Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

  • About Me
  • Blog
  • Contact
  • Home
  • Blog
  • Articles
    • Poems
    • Stories
  • Blogging
    • Blogging Tips
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Kids n Teens
  • Contact
You are here: Home / Archives for बच्चों की मनोरंजक कहानी

July 12, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों की मनोरंजक कहानी – समझदार कौन

बच्चों के लिए अच्छी आदतें

बच्चों की मनोरंजक कहानी – समझदार कौन . Bachho ke Manoranjak Kahani – हमारी जिंदगी में बहुत तनाव है इसलिए कई बार कुछ हलका फुल्का पढ लेना चाहिए ताकि मन रिलेक्स हो जाए . एक ऐसी ही रोचक कहानी पढी …

बच्चों की मनोरंजक कहानी – समझदार कौन

एक राजा खुद को बहुत समझदार समझता था .एक बार उसने धोषणा कर दी कि मुझसे समझदार व्यक्ति खोज कर लाओ मैं देखना चाहता हूं कि मुझसे समझदार भी है कोई या नही … राजा अपने मंत्री को हुक्म देता है और मंत्री बहुत खोज करता है पर उसे कोई समझदार नही मिलता जो राजा को हरा दे … मंत्री की बेटी कहती है आज चिंता न करो …

एक दिन वो एक भोले व्यक्ति को लाती है और पिता को कहती है आप चिंता न करो … राजा के पास लेकर जाया जाता है राजा कहता है वो इशारे से बात करेगा …

राजा एक ऊंगली उठाता है कि सबसे समझदार में हूं इस पर वो दो ऊंगली उठाता है राजा सोचता है कि इसका मतलब है कि भगवान भी है समझदार. राजा फिर तीसरी उंगली ऊठाता है इस पर वो गर्दन न करके हिलाता है और अपनी कुर्सी छोड कर जाने को होता है

राजा खुश क्योकि राजा पूछ्ना चाह रहा था कि क्या कोई तीसरा भी समझदार है और वो मना कर देता है इशारे से और उठ जाता है राजा उसे खूब उपहार देकर विदा करते हैं मंत्र्री को समझ नही आता वो एकांत में पूछता है कि

राजा क्या कह रहे थे … वो बोला राजा ने इशारे से पूछा कि एक भेड चाहिए तो मैंने सोचा राजा बडे आदमी है तो 2 दे देता हूं पर जब राजा ने जब 3 का इशारा किया तो मैंने मना कर दिया .. … मैंने कहा कि 2 है इस पर राजा ने कहा कि मैं 3 भेड लूगा … तो मैंने मना कर दिया और खडा हो गया … इस पर मंत्री हंसता हुआ बोला कि कुछ नही होगा … और उसे वापिस गांव छोड आया..

बच्चों की मनोरंजक कहानी – समझदार कौन . बच्चों की मनोरंजक कहानी ,छोटी बाल कहानी, मनोरंजक कहानी ,
छोटी बाल कहानी, baal saahityakaar , बाल कहानी , बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ ,

April 25, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों की मनोरंजक कहानी – चॉकलेट की बेटी

बच्चों की मनोरंजक कहानी – चॉकलेट की बेटी

बच्चों की मनोरंजक कहानी – चॉकलेट की बेटी – chocolate सभी बच्चों को अच्छी लगती है … कितनी खिला दो पर कभी मन नही भरता … पर आपने कभी सुना है कि कोई बच्चा ये कहे कि मुझे चाकलेट नही खानी मुझे दूध दो , खाना दो,  दाल दो,  सब्जी दो पर  चॉकलेट नही खानी … .. नही … पर ऐसा हुआ था …

बच्चों की मनोरंजक कहानी – चॉकलेट की बेटी

सच में ऐसा हुआ पर कहानी में … एक कहानी बहुत समय पहले मैने लिखी थी… चॉकलेट की बेटी … बहुत सारी मम्मियों  की और कुछ नन्न्हें दोस्तो की फरमाईश थी कि बच्चों की कहानी  सुनाओ … तो मैं आपको सुनाती हूं  कहानी chocolate की बेटी ..

