बच्चों का व्यक्तित्व विकास कैसे हो – बच्चों में छिपी प्रतिभा पहचानिए – आज के इस बदलते दौर में हमें अपने बच्चों में छिपी हुई प्रतिभा को पहचान कर दुनिया के सामने रखना होगा … पढाई के साथ साथ अन्य क्षेत्रों में भी उनका मनोबल बढाना होगा…
बच्चों का व्यक्तित्व विकास कैसे हो – बच्चों में छिपी प्रतिभा पहचानिए
थोडी देर पहले कुछ बच्चे आए और पूछ्ने लगे कि 14 नवम्बर को हमारा कोम्पीटिशन है फैंसी ड्रेस में हमें क्या बनना चाहिए दो बच्चे चित्रकारी मे हिस्सा ले रहे थे और दो बच्चे रेस में … कुल मिला कर बहुत बहुत उत्साहित थे… सच मे … उन्हॆ 14 नवम्बर की खुशी इसलिए थी कि कुछ अलग कर दिखाने का मौका मिलेगा..
वही पेरेंटस भी अपना प्रोग्राम बना रहे हैं कोई पिकनिक पर जा रहे हैं तो कोई कि मूवी और फिर डिनर पर जाने का प्रोग्राम बना रहे है… और कोई जानना चाह रहा है कि क्या गिफ्ट चाहिए … मेरे विचार से अगर पेरेंटस बच्चों को कुछ देना ही चाह्ते हैं तो उनके भीतर छिपी प्रतिभा को बाहर लाए उन्हें प्रोत्साहित करें
बच्चो को कभी कम नही समझना चाहिए कई बार बच्चे कुछ ऐसा काम कर जाते हैं कि बडे भी हैरान हो जाते हैं … बहुत समय पहले मैने एक कहानी पढी थी … कहानी कुछ ऐसे थी कि एक लडकी होती है
6 क्लास मे पढती है … मम्मी ने दाल चावल बनाए होते हैं और लडकी खाना न्ही खा रही होती है मम्मी गुस्सा करती है और पापा उसे कहते हैं अगर उनकी बेटी सारा खाना खत्म कर देगी तो जो वो कहेगी वही उसे मिलेगा …
लडकी पापा से प्रोमिस ले लेती है कि पक्का ना … आप देंगें न मुझे जो मैं कहूंगी … पापा हामी भरते है … लडकी फटाफट सारा खाना खा जाती है खाना खाकर वो पापा से कहती है अब पूरा कीजिए अपना वायदा
… पापा हसंते हुए कहते हैं बताईए मेरी राजकुमारी का क्या हुक्म है … क्योकि उन्हें लगता है कि छोटी मोटी चीज की ही फरमाईश होगी … पर लडकी की बात सुनकर वो सकते में आ जाते हैं … पता है बिटिया क्या कहती है वो कहती है कि मुझे गंजा होना है और वो भी अभी … मम्मी पापा हैरान …
मम्मी का गुस्सा तो सातवें आसमान पर पहुंच जाता है … पापा पहले मम्मी को शांत करते हैं फिर बेटी को समझाते हैं पर वो जिद कर लेती है कि अपना किया प्रामिस पूरा करो … बहुत समझाने के बाद पापा को बाल कटवाने लेकर ही जाना पडता है और उस दिन पूरा दिन तनाव रहता है अगले दिन वो स्कूल छोडने जाते है और ये सोचते है कि बच्चे कया कहेंगें टीचर क्या कहेगी कि ये क्या …
जैसे ही वो स्कूल पहुंचते है इतने में एक कार और आती है … उनकी बेटी फटाफट कार से बाहर निकलती है और दूसरी कार से भी एक लडकी बाहर निकलती है और वो भी बिल्कुल गंजी थी …
पिता देख ही रहे होते है तभी उस कार से एक महिला बाहर निकलती है और रोते हुए बोलती है कि भाई साहब आपकी बेटी बहुत महान है … उन्हें समझ नही आया कि गंजा होना क्या महानता दर्शाता है तब उस महिला ने बताया कि उनकी बेटी को कैसर है और अब वो ठीक हो रही है क्योकि ईलाज के दौरान उसको गंजा किया गया और अभी बाल नही आए बेटी स्कूल आना चाहती थी पर गंजे होने पर उसका मजाक बनाया जाएगा इस वजह से नही आ पा रही थी पर जब आपकी बेटी को पता चला तो उसने कहा कि आप कल स्कूल जरुर आना …
आज आपकी बेटी को भी गंजा देखा … पिता अब समझ चुके थे कि इनकी बेटी ने कितना बडा काम किया कल तक जो गुस्सा आ रहा था
आज वो प्यार में बदल चुका था … इस कहानी को बताने का मतलब यही है कि बच्चो को कम नही वे समझए जिस भी फील्डड में वो है उन्हे आगे लाएं और एक नया आसमान दें …
बच्चा बनना बच्चो का खेल नही है …
बच्चों का व्यक्तित्व विकास कैसे हो – बच्चों में छिपी प्रतिभा पहचानिए
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