचार शून्य कर रहे हैं.
न्यूज चैनल पर सडक पर बैठे कुछ जाटो का साक्षात्कार आ रहा था जिसमे बढ चढ कर वो लोग बोल रहे हैं कि ये लूटपाट, ये आगजनी हमने नही की हम तो यहां बैठे है … ठीक है बात सुन भी ली और समझ भी आई कि ये सब आप लोग नही कर रहे.. और आज बहस का विषय भी यही है कि यह जाट नही कर रहे तो ये है कौन… !!!
मैं ना कोई नेता हूं ना कोई सेलीब्रेटी बस एक आम इंसान हूं जिसका ये हालात देख कर दिल बहुत दुखी है और शायद रो भी रहा है और साथ ही साथ मन में कही न कही रोष भी है और जाटों के प्रति गुस्सा भी है कि आखिर ये हो क्या रहा है …मैं जाट आरक्षण करने वालो से बस अपने मन की बात पहुंचाना चाहती हूं….
जाट समुदाय से एक अपील
दो दिन से यही सुन पढ रहे हैं कि आप लोग तो बस अपनी आरक्षण की मांग मनवाना चाह रहे है ये तोडफोड ये आगजनी ये लूट पाट आप नही कर रहे और ना ही आपकी महिलाएं इसे भडकाने और हवा देने में आगे है… !! ठीक है समझ आ गई हमें .. पर इतना भारी नुकसान जोकि शायद अब 20 हजार करोड से 34 हजार करोड तक पहुंच चुका है वो आपके ही अपने दोस्त, भाई बंधु और जानकार के घर, दुकाने, संस्थान हैं जो सब स्वाहा हो गई है
अगर हमारी तरह ये सब देख कर, आपका भी दिल द्र्वित है आपकी आखें भी नम हैं आप भी हैरान ,परेशान है कि आपके नाम से ये उत्पात कौन मचा रहा है तो तुरंत प्रभाव से एक बार के लिए आंदोलन रोक देने की धोषणा कर दो … और यह भी धोषणा कर दो कि जो भी तोड्फोड या आगजनी करेगा उसका सेना या पुलिस कुछ भी करे हमारा लेना देना नही.. सेना चाहे तो उन्हें देखते ही गोली मारे या देशद्रोह में जेल में बंद करे… फिर देखते हैं कि क्या होता है कौन खेमा है जो आपके नाम का फायदा उठा कर मनमानी किए जा रहा है …
एक बार, भगवान के लिए, एक बार इस आंदोलन को बंद कर दो … बहुत तबाही हुई है जरा नजरें घुमा कर देखों सूनी आखॆ देखों जिन्होने तिनका तिनका जोड कर एक दुकान खडी की थी … कर्जा लेकर अपना घर बनाया था … आज कुछ नही रहा … कुछ भी नही रहा …रह गया तो सिर्फ खौफ, सन्नाटा, रुदन, बेबसी, और आंसू… !!
दिल कहना तो बहुत कुछ चाह रहा है पर शब्द धुंधले हो रहे हैं जिसे बार बार चश्मा हटा कर पोंछ कर लिखना बेहद मुश्किल हो रहा है …!!
हरियाणा जाट आंदोलन और मेरे मन की बात में आपके विचारों का स्वागत है !!!
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