कहानी है 10 साल की मणि की … बहुत शरारती है … मम्मी की बेटी या पापा की बेटी नही बल्कि चॉकलेट की बेटी है …

 

 

चॉकलेट day , चॉकलेट डे , छोटी बाल कहानी , बच्चों की कहानियाँ , बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ , छोटी बाल कहानी , लघु बाल कहानियां , रोचक बाल कहानी ,  बाल साहित्यकार, हिन्दी बाल कहानियाँ , बच्चों की मनोरंजक कहानी – चॉकलेट की बेटी

Subscribe to my channel for more  videos:
https://monicagupta.info/subscribe-youtube-channel

 

March 31, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी

 Art of Public Speaking in Hindi

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी  – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी – Moral Stories For Kids In Hindi – पशु पक्षियों का महत्व हमारी जिंदगी में बहुत है. पशु और पक्षी हमारे मित्र समान ही हैं. पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार बहुत अच्छा होना चाहिए.

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी – गाय के बारे में शिक्षाप्रद कहानी

थोडी देर पहले कुछ बच्चों की बाहर से आवाजें आ रही थी … मैं  देखने के लिए बाहर आई तो देखा कि पांच सात बच्चे एक गाय को तंग कर रहे हैं एक बच्चा जोर जोर से  पूंछ खींच रहा था बाकि सब जोर जोर से हंस रहे थे …

मैं बोल पडी अरे क्या कर रहे हो … और बच्चे आवाज सुन कर भाग गए … और दूसरी तरफ गाय चुपचाप चली गई …

जब गाय जा रही थी तो मुझे याद आई मेरी एक कहानी जो मैने बहुत समय पहले लिखी थी … चलिए आज मैं आपको वही कहानी सुनाती हूं

कहानी का नाम है गाय को रोटी …

 

‘‘गाय को रोटी’’  मैं हूं मणि। अभी अभी चौथी कक्षा में हुई हूं। आप सोच रहे होंगे कि मेरे तीसरी कक्षा में कितने नम्बर आए। असल में हमें नम्बर नहीं ग्रेड मिलता है। मुझे ‘‘ए’’ग्रेड मिला था। नई-नई कॉपी, किताबें, नया स्कूल बैग बड़ा अच्छा लग रहा था। कुछ दिनों बाद छुट्टियां शुरू हो गई। मम्मी ने बताया कि वो दादा जी की बहन यानि पापा के बुआ जी गांव जाएंगे। मैं गांव कभी नहीं गई थी। पर गांव के लोग कैसे होते हैं, मुझे अच्छी तरह से पता है।

 

https://www.facebook.com/linkmonicagupta

 

गांव के भोले भाले बच्चों पर मैं खूब धाक जमाऊंगी। अगले दिन सुबह-सुबह ही हमने गांव जाना था। मैंने तीन चार सुंदर-सुंदर ड्रैस, उसी से मेल खाते रंग-बिरंगे चश्मे, सैडि़ल और छतरी भी अटैची में रख लिए। शाम होते-होते हम गांव पहुंच गए। गांव का वातावरण शहर से एकदम अलग था।

खुल्ले-खुल्ले घर, घरों में हैंडपंप, चौड़े-चौड़े रास्ते….सब बहुत अच्छा लग रहा था। घर के बाहर कितना भी,कैसे भी खेलो, किसी गाड़ी या स्कूटर का डर नहीं। घर में तो मैं छोटी सी जगह में ही बैडमिंटन खेलती हूं पर यहां तो जगह ही जगह थी।

पापा की बुआ यानि दादी जी के गांव में मेरे बहुत सारे दोस्त बन गए। बबीता, मोहन, कर्ण, सुनीता और रेखा से तो मेरी जल्दी ही अच्छी दोस्ती हो गई थी।

