प्रदूषण रहित दिवाली – ध्वनि प्रदूषण को रोकने के उपाय – पटाखों से पर्यावरण को नुकसान – आज घर पर कुछ काम करते हुए अचानक भडाम की बहुत तेज आवाज सुनी …
प्रदूषण रहित दिवाली – ध्वनि प्रदूषण को रोकने के उपाय
अचानक दिल धबरा गया कि ये क्या हुआ… कहां बम फटा… मन में बुरे ख्याल आने लगे … तभी ख्याल आया कि ओह दीवाली है … बाहर बच्चों ने बम चलाया होगा … सच,,, आजकल देश में इतना तनाव है, हमारी सीमा पर इतना तनाव है कि इस तरह ध्वनियां जो कभी खुशियां लेकर आती थी अब तनाव और टेंशन लेकर आती हैं …
मैने फिर नेट पर सर्च किया कि दिवाली पर बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कड़े निर्देश दिए है तो पढा कि रात 10 बजे के बाद पटाखे फोड़ने पर कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के संबंध में दिए निर्देषों के अनुसार रात में 10 बजे तक ही निर्धारित ध्वनि स्तर के पटाखे फोडे़ जा सकेंगे। इसके बाद सुबह 6 बजे तक पटाखों का फोड़ना पूरी तरह से वर्जित रहेगा…
दिवाली पर्व के दौरान भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार पटाखों के लिए शोर मानक नियत किए हैं। इसके अनुसार प्रस्फोटन के बिंदु से चार मीटर की दूरी पर 125 डीबी (एआई) या 145 डीबी से अधिक ध्वनि स्तर के पटाखों का उपयोग करना वर्जित है
चलिए थोडी राहत तो है …वैसे इसमें कोई शक नही कि हर साल की तुलना में पटाखो का शोर कम ही होता जा रहा है जोकि अच्छा सकेंत भी है … खुशियां और भी बहुत तरह से मनाई जा सकती है बम फोडना क्या जरुरी है …
प्रदूषण रहित दिवाली के बारे में आपके क्या विचाए हैं ??
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