Monica Gupta

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January 8, 2018 By Monica Gupta Leave a Comment

How to Praise Children – बच्चों की प्रशंसा कैसे करें – Ways to Praise Your Kids – Monica Gupta

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How to Praise Children – बच्चों की प्रशंसा कैसे करें – Ways to Praise Your Kids

बच्चे जब कुछ गलत करते हैं तो हम पेरेंटस क्या करते हैं… गुस्सा करते हैं डांटते हैं और कई बार पिटाई भी कर देते हैं वही जब कुछ अच्छा काम करते हैं तो … तो क्या हमेशा पीठ थपथपाते हैं शाबाशी देते हैं … दो मीठे बोल बोलते हैं जबकि दो शब्द एनकरेजमैंट के बोल कर बच्चों का आत्म सम्मान बढता है , कोफिडेंस आता है मैंटली खुशी मिलती है और मोटिवेशन भी आगे बढने की…

तो हमें अगर बच्चा कुछ अच्छा करे तो उसे एनकरेज करते रहना चाहिए पर इसके लिए भी कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए… क्योकि कई बार हम पेरेंटस अपनी तरफ से तो बच्चे को एनकरेज करते हैं पर हो कुछ और जाता है… चलिए एक उदाहरण देकर मैं अपनी बात समझाती हूं किस किस तरह से एनकरेज करना चाहिए… बच्चों को Encourage कैसे करें

मान लीजिए एक बच्चा साईकिल चलाना सीख रहा है और उसने दो दिन में अपना बैलेंस बनाना सीख लिया है तो उसकी मम्मी खुश तो है कि दो दिन में साईकिल चलानी आ गई पर साथ ही साथ क्या बोल रही हैं कि… तेरे भाई ने तो एक ही दिन में सीख ली थी…  पहले ही दिन चला ली थी उसने साईकिल चलानी… तो क्या होगा … बच्चे को यकीनन बुरा लगेगा क्योकि उसकी तुलना में प्रशंसा हुई है अगर उसकी मम्मी ये कहती कि अरे वाह… दो दिन में… सीख भी गए साईकिल चलाना.. कमाल हो गई तो बच्चे का उत्साह अलग ही होता … बच्चे को Encouragement  मिलती पर हो गया बिल्कुल गलत… तो इस तरह की अलग अलग हम कई बार गलती कर जाते हैं तो इससे क्या सीखा कि हमें एनकरेज करना तो चाहिए पर Comparison  Praise कभी नही करनी चाहिए नही कीजिए… इससे बच्चे के आत्मसम्मान को चोट पहुंचती हैं…

ये बात अगर अपने ऊपर ले जाए तो ज्यादा समझ आएगी… उसकी मम्मी भी तो कितनी अच्छी कार चलाती है आपको तो ढंग से चलानी भी नही आती … तो क्या रिएक्श्न होगा आपका.. बुरा लगता है बहुत बुरा लगता है… इसलिए तुलना करते हुए प्रशंसा नही करनी चाहिए बल्कि ये बोलना चाहिए.. आप बहुत अच्छा कर रहे हो… कल तब बिल्कुल आ जाएगी…

छोटी छोटी बात यानि आसान कामों पर बार बार praise करना या फिर overdo overpraise करना भी सही नही है उससे नेगेटिव असर पडता है…

बात बात पर प्रशंसा करना बच्चे की मोटिवेशन कम ही करता है बढाता नही है… छोटी छोटी बात पर अगर हम बच्चे की प्रशंसा कर रहे हैं इसका मतलब ये है कि हमें ज्यादा उम्मीद नही है… और फिर बच्चा भी कुछ ऐसा नही करने की कोशिश करता… उसे पता है कि छोटी छोटी बात पर प्रंशसा हो ही रही है तो कुछ और करने की क्या जरुरत है… कई बार ज्यादा प्रेज करने से प्रेज करने की वेल्यू भी कम हो जाती है…कभी कभार करेंगें तो उसकी महत्ता भी रहेगी…

जब हम किसी को एनकरेज कर रहे हैं तो Specific होना पडेगा और विस्तार से भी ..

मान लीजिए एक बच्चा क्लास में फर्स्ट आया तो आमतौर पर हम क्या बोलते हैं वाव !! बहुत अच्छे… जबकि हमें बोलना चाहिए कि जिस तरह से आपने पढाई की और शानदार नतीजा लाए… ये बहुत बढिया है.. खाली वाह , बहुत अच्छा नही होना चाहिए अगर जिस बारे में किसी को एनकरेज करना है तो उसे विस्तार से बताना होगा…

हमे प्रंशसा Honestly करनी पडेगी..

सच्चे मन से और ईमानदारी से… दिखावा नही करना… हम कई बार बच्चों को ऐसे ही प्रेज कर देते हैं… एक सहेली ने बताया जब वो छोटी थी तो उनके घर एक अकंल आते और हमेशा बोलते अभी तक जितने बच्चों से मैं मिला हूं ये सबसे अच्छी बच्ची है… तो बहुत खुशी होती  और जब वही अंकल किसी और घर जाते तो भी यही बोलते कि आपका बच्चा बहुत अच्छा है अभी तक जितने बच्चों से मैं मिला हूं ये सबसे अच्छा है… उनका ये डायलॉग था…  अब बताईए.. हो गई न गलत बात … अगर हम वाकई बहुत खुश हैं तभी कीजिए नही तो ..

एक बात का और ख्याल रखना चाहिए कि हमें बच्चे की Ability की बजाय Effort की या Process की Praiseकरनी चाहिए

जैसाकि मान लीजिए एक बच्चा मेरे पास अपनी ड्राईग लेकर आता हि कि देखो… मैं देखती हूं और ये कहती हूं कि कितनी अच्छी ड्राईंग है तो ये बात नही बनेगी.. क्योकि वो तो अच्छी है ही पर अगर मैं ये कहूंगी कि वाह ये पेड और ये पहाड कितने अच्छे बनाए हैं तो उसे बहुत एनकरेजमेंट मिलेगी कि वाकई में मैंने अच्छा बनाया है या उन्होने ध्यान से देखा तो वो और भी अच्छा बनाने का प्रयास करेगा..

How to Praise Children – बच्चों की प्रशंसा कैसे करें

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