वासुदेव कुटुम्बकम. क्या वाकई हम सब एक हैं. एक बहुत बडा प्रश्न है नवाजुद्दीन सिद्दीकी को यूपी की रामलीला में रोल इसलिए नही करने दिया गया कि क्योकि वो मुस्लमान हैं
क्या वाकई हम सब एक हैं
हम सब एक हैं सुनने में अच्छा जरुर लगता है पर हकीकत से कोसों दूर …
किस आधार पर हम कहतें है कि हम एक हैं … बडा दुख हुआ ये देख कर कि फिल्मी कलाकार नवाजुद्दीन सिदीकी को यूपी मे होने वाली रामलीला में इसलिए काम नही करने दिया क्योकि वो मुस्लमान है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने पैतृक गांव मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना की रामलीला में मारीच का रोल करना था पर खबरों के मुताबिक शिव सैनिको ने मुस्लमान होने के नाते उन्हें रोल न करने की…
रोजमर्रा की जिंदगी में हम हर धर्म से जुडे हैं बच्चे स्कूल पढने जाते हैं वहां ईसाई यानि क्रिश्चिन पढाते हैं.. दुकान से सब्जी लेते हैं वो मुस्लमान है बैंक जाते हैं वहां सिख हैं हर जगह अलग अलग जाति के लोग जुडे हैं हर त्योहार पर सभी को बधाई भी देते हैं सभी मिलकर काम कर रहे हैं पर फिर ये विरोध किसलिए होता है … पाकिस्तानी को काम न करने दो वो अलग मुद्दा है पर देश का कलाकार देश में ही काम नही करेगा तो … हर बात में राजनीति होना अच्छी बात नही है …
रामलीला में रोल करने पर नवाजुद्दीन को शिवसेना की धमकी– IBN Khabar
IBN Khabar: मुफ्फरनगर के बुढ़ाना पहुंचे नवाजुद्दीन सिद्दीकी उस वक्त विवादों में फंस गए, जब शिवसेना की तरफ से उन्हें रामलीला में रोल करने पर धमकी मिली। read more at ibnlive.com
वैसे आपको क्या विचार है इस बारे में …
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