How to Maintain Relationships – रिश्तों को कैसे संभालें – How to Handle Relationships – Monica Gupta – Good Relationship Tips In Hindi – Monica Gupta Videos – और वो खुशी खुशी रहने लगे.. कई बार हम कोई मूवी देख रहे होते हैं और तीन घंटे की मूवी में जब सारा तनाव, झगडा खत्म हो जाता है तो लिखा आता है… और वो खुशी खुशी रहने लगे… एक नई शुरुआत.. हैप्पी एंडिग… और हम स्माईल लेकर हॉल से निकलते हैं…
How to Maintain Relationships – रिश्तों को कैसे संभालें – How to Handle Relationships
हम सभी किसी न किसी से रिश्ते से जुडे हुए हैं पर कई बार रिश्ते में खटास भी आ जाती है और कडवाहट भी.. ये न हो.. रिश्ते खूबसूरत बने रहें और सभी एक दूसरे को प्यार करे इसके लिए जरुरी है रिश्तें को सम्भालना.. पर कैसे सम्भालें रिश्तें को… किन बातों का ख्याल रखें… वैसे तो बहुत सी बातें हैं पर मेरे हिसाब से जो बहुत जरुरी हैं… वो जरुरी 7 बातें बता रही हूं…
सबसे पहले तो अपना ख्याल रखिए... अगर हम दूसरो का ख्याल रखना चहते हैं तो अपना ख्याल रखना बहुत जरुरी है… एक परिवार में एक महिला खुद ही सुस्त और बीमार रहती है तो वो दूसरे का ख्याल कैसे रखेगी… अलग अलग तरीके से ख्याल रखा जा सकता है.. exercise खाने पीने का ख्याल रखना, अपने लिए समय निकालना.. कुल मिला कर खुद का ख्याल रखना है तभी हम दूसरो का ख्याल रख पाएगे..
हम जानते है कि जब हम हवाई यात्रा करते हैं तो announcement होती है कि in case of an emergency to put our own oxygen mask on before we help the person sitting next to us. बस यही सोच रखनी है…
2. रिश्तों के बारे में सचेत रहिए..
जैसे पौधे को हरा भरा रखने के लिए सही धूप , पानी खाद की जरुरत होती है वैसे ही रिश्तों को सहेजने के लिए भी प्यार, संयम, पॉजिटिविटी, समर्पण, विश्वास की जरुरत होती है… जहां कोई एक बात कम हुई वही.. कुम्हलाने लगते हैं… nurture पालन - पोषण करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए…
अक्सर लोग कहते हैं की पैसा सम्भाल कर रखो बुरे वक्त पर काम आयेगा
पर अक्सर लोग यह भूल जाते है कि
“रिश्ते सम्भाल कर रखे तो, बुरा वक्त यूं ही गुजर जायेगा…
3.Grow Your Tolerance –
अपनी सहन शक्ति बढानी होगी… कोई परफेक्ट नही होता.. असल में, हम उम्मीद लगा कर बैठ जाते हैं.. अगर ये सोच ले कि कोई न कोई कमी हर किसी में होती है हम मे भी होगी तो दुखी नही होंगें.. अपनी एगो को एक तरफ रख कर अपनी Tolerance पॉवर बढानी होगी.. जितने हम सहन शील होंगें उतना ही खुशहाल परिवार होगा..
तर्क नर्क का द्वार है जहां समर्पण है वहां स्वर्ग है..एक परिवार था पांच पीढियों से चला आ रहा था.. एक बार राजा उस परिवार के पास जाते हैं कि आखिर राज क्या है.. तो वो सबसे बुजुर्ग से पूछते है तो वो काहज पैन मंगवाते हैं और कांपते हाथो से लिखते हैं सहन शीलता.. बस इसी बात को अपनाया.. एक मंत्र हो तो परिवार क्या पूरा देश एक हो कर रह सकता है..
