स्वच्छता एक अहसास
स्वच्छता एक अहसास…
2009 में प्रकाशित हुई ये मेरी तीसरी किताब है. 56 पेज की है तो ये छोटी सी किताब पर इस किताब में आसाधारण गांव के लोगों की जागरुकता का वर्णन है कि कैसे मात्र 90 दिन में उनमें जागरुकता आई और हरियाणा के सिरसा के 333 गांवों को स्वच्छ बना दिया.
स्वच्छता एक अहसास
पुस्तक को लेकर आपके मन में ढ़ेरो सवाल उठ रहें होंगें कि आखिर इस पुस्तक के माध्यम से स्वच्छता का अहसास कैसे करवाया जा सकता है। सच पूछो तो, हम सभ्य समाज के सभ्य नागरिक हैं, पढे़- लिखे और समझदार भी हैं लेकिन सही मायनों में देखा जाए तो अनपढ़ और असभ्य की श्रेणी में आते हैं क्योंकि जिस समाज में हम रहतें हैं उसी को गंदा कर रहें हैं।
यहां बात भ्रष्टाचार की नहीं बलिक उस कूडे़- कर्कट की है जो हमारें चारों तरफ फैला है और कूडेदान एक तरफ खडे़- खडे़ गंदगी का मुँह ही ताकते रह जातें हैं और तो और सड़क के किनारें, दीवारों की ओट को शौचालय का रूप देकर दिन-रात गंदगी में इजाफा किया जा रहा है। सड़क पर चलते हुए थूकना और पूरी सड़क को कूडादान समझना आम बात है।
अगर यह पढ़े- लिखे सभ्य समाज को चित्रित करता है तो गाँव वालों को किस श्रेणी में रखेंगें क्योंकि वो तो वैसे भी अनपढ़, सीधे-साधारण गरीब, किसान और मज़दूर होतें हैं।
स्वच्छता एक अहसास
भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत गाँव वासियों की सोच में एक ऐसा बदलाव, ऐसी जागरूकता देखने को मिली जिसकी सपनें में भी कल्पना नहीं की जा सकती थी। बस, यहीं मुझे पुस्तक लिखने का मकसद मिल गया कि आज जो अहसास इन गाँव वासियों को हो रहा है उसकी महक उन लोगों तक भी पहुँचे जो अभी तक इससे अछूते हैं।
मैनें अपनी तरफ से पुस्तिका में स्वच्छता और उससे आए बदलाव के बारे में जानकारी देने की पूरी कोशिश की है और मुझे उम्मीद ही नही पूरा विश्वास है कि इसको पढ़ने के बाद आप भी और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने में मदद करेंगें।
स्वच्छता एक अहसास …
स्वच्छ भारत मिशन …
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पंचायतीराज विभाग, भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका पूर्व में नाम निर्मल भारत अभियान था। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के निम्न उद्देश्य हैं:-
1. ग्रामीण क्षेत्रों के सामान्य जीवन स्तर में सुधार लाना।
2. समस्त ग्राम पंचायतों को निर्मल एवं स्वच्छ बनाना।
3. ग्रामीण क्षेत्र के समस्त शासकीय विद्यालयों को स्वच्छता सुविधाओं (स्वच्छ स्कूल शौचालय जलापूर्ति सहित) से आच्छादित करना साथ ही छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य, शिक्षा एवं साफ-सफाई की आदतों को बढ़ावा देना।
4. ग्रामीण क्षेत्र के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों को स्वच्छता सुविधाओं से आच्छादित करना।?
5. सामान्य पर्यावर्णीय स्वच्छता हेतु ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन अर्थात् कूड़े कचरे एवं बेकार पानी की उचित निकासी पर कार्य करना।
मानव मल एवं पर्यावरण में इधर-उधर पड़े कूड़े-कचरे एवं बेकार पानी के कारण विभिन्न प्रकार के रोग जैसे डायरिया, मलेरिया, कालरा, जापानी इन्सेफ्लाइटिस, पोलियो जैसी भयानक बीमारियों की रोकथाम हेतु, जल स्रोतों को सुरक्षित रखने हेतु, पर्यावर्णीय स्वच्छता हेतु यह योजना अत्यन्त आवश्यक है।हमारे प्रधान मंत्री जी द्वारा आरम्भ किया गया
महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी। महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर मां भारती को आजाद कराया। अब हमारा कर्त्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करें। मैं शपथ लेता हूं कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा और उसके लिए समय दूंगा।
हर वर्ष 100 घंटे यानि हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान कर के स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करूंगा। मैं न गंदगी करूंगा न किसी और को करने दूंगा। सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मुहल्ले से, मेरे गांव से एवं मेरे कार्यस्थल से शुरुआत करूंगा।
मैं यह मानता हूं कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक गंदगी नहीं करते और न ही होने देते हैं। इस विचार के साथ मैं गांव-गांव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूंगा। मैं आज जो शपथ ले रहा हूं, वह अन्य 100 व्यक्तियों से भी करवाऊंगा। वे भी मेरी तरह स्वच्छता के लिए 100 घंटे दें, इसके लिए प्रयास करूंगा। मुझे मालूम है कि स्वच्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।
राजस्थान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब घरों में शौचालय बनाना अनिवार्य कर दिया है.
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब घरों में शौचालय बनाना अनिवार्य होगा. सरकार से पचास हजार का कर्जा लेने वाले काश्तकारों के लिए भी कर्ज लेने के लिए इस शर्त को पूरा करना होगा.
राज्य सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत मार्च 2018 तक प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने के अनूठे कार्यक्रम में ऐसी कई शर्तें जरूरी की गई है.
खास यह कि कर्मचारियों को 20 जून तक शर्त की पालना के लिए निर्धारित प्रपत्र में उद्घोषणा करनी होगी। इसके आधार पर ही उन्हें जुलाई माह में होने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि, मानदेय,ऋण आदि स्वीकृत के लाभ दिए जाएंगे. इस कार्यक्रम की निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय कर रहा है. : , – Regional News – Samay Live