Help Your Child to be Confident – Make Your Child Independent – बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएं – Raise Successful Kids – Independent बनाए बच्चों को – बच्चों को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं – पेरेंटिंग टिप्स – हम मदर्स बहुत केयरिंग होती है और बहुत ख्याल रखती हैं बच्चों का… पर क्या आप जानती हैं कि कई बार हमारा बहुत ज्यादा ख्याल रखना भी नेगेटिव हो जाता है…
Help Your Child to be Confident – Make Your Child Independent – बच्चों को आत्मनिर्भर बनाएं – Raise Successful Kids
जैसे मान लीजिए बेटा वीडियो गेम खेल रहा है और आवाज दिए जा रहा है कि पानी दे दो .. और मम्मी भी हां बेटा अभी लाई !!
बच्चा बोल रहा है मैं खेलने जा रहा हूं जरा मेरा स्कूल बैग लगा देना… ओके बेटा…
सुबह का समय है.. बच्चा लेट हो रहा है और यही उसकी रुटीन है… तो उसकी साईकिल साफ कर रही है…
कमरा फैला हुआ है कोई बात नही… मैं कर दूंगी ठीक बेचारे के सिर पर कितने काम है कितनी पढाई है और अपना कमरा भी साफ करना पडे तो…
अरे नही… ये जो आपकी मदद करना है ना कि मैं ही कर लूंगी पर कहीं न कही हम गलत कर रही है… इन कामों को करके हमें बच्चों को Independent आत्मनिर्भर बनाना है..
बच्चे में अपना काम खुद करने की स्किल का होना बहुत जरुरी है…
शुरु शुरु में अजीब लगेगा और महसूस भी होगा कि देखो हम अपने बच्चे से काम करवा रहे हैं पर यकीन मानिए उनकी बेहतर जिंदगी के लिए ये बहुत जरुरी है…
तो कैसे करें शुरुआत !!
शुरु में छोटा काम ऐसे ऐसे काम दीजिए कि उन्हें लगे कि अरे ये क्या काम है.. जैसाकि दांत साफ करने के बाद ब्रुश अपनी जगह पर रखना. खाना खाने के बाद अपनी प्लेट किचन में रखना.
फिर धीरे धीरे कुछ कामों में involve कर लीजिए जैसा कि आप बेटे कमरे से वो मैगजीन दे देना… या फिर जो आप काम कर रही हैं उसमे involve कर लीजिए. मेरी मदद करवा दो आप किचन मे है तो प्लीज बेटा ये चपाती सर्व कर दो.. जरा देखना बाहर कौन है !! ऐसे छोटे छोटे काम !! शुरुआत ऐसे कीजिए…
कई बच्चे स्कूल से आकर यूनिफार्म इसलिए नही बदलते कि मम्मी ने अलमारी से पलंग पर निकाल कर नही रखी…
शू लेस बंद करना नही आता क्योकि मम्मी ने कभी सीखाया ही नही
पजामे का नाडा नही बांध सकते…
ये बहुत छोटी छोटी बातें होती है बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए !! आप अपने निकालो कि क्या पहनोगे कपडे !!
बच्चों को आत्मनिर्भर उनकी उम्र ही हिसाब से बनाना चाहिए.. मान लीजिए अभी बहुत छोटा है तो आप बोल रहे है कि जा कर सडक पर अपनी ट्राई साईकिल चला लो… सडक के नियम पता नही है उसे… या साथ वाली दुकान से सामान ले आओ… ये देख कर कि वो इतना समझदार हो गया है कि वो जा सकता है या नही… बस stop है अभी अकेला वहां खडा हो सकता है या नही..
कई बार बच्चों का मन होता है बाहर का खाना खाने का. जैसे पिज्जा या होटल का खाना तो फिर फोन करके ही आर्डर देना होता है.. वो भी नही करते… आप करो आप करो… तो उन्हे बोलिए कि आप करिए तभी खाना आएगा नही तो नही आएगा !! बाते बहुत छोटी छोटी होती है पर जिंदगी में लॉग रन में बहुत काम आती हैं..
ज्यादा उम्मीद नही रखनी
हमें reasonable expectations यानि उम्मीद उचित रखनी हैं बहुत ज्यादा उम्मीद नही रखनी कि सारा ही काम करे… बच्चा अपनी अलमारी ठीक रखे. स्टडी टेबल सही रखे, बाथरुम साफ रखे. धीरे धीरे करके काम देना है और फिर उसे बेशक बढाते चाहिए पर बच्चे को बोझ न लगे इस बात का ख्याल रखना है…
परफेक्शन को भूल जाईए …
कई बार हमें हर चीज परफेक्ट भी चाहिए होती है कि बच्चे ने अगर कमरा साफ किया तो वो परफेक्ट हो… इतना ही बहुत है किया है उसने साफ… criticism नही करना बल्कि उसे एनकरेज करना है… अब ये आदत धीरे धीरे डालिए … कि साफ भी लगना चाहिए !! पर परफेक्ट ही हो.. ये सोच भी सही नही
उन्हें अपनी प्रोब्लम खुद सॉल्व करने दीजिए
मान लीजिए बच्चा अपने दोस्त के घर गया और अपनी कॉपी भूल आया पार्क मे खेल रहा है तो पानी की बोतल भूल आया.. तो हम फोन करके पूछ रहे है दोस्त के घर… ये काम बच्चे को ही करने दीजिए.. उसे फोन करके पूछने दीजिए… इससे आत्मनिर्भरता तो आती ही है साथ ही साथ आत्मविश्वास भी बढता है… !! फिर बजाय उनकी हैल्प करने के उन्हें याद करा दीजिए कि याद है ना आज शनिवार है आपका टेस्ट होता है कौन सी कॉपी लेकर जानी है…
टाईमटेबल बनाना बहुत सही रहता है..
और टाईम को मैंनेज करना सीखाना बहुत सही रहता है अगर उन्हें हम पहले ही बता देंगें कि सारी चीजे सही से रखई होगी तो आप कभी कुछ मिस ही नही करोगें उन्हे उदाहरण देकर या कहानी के माध्यम से भी बात समझाई जा सकती है.. अगर 7 बजे का अलार्म है तो अगर पौने 7 का लगा देंगें तो वो और सारा काम आराम से कर लेगा और हबडा तबडी भी नही होगी
Praise भी करनी है अगर अच्छा काम किया है अरे वाह !! आपने तो बहुत अच्छा काम किया… उससे उसने एक positive फीलिंग आएगी जैसाकि आज शू लैस ऐसा बाधां कि सारा दिन खुला नही … तो शाबाशी दीजिए !! Encourage कीजिए
बच्चों को आत्मनिर्भर रहने की वेल्यू समझाई जाएगी तो वो जरुर समझ जाएगे!
एक तरह से देखा जाए तो बच्चे को आत्मनिर्भर बनाना एक सबसे अच्छा उपहार है जो पेरेंटस बच्चों को देते हैं…
बच्चे एक्टिव भी रहते है
रिस्पोंसिबल रहते हैं
और आत्मविश्वास भी आता है…
ये आदत बचपन से ही डालनी जरुरी है क्योकि अगर एक बार आदत नही आई खुद काम करने की फिर बडे होकर भी नही करेंगें !!
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