Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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April 16, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

पक्षियों को दाना डालने से क्या होगा – पशु पक्षी के प्रति हमारा प्रेम

मटके का पानी छी होता है क्या

पक्षियों को दाना डालने से क्या होगा – पशु पक्षी के प्रति हमारा प्रेम , भरी गर्मी में ये पुण्य का काम – pakshiyon ko dana dalna पशु पक्षियों के प्रति हमारा कर्तव्य क्या हो. क्या वाकई पशु को चारा और पक्षी को दाना और पानी देने से शांति आती है सुख मिलता है … हमारा भाग्य बदल जाता है …

पक्षियों को दाना डालने से क्या होगा – पशु पक्षी के प्रति हमारा प्रेम

जानवरों के प्रति प्रेम , पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार कैसा हो या पशु पक्षियों का महत्व हमारी जिंदगी में कितना है. पक्षियों को दाना डालें , गाय को रोटी खिलाने के फायदे , मछलियों को आटा खिलाने , पक्षियों को दाना डालने , चींटी को आटा , पक्षी को दाना खिलाने से क्या होता है ?
गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है और पौराणिक मान्यता है कि जिस घर में चिडिया आती है वहां सुख शांति बनी रहती है…. !!
अब हर कोई चाहता है कि घर पर सुख शांति बनी रहे …

 

देखिए
आमतौर पर हमें जीवन में कई तरह की परेशानियां होती है चाहे वो सेहत को लेकर हो घर में तनाव हो या आर्थिक तंगी हो नौकरी को लेकर हो … माना जाता है पशु पक्षियों को खाना खिलाने से सारे दोष दूर होते जाते हैं चाहे, गाय को, रोटी या चारा खिलाने की बात हो , कुत्ते को दूध या रोटी खिलाने की बात हो – पक्षियों को दाना डालना हो पानी पिलाना हो , चींटी को आटा डालना हो या मछली को खिलाना हो …………. कुल मिला कर अच्छा और पुण्य का काम करने में हमेशा खुशी ही मिलती है और सुख समृद्धि आती है और यही तो हम सभी चाह्ते हैं … तो जरुर कीजिए अगर आप ये काम कर रहे हैं तो आपको बहुत बहुत बधाई अगर नही कर रहे तो जरुर कर के देखिएगा …

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March 31, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी

 Art of Public Speaking in Hindi

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी  – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी – Moral Stories For Kids In Hindi – पशु पक्षियों का महत्व हमारी जिंदगी में बहुत है. पशु और पक्षी हमारे मित्र समान ही हैं. पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार बहुत अच्छा होना चाहिए.

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी

थोडी देर पहले कुछ बच्चों की बाहर से आवाजें आ रही थी … मैं  देखने के लिए बाहर आई तो देखा कि पांच सात बच्चे एक गाय को तंग कर रहे हैं एक बच्चा जोर जोर से  पूंछ खींच रहा था बाकि सब जोर जोर से हंस रहे थे …

मैं बोल पडी अरे क्या कर रहे हो … और बच्चे आवाज सुन कर भाग गए … और दूसरी तरफ गाय चुपचाप चली गई …

जब गाय जा रही थी तो मुझे याद आई मेरी एक कहानी जो मैने बहुत समय पहले लिखी थी … चलिए आज मैं आपको वही कहानी सुनाती हूं

कहानी का नाम है गाय को रोटी …

 

‘‘गाय को रोटी’’  मैं हूं मणि। अभी अभी चौथी कक्षा में हुई हूं। आप सोच रहे होंगे कि मेरे तीसरी कक्षा में कितने नम्बर आए। असल में हमें नम्बर नहीं ग्रेड मिलता है। मुझे ‘‘ए’’ग्रेड मिला था। नई-नई कॉपी, किताबें, नया स्कूल बैग बड़ा अच्छा लग रहा था। कुछ दिनों बाद छुट्टियां शुरू हो गई। मम्मी ने बताया कि वो दादा जी की बहन यानि पापा के बुआ जी गांव जाएंगे। मैं गांव कभी नहीं गई थी। पर गांव के लोग कैसे होते हैं, मुझे अच्छी तरह से पता है।

 