पहले पहल तो वो सब मेरे चश्मे और छतरी से दूर भागते रहे, पर दोस्ती हो जाने के बाद उनका डर दूर भाग गया। मैंने अपनी सब चीजें उनको इस्तेमाल करने के लिए भी दीं। वो सब बहुत ही शरीफ बच्चे थे लेकिन मैंने दो ही दिन में उनको शरारती बना दिया।

दादी जी पशुओं और पक्षियों को बेहद प्यार करती थीं। पक्षियों को दाना डालना और गाय को गुड और रोटी देना कभी नहीं भूलती थी।

हर सुबह और शाम, दिन छिपने से पहले एक गाय हमेशा आती थी। एक दिन उस गाय को रोटी खिलाते-खिलाते दादी जी ने बताया कि चाहे कुछ भी हो जाए, यह गाय यहां गुड़ और रोटी खाने जरूर आती है।

दादी जी की बात गलत साबित करने के लिए मैंने एक दिन एक तरकीब बनाई। मोहन कुछ पटाखे ले आया और शाम को गाय जब रोटी खाने आई तो मैंने चुपचाप उसकी पूंछ पर पटाखे बांध दिए। दादी जी गाय को रोटी देकर अंदर चली गई।

माचिस मुझे जलानी नहीं आती थी तो मोहन ने ही मेरी मदद की। आग लगते ही पटाखे फटफट करके जलने लगे। धागा ठीक से नही बांधा था इसलिए पटाखे जमीन पर ही गिर गए पर शायद एक पटाखा गाय को लग गया था और वो घबरा कर भाग गई पर इसकी सजा हमें बहुत बड़ी मिली। मोहन को तो उसी समय उसकी बहन ले गई और मुझे कमरे में बंद कर दिया गया

अगले दिन मौसम बहुत अच्छा था और मेरा मन कहीं बाहर जाने को कर रहा था। दादी जी सो रही थी। मम्मी पापा भी पास वाले गांव में किसी से मिलने के लिए गए हुए थे। मुझे बबीता ने अपने घर का पता बताया था और आने के लिए भी काफी बार कहा था।

वो कह रही थी कि उसके घर के पास बहुत सारे खेत हैं। वहां खेलने में बहुत मजा आएगा। मैंने सोचा कि चुपचाप निकल जाती हूं और दादी जी के उठने से पहले ही वापिस आ जाऊंगी। मैं बबीता के बताए रास्ते पर दौड़ पड़ी। दिन का समय था इसलिए मुझे डर भी नहीं लग रहा था पर अचानक देखते ही देखते आसमान में बादल इतने ज्यादा हो गए कि अंधेरा सा हो गया।

बरसात भी शुरू हो गई। दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। मैं तो डर के मारे रोने लगी। जल्दबाजी की वजह से किस रास्ते से आई थी यह भी याद नहीं रहा। उधर जमीन पर बहुत पानी जमा हो गया था और पता ही नहीं चल रहा था कि कहां सड़क है और कहां नहीं।

दो तीन बार तो मैं बहुत बुरी तरह से गिरी। अंधेरा बढ़ता ही जा रहा था। मुझे अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था…हुंह, बड़ा समझती है अपने आपको।

अब जान निकल रही है। किसी को बता कर आती तो शायद कोई खोजता हुआ आ भी जाता। अब बैठ यहां और रो जोर से…और मैं जोर-जोर से रोने लगी। धीरे-धीरे बरसात कुछ कम हो गई थी। मैं एक पेड़ से चिपक कर बैठी हुई थी।

तभी मुझे किसी के चलने की आवाज आई। मैं बहुत बुरी तरह से डर गई। आवाज धीरे-धीरे पास आ रही थी। मैं आंखें बंद कर ली। फिर आवाज आनी बंद हो गई।

मैंने आहिस्ता से अपनी आंखें खोली तो देखा कि जो गाय रोज दादी जी के घर रोटी खाने आती थी, वही गाय मेरे पास खड़ी पूंछ हिला रही थी। वही पूंछ जिस पर मैंने पटाखे बांधे थे।

