Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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June 13, 2017 By Monica Gupta Leave a Comment

क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात

जीवन में माता पिता का महत्व

क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात – kshama badan ko chahiye – KSHAMA BADAN KO CHAHIYE, CHHOTAN KO UTPAAT-  KAH PRABHU KA GHAT GAYO JO BHRIGU MAARI LAAT . क्षमा वीरस्य भूषणम यानि क्षमा वीरों का आभूषण है। कमज़ोर व्यक्ति कभी किसी को माफ नहीं कर सकते. माफ करने वाला व्यक्ति अपने मन से शक्तिशाली होता है. मुझे माफ कर दो, गलती का अहसास है मुझे, हां हो गई गलती  , क्षमा वीरस्य भूषणम …..

क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात

कई बार life में ऐसा होता है कि किसी से गलती हो गई तो हम तने हुए रहते हैं और गुस्से में लबालब कि तुझे तो जिंदगी भर माफ नही करेगें … पर इसका परिणाम क्या निकलता है … जन्म जन्म के दुश्मन ..हमेशा के लिए सम्बंध खत्म … जबकि सॉरी  Sorry छोटा सा शब्द है क्षमा और इसे मांगने से कोई छोटा बडा नही हो जाता … बल्कि माफ कर देना हमारा बडप्पन है …

अपने व्यक्तित्व को ऐसे भी निखारा जा सकता है 

देखिए कई बार होता है कि हम माफ नही करना चाह्ते तो ऐसे में सोचिए कि अगर ये बात आपके साथ हुई होती और आपको माफी नही मिलती तो कैसा लगता…

या फिर सोचिए कि अगर किसी ने गलत काम किया किसलिए किया किसलिए ये नौबत आई…उस परिस्थिति में जाएँ कि उसने ऐसा काम किया ही ही क्यूं

कई बार नाराजगी इतनी ज्यादा होती है कि हम माफ करना ही नही चाह्ते तो कोई बात नही …  समय बहुत मददगार होता है … कुछ समय गुस्से में रहें जब कुछ समय बाद गुस्सा उतर जाए तो माफ …

या फिर ये सोचिए कि इंसान तो गलतियों का पुतला है, गलती करके ही सीखता है. अगर गलती हो हई तो कोई बात नही …

और फिर नही समझ पा रहे हो कि माफ क्यो करें तो कोई ऐसी कहानी जिसने किसी को माफ किया हो … इतिहास की कोई ऐसी घटना पढे तो भी हमारा मन बदल सकता है …

हम सोच लें कि हम सकारात्मक सोच रखते हैं और अपना बडप्पन दिखाते हुए ये कहते हुए माफ कर दें कि इस बार तो कर रहे हैं पर अगली बार ये गलती की तो फिर माफी नही मिलेगी.. माफ कर दे और

 

फिर भी समझ आ रहा हो तो यही मान लीजिए कि अगर हम गुस्से को अपने अंदर रखेंगें तो वो हमारे लिए हानिकारक भी हो सकता है, इस बात को समझें…

जो व्यक्ति दूसरों की गलतियों को माफ कर देता है, उसे भगवान जी का आशीर्वाद ज़रूर प्राप्त होती है.

शास्त्रों में ऐसा कहा गया है – “जहाँ दया तहां धर्म है, जहाँ लोभ तहां पाप ,  जहाँ क्रोध तहां काल है, जहाँ क्षमा तहां आप ” इसका अर्थ है कि जिस व्यक्ति के दिल में क्षमा का भाव होता है, दया का भाव होता है; उसका मन साफ़ होता है. और जिसका मन साफ़ या पवित्र होता है, परमात्मा का वास भी उसी दिल में होता है.

 

किसी को माफ कर देने से हम परमात्मा की मौजूदगी का अहसास कर पाएंगे.

जब आप किसी को माफ नहीं करते और उसे अपना दुश्मन बनाकर दुश्मनी निभाते रहेंगे. इससे आपका उस व्यक्ति से जन्म-जन्म का दुश्मनी का रिश्ता बन जाएगा…..

  • क्षमा करों और आगे बढ़ों. जब आप माफ़ करते हैं तब आप भूत past को नहीं बदलते हैं, लेकिन आप निश्चित रूप से भविष्य को बदल देते हैं.
  • अगर भूल इंसान की प्रवृति है, तो क्षमा इंसान की संस्कृति है. कर दीजिए माफ … चलिए बनिए वीर
  • मुझे माफ करना , मुझे माफ कर दो, गलती का अहसास., गलती हो गयी, हा हो गई गलती , माफ करना , सॉरी बोलने के तरीके, क्षमा बड़न को चाहिए , क्षमा वीरस्य भूषणम ,    क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात
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November 1, 2016 By Monica Gupta Leave a Comment

पति पत्नी में अनबन – सुनो, मुझे माफ कर दो

पति पत्नी में अनबन - सुनो, मुझे माफ कर दो

पति पत्नी में अनबन – सुनो, मुझे माफ कर दो  – पति पत्नी के प्यार और तकरार की एक कहानी है. सुनो, मुझे माफ कर दो … कहानी है रवि और माला की दोनो अच्छा कमाते हैं पर एक दिन किसी बात पर झग़डा बहुत बढ जाता है और फिर क्या होता है जानने के लिए पढनी पढेगी कहानी …सुनो, मुझे माफ कर दो

पति पत्नी में अनबन – सुनो, मुझे माफ कर दो

कुछ ऐसा हुआ रवि और  माला के साथ … शादी हुए साल भी नही हुआ था … रवि और माला की लव मैरिज थी और दोनों अपनी अपनी नौकरी में व्यस्त … शादी को कुछ समय बीता और छोटी मोटी कहासुनी उनकी भी होने लगी… ऑफिस से समय मिलता तो कई बार माला अपनी बडी दीदी को फोन मिला लेती और घंटों अपनी और रवि के बीच की सारी बातें डिस्कस करती.

