सोशल मीडिया वरदान या अभिशाप
मीडिया ट्रायल … अजी अदालत, कोर्ट कचहरी नुक्ता चीनी करे .. खिचाई करे तो समझ आता है पर मीडिया खिंचाई करे तो …. जरा सोचिए !!
मीडिया किसी को नही बक्शता…चाहे नेता हो अभिनेता हो या हो, पुलिस हो पब्लिक हो यहां बस सब बिना बात की गहराई तक जाए बिना कुछ जाने समझे… भेडचाल में … बस किसी का कभी भी जलूस निकाल देते हैं… एक बार बस फंसने की देर है फिर देखिए क्या हश्र होता है..
सोचने की बात यह भी है कि क्या ये सही है ?? क्योकि कई बार बेगुनाह और ईमानदार आदमी इसकी चपेट में आ जाता है और पूरी जिंदगी सदमे से उबर नही पाता है