उसकी पूंछ पर अब भी जलने के निशान थे। अनायास ही मैं उससे लिपट गई। अब मेरा डर कुछ कम हो गया था। फिर उसने धीरे-धीरे चलना शुरू कर दिया। मैं भी चुपचाप उसके ऊपर हाथ रखकर चलती रही। कुछ ही देर में हम खेत वाले रास्ते से निकलकर घर वाले रास्ते पर पहुंच चुके थे।

अब मुझे रास्ता भी याद आ गया था। लेकिन मैं फिर भी गाय के साथ-साथ ही चलती रही। कुछ ही देर में हम घर पहुंच गए। घर के बाहर बहुत लोग खड़े थे।

दादी जी ने काफी लोगों को इकट्ठा कर रखा था। मेरे लिए सब परेशान हो रहे थे। मुझे देखते ही दादी जी की जान में जान आई। आंखों में आंसू लिए उन्होंने मुझे गले से लगा लिया।

मैं भी उनसे गले लग कर रोने लगी। फिर मैंने गाय की पीठ पर प्यार से हाथ फेरते हुए उन्हें सारी बात बताई कि किस तरह आज इस गाय की वजह से ही मैं घर वापिस लौट पाई हूं।

काले बादल अब धीरे-धीरे छंट गए थे। ठीक उसी तरह मेरे मन से भी अहंकार के बादल छंट गए थे। मैंने दादी जी से कहकर पशुओं के डाक्टर को बुलवाया और गाय के जख्मों पर दवाई लगवाई।

उस दिन के बाद से मैं भी दादी जी के साथ उस गाय को गुड़ और रोटी खिलाने लगी। मुझे यह सब बहुत अच्छा लगने लगा। शहर लौटते वक्त मैंने दादी जी से वायदा किया कि आगे से मैं कभी भी किसी भी पशु या पक्षी को तंग नहीं करूंगी, बल्कि उनकी ही तरह से सभी को प्यार करूंगी।

 

पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है – YouTube

https://monicagupta.info पशु और पक्षी का हमारे जीवन में महत्व – पशु पक्षी हमारे मित्र है पशु पक्षियों के संरक्षण, भारतीय पक्षी, पशु पक्षियों के प्रति प्रे… Read more…

 

पशु और पक्षी हमारे मित्र ,

पशु पक्षियों के प्रति हमारा कर्तव्य,

पशु प्रेम,

पशु प्रेम पर कहानी ,

पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार,

पशु पक्षियों का महत्व,

पशु पक्षी पर निबंध , बच्चों की कहानी हिंदी में ,

पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार , गाय के बारे में , बच्चों की मनोरंजक कहानी ,

बच्चों की कहानी , गाय पर कहानी , बच्चों की छोटी कहानियाँ , बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ , गाय पर कहानी – पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी ,

पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार  , बच्चों की कहानियाँ , बच्चों की कहानी , छोटे बच्चों की कहानी , storytelling in hindi for kids , Moral Stories For Kids In Hindi , stories for kids in hindi with moral, शिक्षाप्रद बच्चों की कहानी ,

 

पशु पक्षियों का महत्व हमारी जिंदगी में बहुत है. पशु और पक्षी हमारे मित्र समान ही हैं. पशु पक्षियों के प्रति हमारा व्यवहार बहुत अच्छा होना चाहिए.

पशु प्रेम पर बच्चों की कहानी

January 13, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

बच्चों की मनोरंजक कहानी – और भाग्य बदल गया

 Art of Public Speaking in Hindi

बच्चों की मनोरंजक कहानी – और भाग्य बदल गया

आज सुनिए बच्चों की कहानी … और भाग्य बदल गया … एक ज्योतिष अंकल जैसे जैसे 6th क्लास में पढने वाले मनु की ग्रह दशा को देख कर बताते जाते हैं मनु वैसा वैसा ही करता जाता है… क्या वाकई इन सब में ताकत होती है … अंक शास्त्र, हाथ की रेखाएं .. क्या ये सब भाग्य बदल सकते हैं … ???

और भाग्य बदल गया

आज एक कहानी सुनाने जा रही हूं कहानी में एक लडका है जिसका नाम है मनु वो 6 क्लास मे है और आज उसका रिजल्ट आने वाला है.

