सुविचार ( सकंलित)
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं
तरक्की के बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती
मैंने कुछ लोग ऐसे भी गरीब देखे हैं
जिनके पास पैसे के सिवा कुछ भी नहीं.
दिखते हैं पर नज़र नहीं आते
कुछ लोग कितने दूर हो जाते हैं.
खुद” को “अच्छा” साबित करने में
“वक्त” बर्बाद मत करना,
क्योंकि…
“सभी” इसी में लगे हुए हैं।
मुसीबतों से उभरती है शख्सियत यारो
जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का.
हर किसी को खुश रख सकूँ, वो तरीका मुझे नहीं आता
जो मैं नहीं हूँ वैसा दिखने का, सलीका मुझे नहीं आता
लगी है प्यास चलो रेत निचोड़ी जाए ,
अपने हिस्से में समंदर नहीं आने वाला
जो झुकते हैं ज़िन्दगी में वो बुज़दिल नही होते
यह हुनर होता हैं उनका हर रिश्ता निभाने का
मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुकदर की बात है
हम कोशिश भी ना करे
ये तो गलत बात है.. सुविचार ( संकलित)



