की एंड का
है एंड था … सुनने में जरा अजीब लगा होगा ठीक वैसे जैसे मुझे फिल्म “की एंड का” सुनकर लगा था. वो रील लाईफ है और पर ये रियल लाईफ है जो अभी तक “है”और अगले ही पल “था” हो गया … बस जिंदगी इतनी ही छोटी है. “है एंड था” के बीच मे झूलती !! बेशक आपको मेरी बात अजीब लगे … पर यही सच्चाई है !!
बहुत जरुरी है कि जितना हम जीए, जितना समय जीए… खुश रहें मस्त रहें .. प्यार दें और और प्यार बांटे… !! पता नही कब हमारा “है” “”था” में परिवर्तित हो जाए!!
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