आप कल्पना कीजिए कि मनु की क्लास का रिजल्ट एनाउउंस होता है और वो धडकते दिल से सुन रहा है … अचानक टीचर बोलते हैं और 6 क्लास में फस्र्ट आया है मनु मेहता.. उसके 98% मार्क्स है… मनु खुशी से चिल्ला उठता है अब मनु रिपोर्ट कार्ड लेकर घर लौट रहा है और सोच रहा है कि अगर रमेश अंकल उसकी हाथ की रेखाएं देख कर उसकी जन्मपत्री देख कर नही बताते तो वो कभी फर्स्ट नही आ सकता था.. अब हमें जाना पडेगा.

अब हमे जाना पडेगा फलेश बैक में …

एक साल पहले जब मनु का 5 क्लास का रिजल्ट आया था और बस पास ही हुआ था. उन दिनों उसके घर पर नए किराए दार आए थे

जब पहली बार मनु उनके लिए कुछ खाने का सामान लेकर गया तो उनके कमरे में कुछ ज्योतिष की किताबे रखी हुई थीं.. मनु को किसी भी बच्चे की तरह अपना भविष्य जानने का बहुत शौक था. अंकल ने बोला कि वो कल सुबह आना… कल सारा देख कर बताउंगा … अगले दिन वो फिर अंकल के पास गया और अंकल ने सारी बातें नाम पता स्थान पूछ कर गणना करनी शुरु की और … बताया कि एक सप्ताह क्या क्या नही करना और अगर करना है तो क्या क्या करना है … मनु को उनकी बाते अच्छी लगी और वो अब लगभग हर रोज जाने लगा.

अंकल ने उसका टाईम टेबल बना दिया कि पढने के क्या सही समय है खेलने का समय है पढते समय क्या क्या करेगा तो नम्बर अच्छे आएगें … तीन दिन बाद मनु का क्लास टेस्ट था और मनु को उसमे पूरे मार्क्स मिले तो उसका विश्वास बढता चला गया… अब वो सारा काम अंकल से पूछ कर करने लगा …

अंकल आधा आधा घंटा हाथ देखने मे लगाते और कुछ गिनते भी रहते और सूर्य ब्य़हस्पति के बारे में बातें  करते जोकि उसे बिल्कुल समझ नही आती थी .. अंकल ने उसके टाईम टेबल में खेलने का भी बहुत समय रखा हुआ था .. इस वजह से भी वो बहुत उत्साहित था… फिर खाने पीने मे भी उसके लिए क्या सही है वो भी मानता रहा … मनु घर पहुंचने वाला था उसके कदम भाग रहे थे उसका मन कर रहा था कि कि वो भाग कर अंकल के पास चला जाए और उन्हें बताए कि आज उन्ही के ज्योतिष की वजह से वो प्रथम आया है… घर पहुंच गया है और अब खत्म होता है फ्लैश बैक

उसे ड्राईंग रुम से बाते करने की आवाज आ रही थी…आवाज अंकल ही थी वो उसके मम्मी पाप से बात कर रहे थे… वो इससे पहले अंदर आता उसे मम्मी की आवाज आई मम्मी अंकल से बोल रही थी कि भाई साहब आज मनु आपकी वजह से ही पढाई में होशियार बना है तभी अंकल की आवाज आई … मेरी वजह से नही अपनी मेहनत की वजह से … मुझे से ज्योतिष की अ भी नही आती वो तो जब पहले दिन मनु मेरे कमरे में आया और उसने किताबे रखी देखी तो मुझे झूठ बोलना पडा … असल में वो किताबें तो मेरे एक दोस्त की थी उसे देने के लिए रखी थी … उसी शाम जब मैं आपके पास आया और आपने बताया कि पढाई मे मनु अच्छा तो है पर सीरियस नही है अगर एक टाईम टेबल बना ले और खाने पीने पर ध्यान दे तो वो भी क्लास में टोप कर सकता है और देखिए उसके बाद से रिजल्ट आना अच्छा शुरु हो गया. तभी मनु के पापा की आवाज आई कि आपने जो टाईम टेबल दिया और खेलने का ज्यादा टाईम रखा और ग्रह दशा के हिसाब  से पढते समय टीवी या मोबाईल पास मे न रखने की जो सलाह दी वो भी काम कर गई…

