कात्यायनी माता – मां दुर्गा का छ्ठा रुप है . मोनिका गुप्ता का नमस्कार. आज मैं आपको मां कात्यायनी के बारे में बताऊंगी . नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी की उपासना का दिन होता है। कात्यायनी माता – मां दुर्गा का छ्ठा रुप इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है
कात्यायनी माता – मां दुर्गा का छ्ठा रुप
कैसे पडा मां का नाम कात्यायनी – कात्यायनी माता – मां दुर्गा का छ्ठा रुप हैं माँ का नाम कात्यायनी कैसे पड़ा इसकी भी एक कहानी है- कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होंने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बेहद कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। माँ भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली।
कुछ समय बाद् जब दानव महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बढ़ गया तब ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की। इसी कारण से यह कात्यायनी कहलाईं।
ऐसी भी कथा मिलती है कि ये महर्षि कात्यायन के वहाँ पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थीं। तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था।
माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिन्दी-यमुना के तट पर की थी। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
चार भुजा वाली माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला हैं। माता का एक हाथ अभयमुद्रा में दूसरा वरमुद्रा में है। एक हाथ में तलवार और एक हाथ में कमल-पुष्प है। इनका वाहन सिंह है।
माँ कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है।
कात्यायनी माता – मां दुर्गा का छ्ठा रुप
हे माँ! सर्वत्र विराजमान और शक्ति -रूपिणी प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
नवरात्रि पूजा – माता के नौ रुप – Monica Gupta
जय माता की. नवरात्रि पूजा – आईए ऑडियो सुने या पढे . मां दुर्गा के नौ रूप कौन कौन से हैं और माँ के अस्त्र-शास्त्र क्या हैं और उनका वाहन कौन सा है.जय माता दी. read more at monicagupta.info
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