Breaking Bad Habits in Children – बच्चों की बुरी आदतों को कैसे दूर करें – How to Change Bad Habits in Children बिगड़े हुए बच्चे को कैसे सुधारें – बच्चों की बुरी आदतों को कैसे खत्म करें –
Breaking Bad Habits in Children – बच्चों की बुरी आदतों को कैसे दूर करें –
बच्चों की बुरी आदतों को कैसे सुधारें… घर पर या बाहर कोई न कोई आदत बच्चों को देखा देखी पड ही जाती है तो क्या करें पेरेंटस? उसे कैसे Correct करें क्योकि उसे सुधारना जरुरी इसलिए होता है एक तो कई बार सेहत पर असर डालती है तो कई बार बच्चे के व्यक्तित्व पर…
तो मैं एक एक करके बताती हूं…
Be patient
पहले तो एक Patience से कम ले.. एक दम गुस्सा या overreact करने की जरुरत नही.. बच्चे को मारना या चिल्लाना शुरु कर दिया.. तो इस पर कंट्रोल करके..
कई बार हमें ignore कर देना चाहिए…
बहुत बार हम बहुत ज्यादा ध्यान attention देते रहते हैं तो बच्चा अगर वो काम नही कर रहा तो भी थोडा सा conscious हो जाता है.. जैसे एक बच्चा बार बार चप्पल मुंह में डालता है… आप मना करते हो गुस्सा होते है.. एक बार या दो बार उसकी तरफ ध्यान ही मत दीजिए.. वो डाल रहा है डालने दीजिए… उसे लगेगा कि कोई ध्यान ही नही दे रहा यानि ये कोई जरुरी बात नही.. फिर वो किसी दूसरे काम में लग जाएगा… ये बच्चे की साईकोलोजी होती है… तो बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत नही पर लगे कि फिर भी सही नही हो रहा तो सचेत होने की जरुरत है…
अब जरुरत है ये जानने की कि इस आदत की जड क्या है.. यानि Root Cause क्या है..
बच्चा ऐसा behaveकिसलिए कर रहा है .. जैसे मान लीजिए एक बच्चा पैसे चोरी करता है… उसका कारण क्या है… क्या उसके दोस्त ऐसे है या उसे पकेट मनी नही मिलती.. या वो सिर्फ ध्यान बढाने के लिए ऐसा करता है… वजह बहुत सारी हो सकती है और हमें बच्चे से बात करके observe करके इस बात की जड तक जाना चाहिए और उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए…
सब कुछ जानकर इसकी better option चुननी चाहिए..
Educate करना चाहिए..
अलग अलग तरीको से बच्चे को समझनाना चाहिए या कोई कहानी सुना कर .. कोई उदाहरण देकर. कोई वीडियो दिखा कर जिसमे बच्चा वैसा ही करता हो फिर उसके परिणाम बता कर.. नियम बनाकर
अलग अलग तरीके से बच्चों को समझाया जा सकता है पर दूसरे के सामने बच्चे की पिटाई करके या गुस्सा नही होना चाहिए.. बच्चों का भी आत्मसम्मान होता है तो उन्हें अकेले में समझाएं.. और ये भी बताए कि ये बात मैं किसी से नही कहूंगी पर आज इसे दुबारा नही करेंगें.. कुछ चाहिए तो आप मुझसे बात करेंगें..
बहुत ज्यादा सख्ती नही दिखानी… विश्वास रखिए
बहुत बार पेरेंटस बहुत ज्यादा सख्त हो जाते हैं तो बजाय सख्ती दिखाने के थोडा संयम रखिए मान कर चलिए एक दिन में बच्चा ठीक नही हो जाएगा.. उसे समय दीजिए और इस बीच में आप gentle reminders देते रहिए अगर बच्चा उसे दोहरा रहा है तो..
मनोबल Boost करना है
मनोबल बढाना है कि आप इस आदत को छोड सकते हो.. एक तो है कि तुम तो इस आदत को कभी नही छोड सकते.. एक है कि मुझे यकीन है आप इसे छोड दोगें.. आपको पता है कि इसके परिणाम अच्छी नही है… सही गलत की जानकारी हमने दे ही दी है.. उसे बूस्ट करना है
Boost करने के लिए हम Praise भी कर सकते हैं और Reward भी दे सकते हैं अगर इस हफ्ते झूठ नही बोला अगर इस हफ्ते अंगूठा मुंह में नही डाला तो.. आपके लिए ये ईनाम है.. ताकि वो भी उस आदत से दूर रहना चाहें
कुल मिलाकर ये पेरेंटस का कर्त्वय है.. बच्चों को सुधारना.. इसके लिए बच्चे को समय देना होगा… बच्चे के साथ समय बिताना होगा ताकि आप भी बच्चे को समझ पाएं और बच्चा आपसे बातें शेयर कर पाए..और कोशिश यही करनी चाहिए कि ये आदते बचपन मे ही सुधार दी जाएं क्योकि अगर ध्यान नही दिया तो बडे होने पर इन्हें हटाना मुश्किल हो जाता है..
बिगड़े हुए बच्चे को कैसे सुधारें
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