Role of Diet in Personality Development – जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन – Monica Gupta – The Food You Eat Affects Your Personality – जैसा हम खाते हैं वैसा ही हम बनते हैं – हमारी personality development में डाईट अहम रोल अदा करती है.. वो कहते भी है न कि जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन.. जिंदगी खाने के लिए नही है बल्कि खाना जिंदगी के लिए है…
Role of Diet in Personality Development
एक प्रसंग में Maharsi Caraka जिन्होनें चरक संहिता लिखी थी… उन्होने चरक संहिता लिख तो दिया पर लोग इसका मतलब नही समझ पाए तो वो पूछ्ने निकले.. कि असली निरोगी कौन कही से सही जवाब नही मिला.. पूछा बहुत लोगो से… कही से सही उत्तर नही मिला..
परेशान होकर वे नदी किनारे बैठे गए. तभी देखा कि एक व्यक्ति को देखा उसकी वेशभूषा देखकर वे समझ गए कि यह भी कोई वैद्य ही है.
मन नहीं माना तो उन्होंने उस वैद्य से भी वही सवाल पूछा, ‘कोरुक?’ यानी कौन निरोगी? पहले तो वह व्यक्ति उन्हें गौर से देखा फिर बोला,
हित भुक , मित भुक , ऋत भुक …. यह सुनते ही चरक का चेहरा खुशी से खिल उठा. उन्होंने उस वैद्य को गले से लगा लिया. इसका अर्थ ये है कि
हित भुक यानि जो व्यक्ति शरीर को लगने वाला आहार ले..
मित भुक – भूख से थोड़ा कम खाए
ऋत भुक – मौसम के अनुसार भोजन या फलाहार करे
बोले आपने बिलकुल ठीक कहा जो व्यक्ति शरीर को लगने वाला आहार ले, भूख से थोड़ा कम खाए और मौसम के अनुसार भोजन या फलाहार करे वही स्वस्थ रह सकता है. अगर हम नियमित इसका पालन करें तो शरीर में रोग हो ही नहीं सकता..
वैसे ही अन्न के तीन प्रकार होते हैं.
सात्विक आहार – सात्विक भोजन वह है जो शरीर को शुद्ध करता है और मन को शांति प्रदान करता है ताजा पकाया हुआ भोजन यदि 3 से 4 घंटे के भीतर सेवन किया जाता है तो इसे सात्विक माना जाता है I उदाहरण – ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, बादाम आदि, अनाज और ताजा दूध
राजसिक आहार – बहुत स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ राजसिक हैं
मसालेदार भोजन, तला भुना, भोजन और चाय, कॉफी
इनका अत्यधिक सेवन शरीर में अतिसक्रियता, बेचैनी, क्रोध, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा इत्यादि लाते हैं I
तामसिक आहार
तामसिक भोजन वो हैं जो शरीर और मन को सुस्त करता है… जैसे मांसाहारी आहार, वसा का अत्यधिक सेवन, तेलयुक्त और अत्यधिक मीठा भोजन
बासी या पुन: गर्म किया गया भोजन, तेल या अत्यधिक भोजन इस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं..
बहुत बार देखते भी है कि कोई शादी या समारोह है लोग टूट पडते हैं खाने पर कितना भर लेते है प्लेट में.. इससे उनकी personality घटती ही है… उनका मजाक ही बनता है..
अक्सर जब बहुत ज्यादा खाना खा लेते हैं तो सुस्ती आ जाती है वही हल्का भोजन से शरीर एक्टिव रहता है… तो अगर हम अपनी personality बनाए रखना चाहते हैं
स्मार्ट दिखना चाह्ते हैं तो डाईट पर ध्यान देना बहुत जरुरी है.. तो हित , मित ऋत भोजन करना चाहिए…
जीवन जितना सादा रहेगा तनाव उतना आधा रहेगा..
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