हमारा देश विभिन्नताओं में एकता का प्रतीक माना जाता रहा है.. बचपन से ना सिर्फ इसे पढ़ा है बल्कि देखा और महसूस भी किया है पर ना जाने किस की नजर लग गई हमारे देश को…
जहां देखो, जो भी न्यूज़ चैनल देखो, अखबार देखो, मज़हबी झगडो की भरमार हो रखी है…
आज एक खबर ने और ज्यादा हैरान कर दिया कि जोमैटो के एक ग्राहक ने उसके डिलिवरी बॉय से सिर्फ इसलिए खाना नहीं लिया था क्योंकि वह मुस्लिम था. ग्राहक का तर्क था कि अभी सावन हैं इसलिए वह मुस्लिम डिलिवरी बॉय से खाना रिसीव नहीं करेंगे. क्या होता कि अगर कोई हिंदु उन्हें खाना देता पर वो खाना बनाया किसी मुसलमान ने होता… तो ??? है कोई जवाब??
https://aajtak.intoday.in/story/zomato-case-political-leader-comments-muslim-rider-twitter-1-1106543.html
ये हो क्या रहा है.. ?? ऐसी छोटी छोटी खबरें एक दिन कोई जोर का झटका ही ना दे दें… तो बजाय हर समय न्यूज चैनल का मुंह ताकने के की वो कुछ करें… कदम हमें भी उठाना होगा…
हम सब एक हैं और एक ही रहेंगें… हम अपने सोशल मीडिया पर या अपने आसपास तो माहौल परस्पर प्रेम का ही रखें…
15 अगस्त भी आने वाली है अगर देश का गुणगान दिल खोल कर करना है तो एकता से रहिए मिलजुल कर रहिए.. इधर उधर नहीं देखिए.. शुरुआत खुद से कीजिए… अन्यथा…….