काम वाली बाई है मेरे पास हयं !!!!
पढने से पहले प्लीज ध्यान दें ….इस व्यंग्य की सारी बाते सच्ची धटना पर आधारित है और इसका किसी भी व्यक्ति,स्थान उम्र से अगर मेल हो तो इसे कोई हैरानी बात ना होगी ….
जी हां, अब मुस्कुराने की तो बात है ही..!! मेरे पास काम वाली बाई जो है. हयं.(अमिताभ स्टाईल मे)
जी बिल्कुल, वो मुझे भूल जाए ऐसा हो नही सकता और मै उसे भूल जाऊ ऐसा मै होने नही दूगीं.(सुनील शेट्टी स्टाईल मे) सुबह शाम दिन मे दो बार आती है.क्या पूछा आपने !!छुट्टी इत्यादि!! अरे वो कोई भी दिक्कत ही नही, यह सब तो चलता ही रहता है.समय पर आती है!!! अरे समय की कोई बात नही. बस आना ही बहुत है उसका. हां वो अलग बात है कि इसके इंतजार मे मै जरा आस पास की पडोसनो के घर चक्कर लगा आती हूं और इसी बहाने मिलना जुलना भी हो जाता है सहेलियो से.
हां तो मै कह रही थी कि ….!! ओहो ! आपके पास तो प्रश्न बहुत है.मेरी भी तो सुनिए जरा. अब वो क्या है ना उसके घर आने के बाद आगे पीछे धूमना पडता है. असल मे, पिछ्ले दिनो एक सोने की चैन गुम …!!! अब उस पर तो शक कर नही सकती !!! अरे भई, शक किया तो छोड कर जो चली जाएगी ना !!!
हां, तो मै कह रही थी कि जब वो आती है तो सबसे पहले मै उसका स्वागत मुस्कुरा कर करती हूं. बैठाती हू और चाय भी पिलाती हूं.फिर जरा किसी सीरियल के बारे मे बातचीत करती हूं और फिर शुरु होता है हमारा काम… ओह आई मीन उसका काम!! इसके पीछे पीछे इसलिए धूमना पडता है कि उसकी नजर जरा कमजोर है. अक्सर या यू कहिए कि कई बार कूडा नही दिखता तो वो उसे दिखाना पडता है. फिर आजकल उसकी कमर मे दर्द चल रहा है उससे झुका नही जाता इसलिए जरा मै वहाँ झाडु करके उसकी मदद कर देती हूं.
झाड पोछ वो करती नही है इसलिए वो भी साथ की साथ मै ही करती हू ताकि एक ही बारी मे मेरा घर साफ साफ हो जाए.फिर अक्सर जाले वगैरहा भी साफ करने होते है ना मुझे वो उसका एक्स्ट्रा समय लेना पडता है और फिर उसके घर के लिए रोटियां या खाना इत्यादि पैक करके देना पडता है मुझे.!!!
बर्तन धोने के लिए गरम पानी करके देती हूं ताकि सारे बर्तन साफ धुले.अक्सर वो प्याज वाले बर्तन नही धोती. उसकी महक उसके सिर मे चढती है इसलिए प्याज वाले बर्तन मै ही साफ करती हूं और बर्तन धोने के बाद दूसरे घरो मे काम करने के चक्कर मे और जल्दी जाने के चक्कर मे वो बस टोकरी मे ही डाल जाती है जिसे मैं ही लगाती हूं.अरे( आपको क्या पता आठ घर है उसके पास!! अब थोडा सा लिहाज तो करना बनता है कि नही!!
अक्सर समय बेसमय उसे इनाम या उपहार स्वरुप कुछ ना कुछ देती रहती हूं. क्या !!! किसलिए ??? अरे भई ताकि वो महारानी जी टिकी रहे. क्या करे… आजकल काम वाली बाईया मिलती ही कहां हैं!!! कम से कम स्टेटेस मे तो है बताने को कि मेरे पास काम वाली बाई है.हयं!!
अच्छा, मै अभी चलती हूं!! क्या पूछा !!! कहां !! अरे! क्या बताऊ!! आज बो बोल कर गई है कि 200 रुपए बढाने है उसका खर्चा नही चल रहा है.. बस यही सुनने के बाद सिर जरा सा दर्द कर रहा है. वैसे आपसे क्या छिपाना !!
असल मे, आजकल सिर दर्द बहुत रहने लगा है और बीपी भी ज्यादा हो गया है.. वो क्या है ना काम वाली बाई को कुछ कह नही सकते कुछ कहो तो तैयार रहो सुनने के लिए कि जा रही हूं छोड कर और अगर घर पर बताओ कि काम वाली बाई कितना तंग करती है तो वो तुरंत कह देते है कि हटा दो उसे. इतना परेशान किसलिए होना है. बस इसलिए ही ….!! पर मुझे खुशी है कि काम वाली बाई है मेरे पास !!पर अब बस फर्क इतना ही है कि हयं नही हाय ( मोनिका गुप्ता स्टाईल मे)