4. Respect
एक दूसरे का आदर करना – बिना आदर मान दिए हमें आदर मान नही मिल सकता इसलिए बहुत जरुरी है एक दूसरी की भावनाओ को समझना आदर मान देना.. एक दूसरे को सुनना.. सास अपनी इगो में, ननद अपनी इगो में जेठानी अपनी इगो में… जैसे की सुनना, कोई गलती हो तो माफी मांगना, किसी ने गलत कह दिया तो माफ कर देना… अच्छे बन कर रहना, बात सुनना भी रिस्पेक्ट में ही आता है.. वही पति पत्नी का भी यही हाल देखने में आता है…
“uh uh” नही करना.. या काम कर रहे हैं और बस बोलते रहो.. आराम से सुनना.. बहुत परिवारों में देखा गया है कि पति पत्नी को समय नही देते.. बैठ कर बात नही करते… तो रिश्तें दरकने लगते हैं.. बहुत बातें होती हैं जो जाननी, सुननी जरुरी होती है.. इसलिए अगर रिश्तों को सम्भाल कर रखना है तो एक दूसरे को सुनना समझना बहुत जरुरी है..
रिश्ते-नाते कभी जिन्दगी के साथ-साथ नही चलते,
रिश्ते एक बार बनते हैं और फिर जिन्दगी रिश्तों
के साथ साथ चलती हैं…
5. Teamwork
परिवार एक तरह की टीम होती है जिसमे सभी को support भी करना है और contribute भी.. मान लीजिए एक परिवार में कुछ लोग खाने पर आ रहे हैं तो कितना अच्छा हो सब काम बांढ ले… नही तो सारा काम एक महिला को की करना है.. घर की सफाई करनी है.. बाजार से सब्जी ले कर आनी है. फिर खाना बनाना है फिर सर्व भी करना है… वही सभी के काम बांट लिया कि तो बोझ भी नही लगेगा और काम आराम से हो जाएगा…
या परिवार में एक व्यक्ति बीमार है.. सभी सदस्य उसके साथ समय निकाल रहे हैं… बात कर रहे हैं उसे एनकरेज कर रहे हैं कि जल्दी ठीक हो जाओगे और एक तरफ वो सारा दिन अकेला लेटा रहता है कोई हाल चाल पूछ्ने नही आता… तो क्या होगा.. वो और ज्यादा निराशा में चला जाएगा.. पूरी फैमली की स्पोर्ट मिले तो आत्मविश्वास आता है..
6. घर पर सोशल मीडिया से दूरी बना कर रखना… सब घर के लोग एक साथ रहते हैं पर नेट पीछा नही छोडता.. शारीरिक रुप से आप वहांं है पर मानसिक रुप से नही… मम्मी बच्चे से पूछती है.. खाना लगा दू… कोई जवाब नही.. पति से एक महिला पूछ्ती है चाय ले आऊ.. इशारा कर देगा.. बस 5 मिनट काम कर लू..
किसी भी रिश्ते की सिलाई,
अगर भावनाओं से हुई हैं तो टूटना मुश्किल हैं
और अगर स्वार्थ से हुई हैं तो टिकना मुश्किल हैं…
साल बाद बेटा अपने बूढे माता पिता से मिलने जाता है उनके साथ फोटो लेता है सोशल मीडिया पर डालता है और सभी आए कमेंटस का जवाब देने में बिजी हो जाता है.. असल में बात करने की हाल चाल जानने की जरुरत नही… इससे दूरे.. समय फिक्स होगा कि खाने के समय नही .. बस बातें होगीं.. ना टीवी न नेट…
सबसे जरुरी बात है विश्वास …
7. एक दूसरे को एप्रीशिएट कीजिए…
एक ने कुछ भी अच्छा किया तो तारीफ कीजिए… कुछ नही जाता.. बल्कि समने वाले का नजरिया ही बदल जाता है वो अति उत्साही हो जाता है… सास बहू की करे.. या देवरानी और जेठानी एक दूसरे की करें.. तो अच्छा लगता है… हम नाराजगी तो फटाक से जाहिर कर देते है पर जहां तारीफ करने की बात आती हैं वहां ब्रेक लग जाता है… तो करनी चाहिए… एक दूसरे के लिए समय समय पर उपहार लाना चाहिए ताकि रिश्तें में नयापन रहे..
बातें तो जितनी कर लें पोईंटस तो जितने भी बना ले कम ही है.. सोच इस बात की है हम क्या सोचते हैं… अगर हम रिश्ते बना कर रखना चहते हैं तो एक ही बात बहुय्त है नही तो कित
एहसासों की नमी होना जरुरी है हर रिश्ते में…
रेत सूखी हो तो हाथों से फिसल जाती है…!!