महंगाई की समस्या – सरकार और मन की बात
अरहर मोदी का नारा हो या महंगाई डायन खाय जात है गाना बेशक गाना सुपर हिट रहा हो पर सच्चाई यही है कि महंगाई की वजह से अक्सर सरकारें हिट विकेट हो जाती हैं आने वाली सरकार बेशक चुनाव जीतने के लिए भरपूर राग आलापती है पर सत्ता में आते ही फिर वही ढाक के तीन पात हो कर रह जाते है.
कहा जाता है कि जनता पार्टी की सरकार भले ही अपनी वजहों से गिरी हो, लेकिन कांग्रेस ने उसके बाद का चुनाव प्याज की वजह से जीत लिया। यह बात अलग है कि प्याज की वजह से सत्ता में आई कांग्रेस भी इसकी कीमतों का बढ़ना नहीं रोक पाई और एक साल बाद फिर प्याज ने रुलाना शुरू कर दिया। इस बार उसके विरोधियों ने प्याज का नाटकीय इस्तेमाल किया, लेकिन बात बनी नहीं। लोकदल नेता रामेश्वरम सिंह प्याज का हार पहन कर राज्यसभा में गए तो सभापति एम हिदायतुल्ला ने उन्हें खरी-खोटी सुना दी। केंद्र में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी तो 1998 में प्याज की कीमतों ने फिर रुलाना शुरू कर दिया। अटल जी ने कहा भी कि जब कांग्रेस सत्ता में नहीं रहती तो प्याज परेशान करने लगता है। शायद उनका इशारा था कि कीमतों का बढ़ना राजनैतिक षड्यंत्र है। उस समय दिल्ली प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और विधानसभा चुनाव सिर पर थे। तब प्याज के असर से बचने के लिए सरकार ने कई तरह की कोशिशें की, लेकिन दिल्ली में जगह-जगह प्याज को सरकारी प्रयासों से सस्ते दर पर बिकवाने की कोशिशें ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित हुईं। और जब चुनाव हुआ तो मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व वाली भाजपा बुरी तरह हार गई। शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं, लेकिन 15 साल बाद प्याज ने उन्हें भी रुला दिया। अक्तूबर 2013 को प्याज की बढ़ी कीमतों पर सुषमा स्वराज की टिप्पणी थी कि यहीं से शीला सरकार का पतन शुरू होगा। वही हुआ। भ्रष्टाचार के साथ महंगाई का मुद्दा चुनाव में एक और बदलाव का साक्षी बना। अब फिर प्याज की कीमतों में उछाल का सीजन है। फर्क सिर्फ इतना है कि इस समय सामने कोई चुनाव नहीं है। read more at livehindustan.com
‘दाल की क़ीमत तुम क्या जानो मोदी बाबू’ – BBC हिंदी
लोकसभा में महंगाई पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भाषण एक नए नारे पर ख़त्म किया- ‘अरहर मोदी, अरहर मोदी.’
कुमार गौरव ने ट्विटर हैंडल @gaurav9rock3 से कहा है- जहाँ दाल दाल में सोने की चिड़िया करती है बसेरा वो भारत देश है मेरा.
डॉक्टर शौकत मंसूरी (@shoquatmansoori) ने लिखा है- 50 रुपए की दाल 180 रुपए में बेचने वाले मोदी काका पहले चौकीदार है.
विनायक एन सावने (@vinayaknsavane) ने लिखा है- देश नही…दाल बदल रही है.
चंदन ने ट्विटर हैंडल @hamarechandan से लिखा है- मोदी जी, सिर्फ चाय पीकर ही पेट भर लेते है दाल वाली विटामिन मोदी को चाय पीने से ही मिल जाता है आखिर 56 इंची है ना.
राहुल गांधी के अरहर मोदी कहने पर लोग सोशल मीडिया पर दे रहे हैं प्रतिक्रियाएँ. read more at bbc.com
‘आजकल नया नारा है…अरहर मोदी, अरहर मोदी’ – BBC हिंदी
राहुल ने संसद में बढ़ती महंगाई का ज़िक्र किया तो वित्त मंत्री ने कहा- ‘दाम नारों से नहीं, डिमांड-सप्लाई से तय होते हैं.’ Via bbc.com
आगे आगे देखिए होता है क्या …. फिलहाल तो अच्छे दिनों की खोज जारी है
Leave a Reply