मनु वही खडा का खडा रह गया… यानि वो जो आज फर्स्ट आया उसमे ज्योतिष का जरा भी रोल नही था सही टाईम टेबल पढने का सही तरीका और सही खान पान ही उसका समाधान था …और वो क्या सोचता रहा …

परदे के पीछे बात सुन रहा मनु अचानक सामने खडा हो जाता है… मनु के मम्मी पापा और अंकल एक दम से मनु को देख कर चुप हो जाते हैं मनु की मम्मी अचानक उठती हैं और पूछ्ती हैं कि क्या रिजल्ट रहा … और मनु मुस्कुराते हुए तीनो का आशीर्वाद लेते हुए कहता है आप बतईएग ना आप तीनो को तो पता ही होगा … तीनो एक दूसरे को देखने लगते हैं और मनु खुश होकर चिल्लाते हुए कहता है कि आप तीनों मेहनत सफल हुई और वो फर्स्ट  आया है … घर का माहौल खुशनुमा हो जाता है

अंकल मनु को गले लगा लेते हैं और मम्मी पापा की आखे भर्रा आती है … मनु अंकल को बोलता है कि अंकल इस साल भी आपने ही बताना है मेरा भाग्य … सब मिलकर हंसते हैं …  आज सच्ची मेहनत की कीमत जान चुका था …

 

अपनी मेह्नत अपनी काबलितियत पर पूरा भरोसा रखना चाहिए …

 

 

 

Dear Parents Your Kind Attention Please – Monica Gupta

Dear Parents Your Kind Attention Please- परीक्षा की तैयारी के दौरान माता पिता यानि पेरेंटस यानि अविभावक ध्यान दें कि बच्चों के लिए परीक्षा के कठिन दिन से Dear Parents Your Kind Attention Please – Monica Gupta

 

Subscribe to my channel for more videos:

https://monicagupta.info/subscribe-youtube-channel

Stay Connected

  • Facebook
  • Instagram
  • Pinterest
  • Twitter
  • YouTube

Categories

छोटे बच्चों की सारी जिद मान लेना सही नही

Blogging Tips in Hindi

Blogging Tips in Hindi Blogging यानि आज के समय में अपनी feeling अपने experience, अपने thoughts को शेयर करने के साथ साथ Source of Income का सबसे सशक्त माध्यम है  जिसे आज लोग अपना करियर बनाने में गर्व का अनुभव करने लगे हैं कि मैं हूं ब्लागर. बहुत लोग ऐसे हैं जो लम्बें समय से […]

GST बोले तो

GST बोले तो

GST बोले तो –  चाहे मीडिया हो या समाचार पत्र जीएसटी की खबरे ही खबरें सुनाई देती हैं पर हर कोई कंफ्यूज है कि आखिर होगा क्या  ?  क्या ये सही कदम है या  देशवासी दुखी ही रहें …  GST बोले तो Goods and Service Tax.  The full form of GST is Goods and Services Tax. […]

डर के आगे ही जीत है - डर दूर करने के तरीका ये भी

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन

सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लॉग लेखन – Social Networking Sites aur Blog Writing –  Blog kya hai .कहां लिखें और अपना लिखा publish कैसे करे ? आप जानना चाहते हैं कि लिखने का शौक है लिखतें हैं पर पता नही उसे कहां पब्लिश करें … तो जहां तक पब्लिश करने की बात है तो सोशल मीडिया जिंदाबाद […]

  • Home
  • Blog
  • Articles
  • Cartoons
  • Audios
  • Videos
  • Poems
  • Stories
  • Kids n Teens
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Disclaimer
  • Anti Spam Policy
  • Copyright Act Notice

© Copyright 2024-25 · Monica gupta · All Rights Reserved