Child Behavior Problems – बच्चों की परवरिश – Child Behavior Problems and Solutions – Monica Gupta – Behavior Problems You Shouldn’t Ignore – अनदेखा न करें बच्चों की ये बातें… Kids Problems – Parenting Tips – बच्चों की परवरिश कैसे करें – कल एक जानकार घर आई हुई थी.. उनकी चार साल की बेटी है.. जब हम बात कर रहे थे तो वो आई और दो बार कंघे पर हाथ रखा मम्मी के जैसा कुछ कहना चाह रही हो फिर मेरी जानकर ने मुझे क्षमा कीजिएगा कहा और और बेटी से पूछा कि क्या बात है.. उसे टॉयलेट जाना था.. वो मुझे पूछ कर उसे लेकर चली गई..
Child Behavior Problems – बच्चों की परवरिश – Child Behavior Problems and Solutions
मुझे इतना अच्छा लगा देख कर कि सब इतना आसान भी होता है नही तो इसी बात पर मम्मी बेटे की लडाई शुरु हो जाए… बाद मे उसने बताया कि वो पहले अपनी बेटी को बहुत गुस्सा करती थी पर अब ऐसा नही करती.. बेटी को भी पूरी महत्ता देती है… उनके जाने के बाद मुझे लगा कि मुझे कुछ बातें शेयर करनी चाहिए कि जो बच्चे बिहेव करते है और पेरेंटस को Ignore अनदेखा नही करनी चाहिए पूरा ध्यान देना चाहिए.. पहला तो यही कि
1. जब बच्चे Interrupt करें… जब बच्चे बात करते हुए बीच में बोलें… आमतौर पर हम खुद ही गुस्सा हो जाते हैं पहली बात तो बात सुनते ही नही… बच्चा पहले तो आराम से बोलता है फिर चिल्लाना शुरु कर देता है बच्चे को जब बात करनी है तो करनी ही है… तो क्या करना चाहिए
देखिए 3 या 4 साल का बच्चा तो ऐसा कर सकता है तो ऐसे में हमें बात करते करते रुक जाना चाहिए और दूसरे को Excuse me कह कर बच्चे से पूछना चाहिए.. और आराम से गुस्से से नही… और हम बच्चे को सीखा सकते हैं कि जब वो किसी से बात कर रहे हो और आपको कुछ कहना हो तो आराम से आकर खडे हो जाओ और एक बार shoulder टच करो.. जैसे आपने कुछ कहना है… indicate करेगी ये बात… .छोटे बच्चे की बात तो तुरंत सुन सकते हैं पर बडे बच्चे को हम एक मिनट रुको भी बोल सकते हैं… एक बार ये आदत हो जाएगी तो long run में बहुत फायदा देगी..
2.जब बच्चा Disrespect करे तो… कहना नही मानें जिसे ऊठा कर फेंके.. तो बहुत बुरा लगता है.. एक दम से गुस्सा नही होना चाहिए.. बच्चे के एंगल से सोचना चाहिए कि वो ऐसा किसलिए कर रहा है… बच्चे को शांत करवा कर उससे कारण जानिए फिर आराम से समझाईए कि ऐसा करना सही नही है.. कुछ नियम बने होने चाहिए और समझाईए कि उसमे ही रहना चाहिए… पर धमकी भी नही देनी और कभी कभार flexible भी रहना चाहिए… जब भी बच्चा आराम से बोले तो शाबाशी जरुर दें..
3. Lying सफेद झूठ बोलना एक भी एक कॉमल प्रोब्लम है.. कोई चीज गिर गई.. नही मैंने तो नही किया… मासूम होते है.. दीवार पर पैंसिल से लिख दिया फिर बोलेगें हमने तो नही किया… साफ साफ मना कर देते हैं… कोई शो पीस गिर कर टूट गया. बाथ रुम का नल खुला रह गया. टंकी का पानी खत्म हो गया..
तो ऐसे में ये सोचिए कि झूठ किसलिए बोला.. क्या हम भी तो कई बार झूठ नही बोलते.. डर था कि पिटाई हो सकती है… सजा मिलेगी… कुछ बच्चों को आसान भी लगता है यानि अच्छा लगता है ऐसे में बच्चों को सीखाना चाहिए कि गलती मान लेनी चाहिए… झूठ बोलने के परिणाम बताईए… कुछ कहानी या उदाहरण देकर समझाईए.. और थोडा सब्र भी रखिए… खुद भी role model बनिए.. और जब बच्चा सच बोलना शुरु कर दे.. बात मान जाए.. तो शाबाशी भी दीजिए..
4. मजाक उडाना.. अगर कोई छोटे कद का है कोई मोटा है तो मजाक उडाना.. उसके सामने भी हंसना और पीठ पीछे भी… इस बात पर तो कभी छूट नही देनी चाहि.. एकदम मना कर देना चाहिए..
पर मना करने से पहले पेरेंटस को खुद सोचना चाहिए कि बच्चा अगर मजाक उडा रहा है तो किसलिए… क्या वो घर का भी ऐसा माहौल देखता है ?
फिर ये भी देखना चाहिए कि उसकी संगत क्या है दोस्त कैसे हैं ?? बच्चे को उदाहरण देकर समझाईए कि अगर कोई हमारा मजाक बनाए तो कैसा लगेगा… समानानोभूति की भावना महसूस करना सीखाईए !! और अपने rules बना लेने चाहिए.. और बच्चे को समझाईए कि खुद तो मजाक बनाना ही नही है अगर कोई और बनाए तो उसे समझाए !! !!
5. Too Much Screen Time बच्चे बहुत टीवी या मोबाईल करते है… तो ऐसे में उन्हें कुछ कहने से पहले सबसे पहले खुद को देखिए.. कही आप से आदत तो उनमे नही आई… अगर ऐसा है तो खुद को ठीक कीजिए और ऐसा नही है तो फिर टाईम फिक्स कीजिए.. फिर वो दिक्कत नही आएगी.. कभी कभी या वीक एंड पर बाहर भी घुमाने ले जाए डिजिटल डिटोक्स हो जाएगा..
बच्चों की साईकोलोजी को समझना चाहिए और फिर उसी हिसाब से रिएक्ट करना चाहिए…
बातें तो और भी हैं पर फिलहाल इतनी ही…
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