‘मंजिल मिले ना मिले, ये तो मुकदर की बात है हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात है.. 🙂 ”
असफलता एक चुनौती है. सहजता और मजबूत इरादों से हमें इस चुनौती का डट कर मुकाबला करना चाहिए . पहले परीक्षा और अब नतीजों का महीना आया. बहुत छात्र पास हुए बहुत अच्छे अंक से पास हुए तो वही बहुत छात्र फेल भी हुए. सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जहां सफलता हमें बहुत कुछ सीखा जाती हैं वही असफलता भी हमे उससे भी कही ज्यादा सीखा कर जाती है बशर्ते हम दिल छोटा न करे और अपनी सोच नकारात्मक न रखें. एकाग्रता बढाए और सबसे ज्यादा जरुरी समय के मह्त्व को समझना है. कार्य करते रहें और जी जान से करते रहें.
हाल ही मैं मैने अपनी बात आप तक रखने के लिए नेट पर बहुत सर्च किया और ऐसी ऐसी बाते पता चली जो आपका मनोबल बढाएगी आप खुद भी मान जाएगें कि फिर हम क्यो नही … कम भी किसी से कम नही
Akhand Jyoti
इतिहास ऐसे न जाने कितने कर्मवीरों की गौरव-गाथा से भरा पड़ा है, जो जीवन-संग्राम में अनेक बार हार के भी नहीं हारे, और ऐसे उदाहरणों की भी कमी नहीं कि विजयी होने पर भी जिनका नाम पराजितों की श्रेणी में ही लिखा गया। राणा प्रताप, पोरस तथा पृथ्वी चौहान ऐसे ही कर्मवीरों में से हैं जो स्थूल रूप से हार कर भी नैतिक रूप से पराजित नहीं हुए। शृंखलाओं के संकटों के बीच भी उन्होंने अपने को पराजित स्वीकार नहीं किया। जीवन का अन्तिम अणु-कण संघर्ष के क्षेत्र पर लगा देने के बाद भी विजय न पा सकने वाले वीर आज भी विजयी व्यक्तियों के साथ ही गिने जा सकते हैं। उनकी परिस्थितियां अवश्य हारी किन्तु उनके प्रयत्न पराजित न हुए। यही उनकी विजय है जिसे यशस्वी कर्मवीरों के अतिरिक्त साधन सम्पन्नता के बल पर संयोगिक विजय पाने वाले कर्महीन कायर कभी नहीं पा सकते।
अकबर, अशोक और उलाउद्दीन खिलजी जैसे विजयी उन व्यक्तियों में से हैं जिनकी जीत भी आज तक हार के साथ ही लिखी जाती है। कलिंग का श्मशान बन जाना एक विजय थी और अशोक का नगर पर अधिकार कर लेना एक पराजय। पद्मिनी का जल जाना, भीमसिंह और गोरा बादल का जौहर कर डालना एक विजय थी और चित्तौड़ पर खिलजी का अधिकार एक पराजय थी। वन-वन फिर कर घास की रोटी खाने वाले प्रताप की आपत्ति एक विजय और मेवाड़ पर अकबर का झंडा फहराना एक पराजय। ऐसी पराजय थी जिसे अकबर ने स्वयं स्वीकार किया था। जय-पराजय की इन गाथाओं में हार-जीत का मानदण्ड आदर्श पुरुषार्थ, पराक्रम, साहस, धैर्य एवं प्रयत्न ही रहा है। राज्य अथवा नगरों पर अधिकार नहीं। See more…
लोग अकसर कहते हैं कि असफलता इंसान को तोड़ देती है लेकिन यह कथन गलत है। असफलता इंसान को नहीं तोड़ती बल्कि इंसान स्वयं ही हार मान लेता है। रिचर्ड हूकर कहते हैं कि ‘इंसान तब टूटता है, जब वो खुद से हार जाता है। अगर दुनिया की बात करें, तो वो तुम्हें तब तक नहीं हरा सकती, जब तक कि तुम खुद से न हार जाओ। इसलिए हमेशा अपनी हिम्मत बनाए रखो।’
मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि, ‘जो व्यक्ति अपनी असफलताओं को स्वीकार कर जीवन में आगे बढ़ते हैं, उनका जीवन पहले से अधिक सुंदर हो जाता है। उनमें आत्मविश्वास और सद्गुणों का विकास होता है।’
महान व्यक्तित्व नेल्सन मंडेला ने 27 साल जेल में बिताने के बाद विश्वस्तर पर सफलता प्राप्त की। ऐसा वह इसलिए कर पाए क्योंकि वह असफलता से नहीं घबराए। यदि वह असफल नहीं होते तो कभी भी प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में सफल होकर हमारे प्रेरणास्रोत न बनते। महात्मा गांधी, प्रसिद्ध नेत्रहीन लेखिका हेलेन केलर, अपंग छात्रा से सफल धाविका बनने वाली विल्मा गोल्डीन रूडाल्फ, अब्राहम लिंकन, थॉमस एडीसन असफलता की सीढिय़ां चढ़कर ही सफलता के शीर्ष पर पहुंचे।
