फेसबुक और हमारी बीमारी का इलाज
जब भी फेसबुक करते हैं मैसेज आता है what’s on your mind ? अब क्या बताए कि हमारे मन में क्या है … कहना तो बहुत कुछ है पर डाक्टर ने मना कर दिया कि No more facebook…
वैसे इस बात में कोई शक नही कि फेसबुक हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव डाल रहा है. फेसबुक पर अपनी पोस्ट पर लाईक या कमेंट को बार बार देखना कमेंट न मिलने पर दुखी हो जाना … नकारात्मक सोच रखना… और अपनी तबियत खराब कर लेना … अब ऐसे में डाक्टर से यही सलाह मिली है कि तबियत खुद ब खुद ठीक हो जाएगी अगर फेसबुक छोड दिया जाए … भले ही थोडे समय के लिए ही
फेसबुक लाईक
दोपहर के बाद शाम 3 बजे फेसुबक का पीक टाइम होता है. इस टाइम पर सबसे ज्यादा यूजर एक्टिव रहते हैं. यानी शाम 3 बजे के आसपास पोस्ट करने पर लोग ज्यादा रियेक्ट करते हैं.रोजाना दो बार अपडेटरोजाना एक या दो बार स्टेटस अपडेट करने पर आपको 40 फीसदी ज्यादा रिस्पांस मिल सकता है. वहीं यदि आप वीक में एक से चार बार स्टेटस अपडेट करते हैं तो आपको 71 फीसदी ज्यादा रिस्पांस देखने को मिल सकता है. यहां 40 फीसदी रिस्पांस प्रतिदिन और 71 फीसदी पर वीक है, इस डाटा से कंफ्यूज न हों. read more at monicagupta.info
फेसबुक पिछ्ले हफ्ते एक फेसबुक मित्र फेसबुक से गायब थी. असल मे, वो पूरे दिन आन लाईन रहती और अक्सर मेरे लिखे पर कमेंट या लाईक जरुर करती थी. अपनी न्यूज फीड
फेसबुक – Monica Gupta
फेसबुक और हमारी बीमारी का इलाज अब क्या बताए कि वट इज इन माई माईंड ….
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