Satire … हास्य व्यंग्य — तो क्या हुआ (कुछ कतरन)
हास्य व्यंग्य
हास्य व्यंग्य सुनने मे भले ही एक्सीडेंट शब्द अच्छा न लगे पर व्यंग्य पढ कर हम सभी चाहेंगें कि हमारा भी ऐसा ऐसा ही……. !!!! वैसे हास्य- व्यंग्य हमेशा अपनी और आकर्षित करते हैं और कुछ पल को ही सही दिल को रिलेक्स कर जाते है… ( कुछ कतरन) हास्य व्यंग्य
चलो स्कीम बनाए
चलो स्कीम बनाए ये व्यंग्य दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ. बाजार में त्योहार आते नही कि स्कीमें शुरु हो जाती है. फलां के साथ फलां फ्री आदि अब शापिंग की शौकीन महिलाओ को स्कीम के तहत कुछ भी फ्री का मिले तो खुश होना स्वाभाविक ही है पर स्कीम का अंत होता क्या है बेशक […]
ये हो क्या रहा है
ये हो क्या रहा है नामक व्यंग्य दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ. इसमें समाज में चल रहे कुछ मुद्दों के बारे में व्यंग्य किया है कि आखिर ये हो क्या रहा है . ये हो क्या रहा है आपको कैसा लगा जरुर बताईएगा !!!
उधार का सुख – उधार मांग कर शर्मिंदा न करें
उधार का सुख – कैसे हो सकता है जबकि सभी लोग उधार के नाम से ही कतराते हैं पर मेरी इस पात्रा को उधार के नाम से बेहद खुशी मिलती है पर कैसे यही जानने के लिए पढना पडेगा उधार का सुख उधार का सुख – उधार मांग कर शर्मिंदा न करें हम यही तो […]
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