समय बहुत बलवान
बहुत समय से एक जानकार अपनी बिटिया की शादी का सोच रहे थे . बहुत लडके देखे, अखबारो के विज्ञापन और नेट पर भी सर्च किया पर एक साल होने को आया पर बात नही बनती दिख रही थी. आज फिर उनकी बिटिया को देखने लडके वाले आ रहे थे. घर पर जबरदस्त इंतजाम किया गया था. परदे, मंहगे सोफे, भव्य शो पीस,क्राकरी और भी ना जाने क्या क्या. दस तरह की मिठाई , बीस तरह की नमकीन और फल और ड्राई फ्रूट का तो पूछो ही मत.. यानि शादी मे रुपया पैसा जैसी कोई रुकावट नही थी. करोडों की शादी होनी थी. लडके वाले आए. खूब खातिर दारी भी हुई पर पर पर बात नही बनी.
ना लडकी में कोई कमी थी और न ही उस परिवार का कोई क्रिमिनल रिकार्ड … तो फिर आखिर क्या हुआ कि बात नही बनी…
इसका बस यही कारण था कि कमरे मे लगी महंगी दीवार घडी रुकी हुई थी और कैलेंडर भी फरवरी महीने का ही लटका हुआ फडफडा रहा था. ये बात एक कमरे की नही थी सभी कमरों में महंगी से महंगी घडी थी पर सही समय कोई नही दिखा रही थी . जिस कमरे में लंच था उस कमरे में तो सन 2014 का कैलेडर टंग़ा हुआ था.
शायद लडकी वालो के लिए रुपया पैसा ही सब कुछ था और लडके वालो की सोच उनसे हट कर थी.
वैसे बात शादी ब्याह की न भी हो तो हमें अपने घर का समय यानि दीवार घडी का समय और कैलेंडर सदा अपडेट रखने चाहिए … समय की कीमत समझनी बेहद जरुरी है … वैसे आप तो ऐसे नही होंगें … अरे आप कहां चले .. ?? ओह .. आज पहली अगस्त है और आपने महीना बदला नही था अभी तक 🙂