सबक
जिंदगी का सबक !! सबक यानि lesson पाठ … जिंदगी हमें तरह तरह से सबक सिखाती रहती है. अच्छी बातो का सदा स्वागत करना चाहिए..
मेरी सहेली मणि के घर कोई सपरिवार आए हुए थे. देखने में बहुत साधारण पर बातचीत में बेहद सलीकेदार और हर बात हाथ जोडे कर रहे थे. मैं उन्हें नही जानती थी. उनके जाने के बाद मणि ने जो बताया. वो मैं आप सभी को बता रही हूं.
लगभग सात आठ साल पहले मणि सपरिवार मार्किट बच्चो के लिए पैन खरीदने गई थी. दुकान पर बहुत भीड थी. मणि ने पैन लिए और पचास रुपए दुकानदार को दे दिए. उसके पति कार मे ही बैठे रहे. कुछ देर में दुकानदार ने उसे तीन पैन दिए के साथ साथ पचास रुपए भी दे दिए और दूसरे ग्राहको को सामान देने लगा. मणि पहले तो कंफ्यूज हुई पर बाद में मन ही मन खुश हो गई कि मजा आ गया. पैन फ्री मे आ गए. मम्मी को खुश देख कर बच्चे भी खुश हो गए. कार मे बैठ कर जब उसने अपने पति को खुशी खुशी बात बताई तो उसे बहुत डांट पडी. उन्होने कहा कि यह बिल्कुल गलत है. दुकानदार को पैसे वापिस देकर आओ. वो मुंह बना कर बेटे के साथ वापिस दुकान पर गई.
जब रश काम हुआ तो उसने दुकानदार को सारी बात बताई. उस समय तो दुकानदार ने अपनी व्यस्तता बताते हुए पैसे काट कर उसे दस रुपए वापिस कर दिए पर कुछ समय बाद कही से पूछते पाछ्ते वो सपरिवार उपहार लिए उनके घर आया. उस दिन दीपावली थी. उसने अपने बच्चों से कहा कि इन से सीखों .ऐसे भी लोग दुनिया मे होते हैं.
उस दिन मणि को बहुत झेंप भी महसूस हुई पर खुशी भी हुई कि आज वो किसी के लिए तो प्रेरणा बनी. बात पचास रुपए की नही है बल्कि हमारी सोच की है अगर मणि उस दिन अपने पति के कहने पर रुपये न वापिस करती तो जिंदगी तो वैसे ही चलती रहती और उसके बच्चों को एक गलत सबक मिलता पर अब मणि के साथ साथ उसके बच्चे भी एक सीख ले चुके थे. उस बात के बाद से अब वो दुकानदार सपरिवार हर साल दीपावली पर आता है.
सबक कैसा लगा ? जरुर बताईएगा !!