Increase vs decrease
जनसंख्या लगातार बढ रही है. महंगाई का तो कोई हिसाब ही नही बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार,प्रदूषण, पेट्रोल, राशन आदि की तो बात ही मत करो . हाल बेहाल है. क्या इनसे कभी छुटकारा मिलेगा. क्या हमारे सामने कभी कमी भी आएगी या कमी का नाम भी इतिहास हो जाएगा क्या इनसे कभी छुटकारा मिलेगा…..
अगर आप ऐसा ही कुछ सोच रहे हैं तो परेशान होने की कोई जरुरत नही है क्योकि आज के समय मे बहुत सी चीजो मे कमी या गिरावट आई है और तो और कुछ चीजे तो इतनी सस्ती हो गई है कि उनका कोई मोल ही नही रहा और आप हैं कि राग अलापे जा रहे हैं.
सुनिए हमारी जान(जिंदगी) सस्ती हो गई है इसकी कोई कीमत नही रही.
जीवन के मूल्य गिर गए है.
आँखो का पानी खत्म होता जा रहा है.
विश्वास की नीव कमजोर हो गई है.
सहनशक्ति कम हो गई है.
जंगल खत्म हो गए हैं हरियाली मे भारी कमी आई है.पक्षियो की चहचाहट कम हो गई है.
चीनी मे मिठास कम हो गई है.
बिजली की सप्लाई कम हो गई है.
स्कूलो मे टीचर और अस्पतालो मे डाक्टरो की कमी हो गई है.
खाने मे पोषक तत्वो की कमी हो गई है.
लडकियो मे खून की कमी हो गई है.जागरुकता, इज्जत, आदर मान ना के बराबर रह गए है और भी बहुत उदाहरण है इसलिए यह मत कहिए कि आज के समय मे कमी की कमी हो गई …..
कैसा लगा आपको ये Increase vs decrease लेख जरुर बताईगा 🙂 )