फिल्म ,राजनीति, सेंसर और समाज पर प्रभाव
जिस तरह से “उड़ता पंजाब ” पर सेंसर की कैंची,बहस और राजनीति हो रही है ऐसे में मुझे लगता है कि उडता पंजाब को *उड़ता बीप बीप** नाम दे देना चाहिए…. !!
बेशक, किसी फिल्म का सेंसर होना यह पहला मामला नही है पर सोशल मीडिया और न्यूज चैनल का धन्यवाद की फिल्म आने से पहले ही हिट हो गई भले ही सुर्खियों में ही हों ..
जहां तक सच्चाई और नशा दिखाने की बात है उस पर कैंची नही चलनी चाहिए और जहां तक सुना है कि फिल्म में अपशब्दोंं की भरमार है तो उन पर तो कैंची चलनी ही चाहिए.. असल में, हम हीरो या हीरोईन या उनके बोले डॉयलाग से बहुत प्रेरित होते है … जैसाकि कि पिछ्ली कुछ फिल्मों में भी देखा … इसलिए सच्चाई दिखाने से गुरेज नही होना चाहिए पर अपशब्दों पर जरुर प्रतिबंध लगना चाहिए ..
फिल्म उड़ता पंजाब और सेंसर बोर्ड के विवाद से केंद्र सरकार ने किया किनारा
I always wondered what it felt like to live in North Korea .. Ab to plane pakadney ki bhi zaroorat nahin..
I request Congress, AAP and other political parties to stay out of my battle. It’s my Rights vs the Censorship. I speak only on my behalf read more at khabar.ndtv.com
controversy between censor board and movies udta punjab anurag kashyap: मूवी मसाला: आज तक
दिसंबर 2015: ‘क्या कूल हैं हम’ और ‘मस्तीजादे’ पर सेंसर की कैंची चली. इन फिल्मों पर अश्लीलता परोसने के आरोप लगे. ‘क्या कूल हैं हम’ में 107 सीन प्रोड्यूसर ने, जबकि 32 सीन सेंसर बोर्ड ने काटे.’मस्तीजादे’ में 349 सीन प्रोड्यूसर ने खुद, जबकि 32 सीन सेंसर बोर्ड ने काटे. इसके बाद इन फिल्मों को ‘ए’ सर्टिफिकेट के साथ रिलीज की अनुमति दी गई.
नवंबर 2015: जेम्स बांड सीरीज की फिल्म पर भी सेंसर बोर्ड की कैंची चली. बोर्ड ने इस सीरीज की 24वीं फिल्म ‘स्पेक्टर’ के किसिंग सीन पर कैंची चलाकर इसे छोटा कर दिया और इसे यूए सर्टिफिकेट दिया गया. बोर्ड के इस कदम के बाद अध्यक्ष पहलाज निहलानी को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था. read more at aajtak.intoday.in
उड़ता पंजाब नहीं उड़ता पीएम – BBC हिंदी
वहीं पत्रकार शेखर गुप्ता (@ShekharGupta) ने ट्वीट किया, “सेंसर बोर्ड के ‘उड़ता पंजाब’ पर प्रतिबंध लगाने के बाद ये देखना दिलचस्प होगा कि अरविंद केजरीवाल और कैप्टन अमरिंदर सिंह क्या प्रतिक्रिया देंगे.”
रमेश श्रीवत्स (@rameshsrivats) ने ट्वीट किया, “सेंसर बोर्ड ‘उड़ता पंजाब’ से पंजाब हटाना चाहता है. शुक्र है जब बॉम्बे टू गोवा रिलीज़ हुई थी तब ये लोग नहीं थे.”
फ़िल्म निर्माता-निर्देशक राम गोपाल वर्मा (@RGVzoomin) ने लिखा, “जो ये फ़िल्म दर्शाना चाह रही है उसके लिए ‘उड़ता पंजाब’ शीर्षक बहुत छोटा है. सही और सच्चा शीर्षक होना चाहिए उड़ता इंडिया और उड़ता वर्ल्ड.”
वहीं कुछ लोग इस विवाद पर चुटकुले भी बना रहे हैं. अमित चतुर्वेदी ने फ़ेसबुक पर लिखा, ‘सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म “उड़ता पंजाब” में से “पंजाब” हटाने के लिए कहा है. सही है, “उड़ता” के साथ “मोदी” के अलावा कुछ और अच्छा ही नहीं लगता.’ read more at bbc.com
वैसे आपका क्या विचार है इस फिल्म और सेंसर के बारे में … !!
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