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हार्दिक शुभकामनाएं – ओडियो Audio
मैं अपनी सहेली मणि के घर गई तो वो उलझी हुई थी लिस्ट बनाने में बोली कि फैस्टिवल आने वाले हैं पहले से ही शुभकामनाएं देने लेने की लिस्ट बनी हो तो अच्छा रहता है मैने उसे कहा कि अरे इसमें इतना टेंशन वाली क्या बात है लिस्ट में चार केटेगिरी बनाओ 1 धक्के से 2 मजबूरी से 3 जरुरी से 4 दिल से
धक्के से जैसा कि नाम से पता चलता है कि हमें धक्के से शुभकामनाएं देनी पडती जैसे कि मकान मालिक वो हमे जरा भी अच्छा नही लगते कभी पानी तो कभी पार्किंग के लिए तंग करके रखते है पर धक्के से विश करना ही पडता है
अब आती है मजबूरी से. मजबूरी केटेगिरी में वो लोग आते हैं जो हमे भाव नही देते पर हमारा उनके बिना काम नही चलता जिन से हमे काम निकलवाना है, पैमैंट निकलवानी है जैसाकि पत्रिका के सम्पादक .. भले ही हमारी सम्पादक से जान पहचान हो ना हो पर शुभकामनाएं भेजेगे अरे भई आर्टिकल भी तो छपवाने है कि नही जरुर.
अब बारी आती है जरुरी से की. और जरुरी है वो लोग जो जाने अंजाने सारे साल किसी ना किसी रुप मे हमारे काम आते हैं जैसे कि डाक्टर, बैंक मे काम करने वाले या बच्चो की ट्यूशन सर या क्लास टीचर क्योकि सारे साल उन्होने ही तो ख्याल रखना है बच्चों को अच्छे marks मे.
अब बात आती है दिल से की. जिसमे है हमारा घर परिवार हमारे प्यारे दोस्त जो हमेशा हमारे साथ दिल से जुडे रहतें हैं हमारी एक स्माईल smile से हमारे दर्द को महसूस कर लेते हैं और बिना लिखे हमारे शब्द समझ जाते हैं वटस अप पर हमारे लास्ट सीन last seen को देखते हैं और हमारी डीपी पर thumbs up हमारा हौंसला बढाते हैं.
वैसे सोशल मीडिया भी अच्छा माध्यम है अपनी शुभकामनाएं देने का… बस वोल पर शुभकामनाएं लिख दो.. फोन का डाक का खर्चा भी बचेगा …वैसे .आपने तो लिस्ट बना ली होगी अगर नही बनाई तो बना लीजिए और सबसे ज्यादा अहमियत दिल से वाली केटीगिरी को दीजिए .. कल फिर मिलूगी एक और नई केटेगिरी ohh मेरा मतलब topic के साथ तब तक
अपना ख्याल रखिए खुश रहिए बाय बाय…. फिलहाल आपको हार्दिक शुभकामनाएं दिल से