कन्या भ्रूण
कन्या भ्रूण, अष्टमी और कंजके…
मेरी नजर से
वैसे इस बार अष्टमी पर कंजके करते हुए एक बात जरुर महसूस हुई कि अब की बार लडकियों के लिए ज्यादा मेहनत नही करनी पडी. असल में, नवरात्र की अष्टमी पर कन्या को भोजन करवाया जाता है और उनसे आशीर्वाद लिया जाता है.पिछ्ले काफी बार से अष्टमी पर कन्याए बहुत कम मिलती थी और बहुत भागमभाग रहती थी कि किसी तरफ आठ कन्या मिल जाए पर इस बार सब बहुत आराम से हो गया.बहुत कन्याए आई और बाद में भी आती रहीं.
पहले तो अष्टमी आने से पहले टेंशन सी हो जाती थी कि कहां कहां से लडकी को इकठ्ठा करें या फिर मंदिर में ही हलवा पूरी दे आएं … पिछ्ले काफी समय से, हमारे हरियाणा में जो लिंग अनुपात कम हो रहा था कन्या भ्रूण हत्या बेहिसाब हो रही थी. सरकार द्वारा उठाए गए कठोर कदम और जनता में जागरुकता भी इसका एक कारण हो सकता है…. शायद ये एक शुभ संकेत हो … शायद जल्द ही अनुपात बराबर हो जाए … !!! जय माता की !!!
मैं हमेशा कहती हू कि गर्ल है तो कल है … !!! जय माता की !!!