देशद्रोही कौन
आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय समस्या बनती जा रही है और हमारे 18 सैनिको का उडी हमले में शहीद होना बेहद दुखद है सोशल मीडिया पर भडका रोष इस बात को और पुख्ता करता है
उरी हमले का असली गद्दार कौन
उडी हमले ने एक बार फिर हमें बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया. आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय समस्या हो है ही पर उससे भी बडी एक और समस्या है और वो है देशद्रोही कौन ??
असल में, जब से ये खबर सुनी कि उडी हमले में अपने ही देश का कोई हो सकता है जिसने आतंकियों के मदद की तो दिमाग सुन्न हो गया. तब बार बार यही विचार आ रहा है कि आतंकवाद से तो हम लड जाएगें पर हमारे ही देश में ऐसा कौन देश द्रोही है उससे कैसे निबटॆं …
आईए जाने पूरा मामला
जम्मू कश्मीर के बारामूला में उरी सेक्टर के सेना के हेडक्वाटर पर हुए आतंकी हमले के बाद जांच एजेंसियों जांच में जुटी हुई है। आपको पता ही होगा कि इस आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। एनआईए के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी अब एक दर्जन लोकल दुकानदारों सहित एक मोबाइल फोन रिटेलर की पडताल कर रहे है।
आशंका जताई जा रही है कि किसी लोकल रिटेलर ने ही आतंकियों को सिम बेची है। दरअसल जांच एजेंसियों को यह बात खटक रही है कि पिछले शनिवार मोबाइल रिटेलर ने तीन घंटे देर तक दुकान खोली। आम तौर पर कैंप के भीतर दुकानें बंद होने का वक्त शाम 6:30 बजे है, फिर किस मकसद से दुकान देर तक खुली, जांच की सुई इसी तरफ मुड़ रही हैआशंका जताई जा रही है कि किसी लोकल रिटेलर ने ही आतंकियों को सिम बेची है। दरअसल जांच एजेंसियों को यह बात खटक रही है कि पिछले शनिवार मोबाइल रिटेलर ने तीन घंटे देर तक दुकान खोली। आम तौर पर कैंप के भीतर दुकानें बंद होने का वक्त शाम 6:30 बजे है, फिर किस मकसद से दुकान देर तक खुली, जांच की सुई इसी तरफ मुड़ रही है
अगर कोई हमारे देश का ही गद्दार है तो खुदा कसम उसे कतई कतई बक्शा नही जाना चाहिए … ताकि औरो को भी सबक मिले और वो ऐसा करने की जुररत ही न कर सकें ..
हमें तो अपनो ने मारा गैरों में कहां दम था …
जरा सम्भल कर देश में मीर जाफर ााउर जयचंदों की कमी नही …
आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय समस्या
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