रिजल्ट, बच्चे और अविभावक
जरा सोचिए
कुछ देर पहले एक जानकर आए हुए थे…चाय पीते हुए उन्होनें बताया कि बहुत टेंशन हैं बच्चों का रिजल्ट आना है … 31 मार्च को पेरेंटस टीचर मीटिंग है… मैने भी कहा कि ओह … शायद बच्चों के पेपर अच्छे नही हुए … वो बोले अरे नही पेपर तो बहुत अच्छे हुए हैं और ये हर साल फर्स्ट ही आते हैं… इस बात की तो चिंता नही … तो प्रोब्लम क्या है … मेरे पूछ्ने पर काजू खाते खाते उसने बताया कि असल में , बच्चे हमेशा खाने के लिए टोकते हैं कि और बच्चों के पेरेंटस भी आते हैं सभी फिट और स्मार्ट है पर आप दोनों बहुत मोटे हो … अगर 31 तक वजन कम हुआ तो ठीक है नही तो रिजल्ट लेने आप लोग नही आओगे… अचानक मेरा ध्यान काजू कतली पर चला गया जोकि लगभग खत्म हो चुकी थी… शायद बच्चों की चिंता जायज थी पर हम लोग क्यों नही सोचते अपनी सेहत के बारे में … !!
एक बेचारा संडे मिलता है और उसी में ओवर ईंटिंग …पराठीं, पूरी आलू, मिठाई …… !!! अरे भई !! खा खा कर क्यों बेचारे शरीर को दुख दे रहे हैं !! अगर बच्चे अभी से चिंता कर रहे हैं तो अच्छी बात है …!! मोटापे के लिए, शादी, त्योहार, थाईराईड या दूसरे बहाने बहाने बनाने छोडिए और अपनी सेहत पर ध्यान देना शुरु कीजिए अन्यथा डाक्टरों के चक्कर भी कम बुरे नही !! बाकि आप खुद समझदार हैं … है ना !!
Take care …एक दूसरे को कहना या वटस अप करना बहुत अच्छा लगता है कि हमें आपकी परवाह है पर क्या वाकई हम अपना ख्याल रखते हैं ??
जरा सोचिए और वाकई में अपना ध्यान रखिए … अच्छा नही बहुत अच्छा लगेगा 😆
रिजल्ट, बच्चे और अविभावक
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