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गांव के भोले भाले बच्चों पर मैं खूब धाक जमाऊंगी। अगले दिन सुबह-सुबह ही हमने गांव जाना था। मैंने तीन चार सुंदर-सुंदर ड्रैस, उसी से मेल खाते रंग-बिरंगे चश्मे, सैडि़ल और छतरी भी अटैची में रख लिए। शाम होते-होते हम गांव पहुंच गए। गांव का वातावरण शहर से एकदम अलग था।

खुल्ले-खुल्ले घर, घरों में हैंडपंप, चौड़े-चौड़े रास्ते….सब बहुत अच्छा लग रहा था। घर के बाहर कितना भी,कैसे भी खेलो, किसी गाड़ी या स्कूटर का डर नहीं। घर में तो मैं छोटी सी जगह में ही बैडमिंटन खेलती हूं पर यहां तो जगह ही जगह थी।

पापा की बुआ यानि दादी जी के गांव में मेरे बहुत सारे दोस्त बन गए। बबीता, मोहन, कर्ण, सुनीता और रेखा से तो मेरी जल्दी ही अच्छी दोस्ती हो गई थी।

पहले पहल तो वो सब मेरे चश्मे और छतरी से दूर भागते रहे, पर दोस्ती हो जाने के बाद उनका डर दूर भाग गया। मैंने अपनी सब चीजें उनको इस्तेमाल करने के लिए भी दीं। वो सब बहुत ही शरीफ बच्चे थे लेकिन मैंने दो ही दिन में उनको शरारती बना दिया।

दादी जी पशुओं और पक्षियों को बेहद प्यार करती थीं। पक्षियों को दाना डालना और गाय को गुड और रोटी देना कभी नहीं भूलती थी।

हर सुबह और शाम, दिन छिपने से पहले एक गाय हमेशा आती थी। एक दिन उस गाय को रोटी खिलाते-खिलाते दादी जी ने बताया कि चाहे कुछ भी हो जाए, यह गाय यहां गुड़ और रोटी खाने जरूर आती है।

दादी जी की बात गलत साबित करने के लिए मैंने एक दिन एक तरकीब बनाई। मोहन कुछ पटाखे ले आया और शाम को गाय जब रोटी खाने आई तो मैंने चुपचाप उसकी पूंछ पर पटाखे बांध दिए। दादी जी गाय को रोटी देकर अंदर चली गई।

माचिस मुझे जलानी नहीं आती थी तो मोहन ने ही मेरी मदद की। आग लगते ही पटाखे फटफट करके जलने लगे। धागा ठीक से नही बांधा था इसलिए पटाखे जमीन पर ही गिर गए पर शायद एक पटाखा गाय को लग गया था और वो घबरा कर भाग गई पर इसकी सजा हमें बहुत बड़ी मिली। मोहन को तो उसी समय उसकी बहन ले गई और मुझे कमरे में बंद कर दिया गया

अगले दिन मौसम बहुत अच्छा था और मेरा मन कहीं बाहर जाने को कर रहा था। दादी जी सो रही थी। मम्मी पापा भी पास वाले गांव में किसी से मिलने के लिए गए हुए थे। मुझे बबीता ने अपने घर का पता बताया था और आने के लिए भी काफी बार कहा था।

वो कह रही थी कि उसके घर के पास बहुत सारे खेत हैं। वहां खेलने में बहुत मजा आएगा। मैंने सोचा कि चुपचाप निकल जाती हूं और दादी जी के उठने से पहले ही वापिस आ जाऊंगी। मैं बबीता के बताए रास्ते पर दौड़ पड़ी। दिन का समय था इसलिए मुझे डर भी नहीं लग रहा था पर अचानक देखते ही देखते आसमान में बादल इतने ज्यादा हो गए कि अंधेरा सा हो गया।

बरसात भी शुरू हो गई। दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। मैं तो डर के मारे रोने लगी। जल्दबाजी की वजह से किस रास्ते से आई थी यह भी याद नहीं रहा। उधर जमीन पर बहुत पानी जमा हो गया था और पता ही नहीं चल रहा था कि कहां सड़क है और कहां नहीं।

दो तीन बार तो मैं बहुत बुरी तरह से गिरी। अंधेरा बढ़ता ही जा रहा था। मुझे अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था…हुंह, बड़ा समझती है अपने आपको।

