चर्चा का विषय है बदलता समाज
हमारा सामाजिक परिवेश
मुझे याद है कुछ समय पहले मैं एक पहेली अपने दोस्तों से बहुत पूछा करती थी कि बताओ ऐसी क्या चीज है जो है तो आपकी पर आपके दोस्त ज्यादा इस्तेमाल करते हैं… यकीन मानिए सभी कंफ्यूज हो जाते और अजूबों गरीब उत्तर देने लगते . .. और मैं हंसते हुए बताती … हमारा नाम … क्योकि हमारा नाम ही तो है जो हम बिल्कुल नही लेते … यकीनन आपको हंसी नही आई होगी … क्योकि आज के दौर में यह बात फिट नही बैठती क्योकि आज हम अपना नाम ही तो सबसे ज्यादा लेते हैं जैसाकि अगर अपना email बनाना हो तो अगर अपनी वेबसाईट web site का नाम रखना हो domain name रखना तो …. पास वर्ड pass word रखना हो तो …
कुल मिला कर अपना नाम ही नाम चलता है यही बदलाव की तो मैं बात कर रही हूं और आज के समय में हम यही नही बल्कि ढेरों बातें हैं जिसका जबरदस्त बदलाव देख रहे हैं.
कल की ही बात है हम इसी बात पर चर्चा कर रहे थे और मैं अपनी सहेली मणि के घर बहुत पुराने एलबम देख रही थी. जिसमे उसके मम्मी पापा की शादी की भी तस्वीरें थी. मम्मी का चेहरा तो पूरी तरह घूंघट से ढका हुआ था. पता ही नही था कि हैं कौन !!पहचाने ही नही जा रहे थे. वैसे पुरानी शादियां ऐसे ही हुआ करती थी. बहुत कम होता था कि लडका लडकी एक दूसरे को देख कर शादी करते थे और आज देख लो आज क्या माहौल है हमारे सामने हैं बेशक अच्छी बात है जिससे हमारी शादी हो रही हैं उसके बारे मे जानना , उसके विचार जानना ताकि पूरी जिंदगी सुखद रहे पर बहुत ज्यादा खुलापन भी नुकसान दे जाता है.
शादी की बात से याद आया कि एक शादी मे जाना हुआ . लडका लडकी की वीडियों अलग चल रही थी बैनर और पोस्टर्स लगे थे जिसमे अलग अलग पोज थे और रही सही कसर फोटोग्राफर पूरी कर रहे थे और दुल्हा दुल्हन इस चक्कर में रिश्तेदारों को छोड कर कैमरे पर ही ध्यान केंद्रित करना पड रहा था …
जब टाईम मिलता तो फटाफट खुद की सैल्फी लेकर फेसबुक पर भी डाल रहे थे … हे भगवान !!! थोडा बहुत तो ठीक है पर अक्सर यही लगता है कि कुछ ज्यादा ही हो रहा है … कह नही सकती कि बदलाव अच्छा है… राम जाने बदलाव अच्छा है या बुरा 🙂
बाते तो और भी बहुत हैं पर आज के लिए इतना ही ….
Photo by Kiakatrine
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