एक दिन रवि के परिवार वालो की ओर से कोई बात उठी और बात ज्यादा ही बढ गई ..उस दिन दोनों मे झगडा हुआ और रवि बिना नाश्ता किए ही आफिस चला गया. माला भी मुंह बना कर एक ओर लेट गई और आफिस नही गई… तभी दीदी का फोन आ गया.. और गुस्से में वो रवि से हुई सारी बात बताने लगी …

दीदी का पारा भी बातें सुनकर चढने लगा कि रवि भी कैसा निकला ऐसा तो नही सोचा था … दीदी ने सारी बात मम्मी को बता दी और मम्मी तो हाय मेरी बेटी कह को दुख दे रहा है कह कर रोना शुरु कर दिया … और कुछ ही घंटे बाद माला के मम्मी, पापा और दीदी उसके पास उसके घर पर थे…

मम्मी ने तो रट लगा ली थी कि अब एक पल भी यहां नही रुकने देंगी क्योकि आज लडाई की है कल हाथ भी उठा सकता है … कुछ दिन दूर रहेगी तो शायद उसे अकल ठिकाने आ जाए … माला फोन मिलाने को हुई तो मम्मी और दीदी ने फोन काट दिया कि कोई जरुरत नही है फोन करके जाने की …

कुछ तो माला का गुस्सा और कुछ अपने परिवार वालो की बातों में आकर माला ने फैसला कर लिया कि वो अभी मम्मी के घर चली जाएगी ..खुद कमाती है तो किसी की धौंस किसलिए सुने…

उस समय तो वो अपनी मम्मी के घर आ गई पर जब शाम तक भी रवि का फोन नही आया … तो उसके दिल में और गुस्सा भर गया कि इतना अहंकार … जरा भी चिंता नही की … सारी जिंदगी ऐसे आदमी के साथ कैसे गुजारुंगी…

समय बीता और दो दिन भी हो गए… दो दिन कोई फोन नही आया और उधर दबाव में आकर माला ने  तलाक के कागज भी साईन कर दिए.. पर उसके मन में एक ही बात चल रही थी कि अभी तक कोई फोन किसलिए नही आया … कहीं कोई बात … कोई दुर्धटना .. पर फिर उसने अपने सिर को झटक दिया…

इसी बीच वो वटसअप और फेसबुक चैक कर चुकी थी पर उसे भी दो दिन से नही देखा गया था .. जाने अंजाने उसका दिल घबराने लगा.. पर अपने आप को रिलेक्स करने के लिए वो नहाने चली गई … नहाते वक्त सोचने लगी कि  वो ही ज्यादा रिएक्ट कर गई … क्या हो गया था अगर आपस में बात हो गई थी तो … आपस में छोटे मोटे झगडे तो चलते ही रहते हैं …

पता नही रवि का क्या हाल होगा … कही सुसाईड कर लिया हो तो … पता नही अंट शंट सोचती बाथरुम से बाहर निकली और सोचने लगी कि लडाई तो शादी से पहले भी होती थी और मनाना भी आता था पर आज अचानक क्या हुआ …आखिर किसलिए उसने इतना बढा कदम उठा लिया…

अचानक दरवाजे पर घंटी बजी. वो चौक कर उठ बैठी…. अरे … वो तो सो रही थी और ये सारा सपना चल रहा था… दरवाजे पर फिर से घंटी बजी और वो सपने की दुनिया से बाहर निकल कर दरवाजा खोलने के लिए बढी उसे याद आया सुबह जब रवि से झगडा हुआ और वो बिना नाश्ता किए ऑफिस चला गया तो वो भी चुपचाप सो गई थी और ये सारा सपना ही चल रहा था…

उसी सोच में उसने दरवाजा खोला  … सामने देखा तो रवि खडा था हाथ में लाल गुलाब लिए जैसे वो पहले लाया करता था अपनी रुठी मालू को मनाने के लिए… उसने गुलाब माला की ओर बढाया और कुछ बोलने ही वाला था कि माला ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और बोली आई एम सॉरी … सुनो….   मुझे माफ कर दो … और दोनो नम आखॆं लिए गले लग गए…

नाश्ता करके अब रवि ऑफिस जा रहा था और पर अब चेहरे पर मुस्कान थी… माला ने छुट्टी ले रखी थी इसलिए अपने बालो का जूडा बनाती वो फैले हुए घर को समेट्ने में सहेजने में जुट गई…

तभी दीदी का फोन आया … वो सपने की सारी बात याद करके मुस्कुराने लगी और फोन उठाने पर दीदी से बोली कि आज छुट्टी का मन था इसलिए बस घर पर आराम कर रही हूं …

इतने में रवि का मैसेज आया कि वो ऑफिस पहुंच गया है आई लव यू  और माला ने भी उसका जवाब थम्स अप करके दिया और फोन रखती हुई सोच रही थी कि अब वो समझदारी से काम लेगी और अपना घर संसार खूबसूरती से निखारेगी …

सार ये है कि बात बात को घर परिवार मे शिकायत के तौर पर करना सही नही है … जरा समझदार बनिए पति पत्नी का रिश्ता और निखारिए और अपने घर संसार की बगिया किसी की बातों में आकर नही बिखरने दे .. बहुत प्यारा है ये रिश्ता …

पति पत्नी में अनबन - सुनो, मुझे माफ कर दो

पति पत्नी में अनबन – सुनो, मुझे माफ कर दो – कहानी आपको कैसी लगी ?? जरुर बताईएगा !!

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