अब जान निकल रही है। किसी को बता कर आती तो शायद कोई खोजता हुआ आ भी जाता। अब बैठ यहां और रो जोर से…और मैं जोर-जोर से रोने लगी। धीरे-धीरे बरसात कुछ कम हो गई थी। मैं एक पेड़ से चिपक कर बैठी हुई थी।

तभी मुझे किसी के चलने की आवाज आई। मैं बहुत बुरी तरह से डर गई। आवाज धीरे-धीरे पास आ रही थी। मैं आंखें बंद कर ली। फिर आवाज आनी बंद हो गई।

मैंने आहिस्ता से अपनी आंखें खोली तो देखा कि जो गाय रोज दादी जी के घर रोटी खाने आती थी, वही गाय मेरे पास खड़ी पूंछ हिला रही थी। वही पूंछ जिस पर मैंने पटाखे बांधे थे।

उसकी पूंछ पर अब भी जलने के निशान थे। अनायास ही मैं उससे लिपट गई। अब मेरा डर कुछ कम हो गया था। फिर उसने धीरे-धीरे चलना शुरू कर दिया। मैं भी चुपचाप उसके ऊपर हाथ रखकर चलती रही। कुछ ही देर में हम खेत वाले रास्ते से निकलकर घर वाले रास्ते पर पहुंच चुके थे।

अब मुझे रास्ता भी याद आ गया था। लेकिन मैं फिर भी गाय के साथ-साथ ही चलती रही। कुछ ही देर में हम घर पहुंच गए। घर के बाहर बहुत लोग खड़े थे।

दादी जी ने काफी लोगों को इकट्ठा कर रखा था। मेरे लिए सब परेशान हो रहे थे। मुझे देखते ही दादी जी की जान में जान आई। आंखों में आंसू लिए उन्होंने मुझे गले से लगा लिया।

मैं भी उनसे गले लग कर रोने लगी। फिर मैंने गाय की पीठ पर प्यार से हाथ फेरते हुए उन्हें सारी बात बताई कि किस तरह आज इस गाय की वजह से ही मैं घर वापिस लौट पाई हूं।

काले बादल अब धीरे-धीरे छंट गए थे। ठीक उसी तरह मेरे मन से भी अहंकार के बादल छंट गए थे। मैंने दादी जी से कहकर पशुओं के डाक्टर को बुलवाया और गाय के जख्मों पर दवाई लगवाई।

उस दिन के बाद से मैं भी दादी जी के साथ उस गाय को गुड़ और रोटी खिलाने लगी। मुझे यह सब बहुत अच्छा लगने लगा। शहर लौटते वक्त मैंने दादी जी से वायदा किया कि आगे से मैं कभी भी किसी भी पशु या पक्षी को तंग नहीं करूंगी, बल्कि उनकी ही तरह से सभी को प्यार करूंगी।

 

पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है – YouTube

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पशु पक्षियों का महत्व हमारी जिंदगी में बहुत है. पशु और पक्षी हमारे मित्र समान ही हैं. पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार बहुत अच्छा होना चाहिए.

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी

November 11, 2016 By Monica Gupta 1 Comment

पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है

दूसरों की मदद करना अच्छा – एक प्रेरक कहानी

पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है . हमें हर समय इन्हें दाना पानी देते रहना चाहिए … बहुत खुशी महसूस होती है क्योकि ये हमारे मित्र हैं …

पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है

इनके मदद करनी चाहिए और कोई सुबह चिडिया के लिए पानी रखते हुए मैने देखा कि तो एक घर के बाहर एक महिला कटोरी मे दूध लिए एक महिला घूम रही थी. मुझे देखते ही बोली कि क्या आपने अभी काला कुत्ता देखा अभी गया है यहा से !! मैने इंकार किया ही था कि तभी एक सफेद कुत्ता जाता दिखा.

मैने कहा कि सफेद कुत्ता तो ये है इस पर वो बोली कि अरे नही आज काले कुत्ते को ही दूध पिलाना है बेचारा सफेद कुता काफी देर तक इंजार करता रहा कि शायद दूध मिल जाए और फिर सिर झुकाए चला गया. फिर वो महिला भी चली गई .

