अक्षय तृतीया और उसका महत्व
हम भारतीय बहुत ज्यादा पूजा पाठ में ध्यान देने वाले और मान्यताओं को मानने वाले हैं और कोशिश यही रहती है कि सारे काम ढंग़ से निबाहे जाएं अब अगर कोई दिन शुभ है तो है … चाहे वो जेल जाना ही क्यो न हो .. अगर अक्षय तृतीया का दिन शुभ है तो उस दिन सारे कार्य करने सही ही होते हैं…
no marriage muhurat on akshaya tritiya this year 2016 first of instance in 100 years: :
अक्षय तृतीया पर्व को कई नामों से जाना जाता है. इसे अखातीज और वैशाख तीज भी कहा जाता है. इस पर्व को भारतवर्ष के खास त्योहारों की श्रेणी में रखा जाता है. इस दिन स्नान, दान, जप, होम आदि अपने सामर्थ्य के अनुसार जितना भी किया जाए, अक्षय रूप में प्राप्त होता है.
क्या है अक्षय तृतीया अक्षय तृतीया वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं. इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है. सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ इसी तिथि से हुआ है. भगवान विष्णु ने नर-नारायण, हृयग्रीव और परशुराम का अवतरण भी इसी तिथि को हुआ था. बद्रीनाथ की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है और श्री लक्ष्मी नारायण के दर्शन किए जाते हैं. प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के कपाट भी इसी तिथि से ही पुनः खुलते हैं. read more at aajtak.intoday.in
importance and rituals of akshay tritiya: :
इस दिन करें ये शुभ कार्य : – अक्षय तृतीया को शादी, गृह-प्रवेश, कपड़े और जेवर की खरीददारी या घर, जमीन, गाड़ी की खरीददारी से जुड़े काम किए जा सकते हैं. – इस दिन नया कपड़ा, जेवर पहनना और नई संस्था और काम का उद्घाटन शुभ माना जाता है. – पौराणिक मान्यता है कि इस दिन पितृ पक्ष को किया गया तर्पण और पिंडदान या किसी भी तरह का दान अक्षय फल देता है. – इस दिन किया गया गंगा स्नान और पूजन सभी पापों को नष्ट करता है. – सम्पन्नता की कामना हर इंसान को होती है. इसी वजह से इस दिन सोना खरीदने से वह अक्षय मतलब कभी न खत्म होने वाला होगा. – अक्षय तृतीया को किया गया जप, तप, हवन, पूजा, दान का फल कई गुना बढ़ जाता है. – इस दिन हमें सद्गुणों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और जाने अनजाने में किए गए पापों की क्षमा याचना करनी चाहिए. h/t aajtak.intoday.in
importance and rituals of akshay tritiya: :
इस दिन करें ये शुभ कार्य : – अक्षय तृतीया को शादी, गृह-प्रवेश, कपड़े और जेवर की खरीददारी या घर, जमीन, गाड़ी की खरीददारी से जुड़े काम किए जा सकते हैं. – इस दिन नया कपड़ा, जेवर पहनना और नई संस्था और काम का उद्घाटन शुभ माना जाता है. – पौराणिक मान्यता है कि इस दिन पितृ पक्ष को किया गया तर्पण और पिंडदान या किसी भी तरह का दान अक्षय फल देता है. – इस दिन किया गया गंगा स्नान और पूजन सभी पापों को नष्ट करता है. – सम्पन्नता की कामना हर इंसान को होती है. इसी वजह से इस दिन सोना खरीदने से वह अक्षय मतलब कभी न खत्म होने वाला होगा. – अक्षय तृतीया को किया गया जप, तप, हवन, पूजा, दान का फल कई गुना बढ़ जाता है. – इस दिन हमें सद्गुणों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और जाने अनजाने में किए गए पापों की क्षमा याचना करनी चाहिए. h/t aajtak.intoday.in
भाग्य, अंधविश्वास और भारतीय जरुर पढिए
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