Change your Thinking and Life will Change – सकारात्मक सोच पर कहानी – सोच बदलो जिंदगी बदल जायेगी – सकारात्मक सोच में बहुत शक्ति होती है हम सब जानते भी है फिर भी हम ना जाने नकारात्मकता से बाहर निकलते ही नही.. मेरा ये प्रयास रहता है कि कैसे भी करके इसकी महत्ता बताऊ.. इस बारे में वीडियो भी बहुत बनाई है.. कल मुझे बहुत ही अच्छी कहानी पढने को मिली सोचा ये भी शेयर करती हूं… कई बार कहानी के माध्यम से हम अपनी बात बहुत अच्छे से समझा पाते हैं.. मुश्किलों को हराते हैं चलो.. थोडा सा मुस्कुराते हैं..
Change your Thinking and Life will Change – सकारात्मक सोच पर कहानी
एक साधारण परिवार सा भरा पूरा परिवार था.. घर के मुखिया बहुत परेशान और चिडचिडे रहते .. कारण था कि परिवार की जिम्मेदारी. बूढे माता पिता की जिम्मेदारी, खर्चा, कभी ये Tax कभी वो Tax… फिर कोई न कोई रिश्तेदार आता ही रहता…
एक दिन उसका बेटा उसके पास आया और बोला पापा मेरे स्कूल का होमवर्क करा दीजिये, वह आदमी पहले से ही तनाव में था तो उसने बेटे को डांट कर भगा दिया लेकिन जब थोड़ी देर बाद उसका गुस्सा शांत हुआ तो वह बेटे के पास गया तो देखा कि बेटा सोया हुआ है और उसके हाथ में उसके होमवर्क की कॉपी है । उसने कॉपी लेकर देखी और जैसे ही उसने कॉपी नीचे रखनी चाही, उसकी नजर होमवर्क के टाइटल पर पड़ी।
होमवर्क का टाइटल था …..
वे चीजें जो हमें शुरू में अच्छी नहीं लगतीं लेकिन बाद में वे अच्छी ही होती हैं
इस पर एक पैराग्राफ लिखना था जो उसने लिख लिया था। उत्सुकतावश उसने बच्चे का लिखा पढना शुरू किया बच्चे ने लिखा था
परीक्षा मुझे अच्छी नही लगती पर वो जीवन में आगे बढना सीखाती है इसलिए वो अच्छी होती हैं.
कड़वी दवाई जरा भी अच्छी नही लगती पर उसे लेने से बीमारी भाग जाती है.. इसलिए मुझे अच्छी लगती है… कि वो बीमारी ठीक करती है..
मुझे अच्छा नही लगता जब पापा मुझे गुस्सा करते है पर गुस्से के बाद जब वो प्यार करते हैं तो मुझे बहुत ही अच्छे लगते है… हमारे साथ खेलते हैं घुमाने ले जाते हैं और मुझे अच्छी-अच्छी चीजें खिलाते हैं इसलिए मुझे उनका गुस्सा करना अच्छा लगता है…
वो आदमी इसे पढ़ने के बाद जैसे अचानक नींद से जाग गया हो । उसकी सोच बदल सी गयी। बच्चे की लिखी बातें उसके दिमाग में बार-बार घूम रही थी। फिर वह व्यक्ति थोड़ा शांत होकर बैठा और उसने अपनी परेशानियों के बारे में सोचना शुरू किया
वो सोचने लगा कि अगर यही बात मुझे लिखनी हो तो कैसे लिखूगा…
उसने सोचा कि मुझे अच्छा नही लगता कि घर के सारे खर्चे उठाने पड़ते हैं, जिम्मेदारी लेनी पडती है… पर खुशी की बात है मेरा एक भरा पूरा परिवार है.. कितने लोग ऐसे हैं जिनका इस दुनिया कोई है की नही… इसका मतलब है कि मेरे पास घर है और ईश्वर की कृपा से मैं उन लोगों से बेहतर स्थिति में हूँ जिनके पास घर नहीं है
मुझे अच्छा नही लगता कि घर में रिश्तेदार आते जाते रहते हैं पर खुशी है कि मैं उनके सुख दुख मे काम आता हूं या वो मुझे अपना समझते हैं और मुझसे सुख दुख सांझा करने आते हैं..
मुझे अच्छा नही लगता कि मैं Income Tax भरता हूँ, पर खुश हूं कि मेरे पास काम है.. कम से कम बेरोजगार तो नही… इसका मतलब है कि मेरे पास अच्छा काम है है और मैं उन लोगों से बेहतर हूँ जो बेरोजगार हैं या पैसों की वजह से बहुत सी चीजों और सुविधाओं से वंचित हैं
फिर उसके हाथ भगवान की ओर जुड जाते हैं कि हे भगवान .. हे मेरे भगवान् ! तेरा बहुत बहुत शुक्रिया •••
मुझे माफ़ करना, मैं तेरी कृपा को पहचान नहीं पाया
इसके बाद उसकी सोच एकदम से बदल गयी, उसकी सारी परेशानी, सारी चिंता एक दम से जैसे ख़त्म हो गई… वो एकदम से बदल सा गया.. वह भागकर अपने बेटे के पास गया और सोते हुए बेटे को गोद में उठा लिया और ईश्वर को धन्यवाद देने लगा.
देखिए…. बात बस इतनी है
हमारे सामने जो भी परेशानियाँ हैं, हम जब तक उनको नकारात्मक नज़रिये से देखते रहेंगे तब तक हम परेशानियों से घिरे रहेंगे लेकिन जैसे ही हम उन्हीं चीजों को, उन्ही परिस्तिथियों को सकारात्मक नज़रिये से देखेंगे…. हमारी सोच एकदम से बदलती चली जाएगी… चिंताएं, परेशानियाँ, तनाव ख़त्म हो जायेंगे और हमें मुश्किलों से निकलने के नए-नए रास्ते दिखाई देने लगेंगे…
वो कहते भी है न कि
मुश्किलों को हराते हैं चलो.. थोडा सा मुस्कुराते हैं..
Leave a Reply