वैसे मुझे इस बात की नॉलिज नही कि किस दिन किस पक्षी या जानवर को खिलाया जाए पर इस बात का जरुर पता है सुबह हो शाम हो गर्मी हो या सर्दी हो पशु , पक्षी की मदद करके हमेशा अच्छा ही लगता है… …

चाहे तो पानी रखा हो या दाना डालना हो … नियमित चारा दाना डालते रहॆ तो भी नेक कार्य ही है !!!

पशु पक्षी और हम

मेरी एक सहेली हैं घर से आफिस तक कोई भी बीमार कुत्ता देखती हैं या तो वही उसकी मदद करती हैं या घर ले आती है … पशु , पक्षियों का संसार बहुत ही रोचक है

                                 पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है

रोचक कहानी चिडिया की

वैसे एक कहानी भी मुझे बहुत रोचक लगती है.. दो चिडिया थी… पक्की सहेलियां थी एक बार जंगल में एक शिकारी आया और एक उसकी पकड मे आ गई और उसे ले गया… उसे पिंजरे मे रख लिया… कुछ दिन बाद उसी शिकारी को उसी जंगल में दुबारा जाना पडा … चिडिया ने कहा कि प्लीज मुझे भी ले चलो इस पर शिकारी बोला कि ले कर तो नही जाउगांं पर कोई मैसेज हो तो वो दे दूंगा

उसने कहा कि बता देना कि वो कैद मे है… शिकारी जंगल गया और उसने देखा कि वो चिडिया चुपचाप बैठी थी… चिडिया ने उससे पूछा कि मेरी सहेली कैसी है इस पर शिकारी ने बताया कि वो मेरी कैद में है …

ये सुनते ही वो चिडिया एकदम से उपर उडी और फिर एकदम से नीचे गिर गई ऐसा लगा मानो वो मर गई … शिकारी ने सोचा जरुर उसे महसूस हुआ होगा इसलिए मर गई … वापिस आया तो पिंजरे वाली चिडिया ने पूछा क्या तुम मेरी सहेली से मिले वो कैसी है इस पर शिकारी ने बताया कि जब मैने उसे बताया कि मैने उसे कैद कर रखा है तो वो पहले तो खूब उंचा उडी और फिर एक दम से नीचे गिर गई और मर गई …

ये सुनते ही अचानक उस चिडिया ने अपने पर फडफडाए उडने को हुई और एक दम से निढाल हो गई …

शिकारी ने सोचा कि शायद ये अपनी सहेली की मरने वाली बात से दुखी हो गई इसलिए ये मर गई … उसने हिलाया दुलाया फिर पिजंरा खोल दिया कि अब तो ये मर गई …

पिंजरा खोलते ही वो चिडिया फुर्र से उड गई .. शिकारी हैरान कि ये क्या हुआ … इस पर चिडिया बोली मेरी सहेली ने मुझे आईडिया दिया था कि कैसे आजाद होना है … इतने में उसकी सहेली भी आ गई और दोनो शिकारी को बाय बाय करती हुई उड गई …

देखा कितना रोचक और प्यारा संसार है इनका इसलिए इन्हें दाना पानी खिलाते रहना चाहिए अच्छा लगता है

पक्षियों को दाना डालने से क्या होगा – पशु पक्षी के प्रति हमारा प्रेम

ऑडियो – जानवर और इंसान – Monica Gupta

यहांं क्लिक कीजिए और सुनिए एक मिनट और 40 सैंकिड का मजेदार ऑडियो – जानवर और इंसान  ऑडियो – जानवर और इंसान बीप बीप … वैसे आपने कभी महसूस किया है कि हम आम बोलचाल में जानवरों का नाम कितनी सहजता से लेते हैं … नही !! विश्वास नही हो रहा … है ना !! … read more at monicagupta.info

 

पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है – आपको कैसा लगा और वैसे दाना डालने के बारे मॆ आपकी क्या राय है  जरुर बताईएगा …

क्या आपने चिडिया के लिए पानी रखा – पशु पक्षी मित्र हैं हमारे

.. तब तक अपना और खुश रहिए मुस्कुराते रहिए

चींटी, चिड़ियों, गिलहरियां, कबूतर, तोता, कौआ और अन्य पक्षियों के झुंड और गाय, कुत्तों को नियमित दाना , ज्वार , पानी दाना-पानी देने से  मानसिक शांति प्राप्त होती है … आजमा कर देख लीजिए …

 

 

 

 

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