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जिंदगी का सच -ऑडियो
जरा सोचिए .हम अपनी जिंदगी में किसको महत्व देते हैं घर परिवार, दोस्त हमारा जोश या सिर्फ काम को, अपनी नौकरी को … क्या जरुरी है और क्या नही जानना चाहते हैं तो क्लिक कीजिए और सुनिए. जिंदगी का सच -ऑडियो
बे वक्त अगर जाऊंगा सब चौक पडेगें….एक अरसा हुआ दिन मे कभी घर को नही देखा…
वाह !! किसी ने क्या खूब कहा है … इस शायरी पर आप ढेर सारे कमेंटस भी बटोर सकते हैं पर अगर इस की गहराई में जाएगें तो ये दो लाईने बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देंंगी..
आज समय देखिए सभी व्यस्त, अति व्यस्त बल्कि ये कहिए कि महा व्यस्त है …. बहुत लोग तो ये भी कहते है कि भई इतना काम है इतना काम है कि मरने तक ही भी फुर्सत ही नही… … तो परिवार का क्या ?? और हमारा स्वास्थ्य , हमारे दोस्त, उनका क्या !!
ह हा अजी उनकी चिंता छोडिए.ये कही भागे थोडे ही ना जा रहे हैं पर नौकरी चली गई तो सब चला जाएगा…. रुपया पैसा होगा तो ये सभी लोग हमारे साथ होंग़े. क्यो है ना.
काम के चक्कर मे इतने उलझ गए हैं कि सुबह सवेरे काम पर निकल जाना देर रात को लौटना. परिवार पर ध्यान देने का तो समय ही नही है. देखा जाए तो सब कर तो परिवार के लिए ही रहें हैं पर परिवार को समय नही दे सकते
पर सच पूछिए तो काम से बढ कर है स्वास्थ्य ,परिवार, दोस्त और हमारा जोश. काम तो एक रबड की बॉल की तरह है जो उछ्ल कर टप्पा खाकर वापिस आ ही जाएगी पर हमारा परिवार, शरीर, दोस्त, जोश उस कांच की गेंद की तरह है कि उछालते समय अगर एक बार हाथ से छूट गई तो बिखर जाएगी और जिसे सम्भालना नामुमकिन हो जाएगा.
कोई शक नही है कि जिंदगी मे काम बहुत जरुरी है और इसे दिल लगा कर करना भी बहुत जरुरी है पर जब हम काम करके बाहर निकले तो बस फिर हम, हमारा परिवार, जोश और हमारे दोस्त ही होने चाहिए. इन सभी को अहमियत देना बहुत ही ज्यादा जरुरी है.
वो कहते भी है ना उसे कभी नजर अंदाज मत करो जो आपकी बहुत परवाह करते हैं वरना किसी दिन आपको अहसास होगा कि पत्थर जमा करते करते आपने हीरा गवां दिया.… जरुर सोचिएगा. कल फिर मिलूगी एक नए टोपिक के साथ तब तक अपना ख्याल रखिए … बाय बाय
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