न्यूज चैनल और मेरे मन की बात
बात का बतंगड़ बनाते खबरिया चैनल और मेरे मन की बात
एक सामारोह में जानकार की बिटिया अपनी मम्मी से बहुत बुरी तरह बत्तमीजी से बात कर रही थी और उसकी मम्मी चेहरे पर स्माईल लिए यह दिखाने की कोशिश कर रही थी कि सब नार्मल है … कोई बात ही नही… !! आमतौर पर जब बच्चे ढंग से बात नही करते तो माता पिता उनका ढिंढोरा नही पीटते कि बच्चे ने क्या बोला … इधर उधर बुराईया नही करते फिरते अपने बच्चों की… वो बच्चे को प्यार से समझाते है और बताते है कि क्या सही और क्या गलत है …
ठीक उसी तरह मीडिया भी समाज में एक परिवार के समान ही है…!! बेशक, मीडिया का काम हमें हर बात से रुबरु करवाना है पर क्या बस इतना ही उसका कर्तव्य है … ( अगर सच भी दिखाए तो भी ठीक हैं … वो तो राजनीति के गुलाम बनें या टीआरपी या विज्ञापन के चक्कर मे पडे रहते हैं और खबरें बिखर जाती हैं )
उसकी भी कुछ जिम्मेदारी है समाज के प्रति या नही… उसका भी फर्ज होना चाहिए कि बजाय हर बात को बढा चढा कर दिखाने के, टीआरपी के चक्कर में बेसिर पैर की ब्रेकिंग न्यूज दिखाने के, जरा संयम से काम ले और खबर को इस एंगल से दिखाए कि माहौल में तनाव बढाने की बजाय दर्शक पर खबर का सकारात्मक असर पडे … !!
अक्सर हैरानी होती है जब खबर को न सिर्फ लगाई बुझाई में बल्कि तोड मरोड् के बल्कि भडकाने में लगे रहते हैं और 24 घंटे चलने वाले चैनल में जब बहस करते हैं तो यह कह कर बहस खत्म हो जाती है कि समय खत्म हो गया … !! अरे भई !! 24 घंटे का चैनल है … जरा विज्ञापन कम कर दो … पर खबर को सार्थक तो बनाओं … एक घंटे की बहस का कोई हल तो निकालो !!! बुरा न मानना पर आज जिस माहौल में हमारा देश चला गया है उसकी कही न कही जिम्मेदारी चैनल की भी है… न्यूज हमारी जिंदगी में बहुत गहरा असर डालती है इसलिए भी यह बात कहनी जरुरी है… !!
इसलिए हे न्यूज चैनल वालो … अगर आपका चैनल वाकई संजीदा है, देश के प्रति अच्छी और सकारात्मक सोच रखता है और देश की दशा सुधारना चाहते हैं तो टीआरपी का लालच छोडना होगा.. आपको सुधरना होगा… खुद को राजनीति और नेताओं से दूर रखना होगा … खबर पर पैनी निगाह तो रखनी होगी पर दोनों पक्षों को भी दिखाना होगा ये नही कि बस एक ही पक्ष की राय लेकर न्यूज की इति श्री कर ली जाए…आज समाज के एक अभिन्न अंग हो… चौथे स्तम्भ हो और इसका मतलब आप शायद भली प्रकार जानते हो. आपकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है बचकानी हरकते छोड कर गम्भीरता से अपना कार्य अंजाम दें
बुरा न मानिएगा पर आपके कंधों पर एक बहुत बडी जिम्मेदारी है और उसे निभाना होगा … अन्यथा इस दिशा में हमारा देश जा रहा है ….. !!! बस … बाकि आप खुद समझदार हैं…
(कुछ दिनों से न्यूज चैनल पर देश के हालात देख कर मन परेशान सा है इसलिए यह सब लिखने पर मजबूर हुआ… )