क्लिक करिए और सुनिए एक मिनट और 48 सैंकिंड की कहानी “साफ सफाई -लघु कथा -ऑडियो ” वाचिका मोनिका गुप्ता
साफ सफाई हम सभी को पसंद है पर कुछ मामलों में सफाई से सख्त नफरत है .. खासकर हमारे देश में….
कैसे ?? जानने के लिए सुनिए कहानी
सफाई
पिछले बहुत दिनों के तनाव के बाद आज घर में रौनक थी। दादी पूजा करवा रही थी। 12 वर्षीय मोनी जब स्कूल घर लौटी तो खुशनुमा वातावरण था। पिछले बहुत दिनों से वो भी इस तनाव को महसूस कर रही थी। उसकी मम्मी सुस्त तो लग रही थीं, पर पूजा की तैयारी में जुटी थी और पापा बाजार से फल और मिठाई लाने गए हुए थे।
मोनी सोच रही थी कि आखिर इतने दिनों का तनाव ऐसे कैसे खत्म हो गया, क्योंकि आज न केवल सभी खुश हैं, बल्कि घर पर पूजा भी रखवा दी गई है। तभी बुआ का फोन आया और दादी बात करने में जुट गईं। वो खुशी- खुशी बता रही थीं कि पिछली बार की तरह इस बार भी सफाई हो गई है।
ईश्वर ने चाहा तो अबकी बार मोनी का भाई ही खेलेगा गोदी में… न कि .. मोनी सुनकर सन्न रह गई… तो क्या….अब वो नन्ही गुडि़या से कभी नहीं खेल पाएगी? फोन रखकर दादी ने आवाज दी मोनी पूजा में बैठने के लिए जा जाओ।
मोनी दादी के पास जाकर बोली कि आज पूजा कैसे हो सकती है। याद नहीं, पिछले साल जब चाचा की death हुई थी, तब कुछ दिनों के लिए उन्होंने पूजा बंद करवा दी थी!
दादी अगरबत्ती और दीयाजलाते हुए, हँसते-हँसते बोलीं कि कैसी बातें कर रही है… आज कौन मरा है, जो घर में पूजा न होगी। मेरी बहन… सुना…. मेरी बहन… जिसकी आपने पेट में ही सफाई करवा दी। वो पूजा में नहीं बैठेगी और गुस्से से पैर पटकती, रोती हुई अपने कमरे में भाग गई ।
अचानक पूरे घर में मानो सन्नाटा-सा छा गया। दादी को ऐसा महसूस हुआ मानो सच में ही कोई मर गया है।
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