डिज्नीलैंड को कौन नही जानता. बच्चों का प्रिय कार्टून कोना है। इसके संस्थापक वाल्ट डिज़्नी को बार-बार असफलता का सामना करना पड़ा। उन्हें बचपन से ही कार्टून बनाने का शौक था। उन्होंने अनेक समाचार-पत्रों को साक्षात्कार दिया लेकिन सभी ने उन्हें लौटा दिया। पर उन्होंने हार नहीं मानी। आखिर एक दिन उनकी मेहनत व लगन ने उन्हें एक विश्वविख्यात कार्टूनिस्ट बनाकर पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “मन की बात” में छात्रों को कहा …
10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में सफल छात्रों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जिंदगी में सफलता-विफलता स्वाभाविक है और जो विफलता को एक अवसर मानते हैं, वे सफलता का शिलान्यास भी करते हैं तथा इससे भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।
मोदी ने कहा, ‘कुछ छात्र अच्छे अंक से पास हुए होंगे, कुछ के कम अंक आए होंगे। कुछ विफल भी हुए होंगे। जो फेल हुए हैं उनके लिए मेरा सुझाव है कि आप उस मोड़ पर हैं जहां से अब आपको तय करना है, आगे का रास्ता कौन सा होगा।’उन्होंने कहा, ‘जो विफल हुए हैं, उनसे मैं यही कहूंगा कि जिंदगी में सफलता-विफलता स्वाभाविक है। जो विफलता को एक अवसर मानता है, वह सफलता का शिलान्यास भी करता है। हम विफलता से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।’उन्होंने कहा कि आमतौर पर ज्यादातर स्टूडेंट्स को पता भी नहीं होता है, क्या पाना है, क्यों पाना है, लक्ष्य क्या है। विषयों और अवसरों की सीमाएं नहीं हैं। आप अपनी रूचि, प्रकृति, प्रवृत्ति के हिसाब से रास्ता चुनिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को उत्तम शिक्षकों, उत्तम सैनिकों, उत्तम वैज्ञानिकों, कलाकार और संगीतकारों की आवश्यकता है। खेल-कूद कितना बड़ा क्षेत्र है, खेल-कूद जगत के लिए कितने उत्तम मानव संसाधन की आवश्यकता होती है।यानि इतने सारे क्षेत्र हैं। विश्व में जितने म्यूजियम बनते हैं, उसकी तुलना में भारत में म्यूजियम बहुत कम बनते हैं। कभी-कभी इस म्यूजियम के लिए योग्य व्यक्तियों को ढूंढना बड़ा मुश्किल हो जाता है।पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की किताब ‘माई जर्नी ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इनटु ऐक्शन’ के एक प्रसंग का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें पायलट बनने की इच्छा थी। लेकिन जब वह पायलट बनने गए तो विफल हो गए।उन्होंने कहा कि उनका पास नहीं होना भी कितना बड़ा अवसर बन गया। वे देश के महान वैज्ञानिक बन गए। राष्ट्रपति बने। देश की परमाणु शक्ति के लिए उनका बहुत बड़ा योगदान रहा और इसलिए विफलता भी एक अवसर होती है।
हाल ही का एक उदाहरण यदि मैं आपको बताऊ अरुणिमा सिन्हा. आपकी हमारी तरह ही एक पतली दुबली सी लडकी थी. एक ट्रेन एक्सीडेंट में उसे अपना पैर गवाना पडा. वो नेशनल वालीवाल की खिलाडी थी. उसका कैरियर पूरी तरह से चौपट हो गया. वो भी हार मान सकती थी. जिंदगी भर रोना रो सकती थी पर नही… उसने हार नही मानी और पता है उसने क्या … आप हैरान हो जाएगें ये पढ कर कि उसने माऊंट एवेरेस्ट को फतह किया. जी हां विशाल पर्वत … विकलांग होते हुए भी इतना बडा जोखिम उठाया. हाल ही मे उसे पदमश्री से सम्मानित किया गया. किया \.
बच्चों को बचपन से ही यह बताया जाए कि जीवन में केवल सफलता प्राप्त करना ही बड़ी बात नहीं है बल्कि असफल होकर उससे शिक्षा प्राप्त करके आगे बढऩा भी बहुत हिम्मत का काम है तो असफलता व्यक्ति को निराश नहीं करेगी बल्कि उससे भी बड़ी कामयाबी और सफलता की एक सीढ़ी बनेगी। तो पास या फेल हमें इससे धबराना नही है बल्कि खुद को मजबूत करके और पक्के इरादें से जिंदगी के मैदान में उतरना है
तो अब हैं तैयार आप …असफलता को चुनौती के रुप में लेने के लिए… मत भूलिए कि हमें अपना रास्ता खुद ही बना है और हम बनाएगें जरुर बनाएगें … है ना !!!