How to Get Kids to Listen – बच्चे बात नहीं मानते – How to Get Your Kids to Listen – #ParentingVideosInHindi – Monica Gupta – बच्चे कहना नही मानते… Parents की अक्सर यही शिकायत रह्ती है कि बच्चे कहना ही नही मानते.. सुनते ही नही जितना भी बोले जाओ… तो आज इसी बारे में बात करती हूं कि बच्चे कहना किसलिए नही मानते.. क्या कारण हैं… मैं 11 बातें बताऊंगी… देखिए 6 बातें तो वो जो कॉमन हैं और 5 बातें जो जरुरी हैं पर हम ध्यान नही देते या ध्यान जाता ही नही…
How to Get Kids to Listen – बच्चे बात नहीं मानते – How to Get Your Kids to Listen
सबसे पहली वजह है
1.लाड़-प्यार
माता पिता का बहुत लाड प्यार बच्चों को बिगाड देता है बच्चों को लगता है कि मम्मी पापा प्यार करते हैं तो वो कुछ नही कहेंगें और वो उनकी किसी बात को सीरियसली नही लेते और अनसुना कर देते हैं.. इसमे की बार पेरेंटस तो ज्यादा लाड़-प्यार नही दिखाते पर दादा दादी दिखाते हैं कुछ कहो तो बच्चो की ढाल बन जाते हैं वही अगर मम्मी ने कुछ कह अतो पापापा और पापा ने कुछ कहा तो मम्मी ढाल बन जाती हैं.. उससे बच्चे फिर अनसुन अकरते रहते हैं.. उनके मन में यही चल रहा होता है कि कुछ नही होने वाला…
2 घर का माहौल
बहुत बार घर का माहौल ऐसा होता है कि family member एक दूसरे की बात नही सुन रहे .. इससे बच्चे पर बहुत असर पडता है वो उन्ही को फ़ोलो करता है… तो घर का माहौल भी ऐसा बनाए रखना जरुरी है जहां ऐसे खुले में झगडा न हो या बच्चों के सामने न हो..
3 माता पिता समय ही नही देते…
बहुत सारी बाते बच्चो को पेरेंटस से करनी होती है.. बतानी होती है पर दोनो के पास समय ही नही और जब घर आते हैं तो मोबाइल, मैसेज, टीवी इसमे लग जाते हैं… तो बच्चे भी बेरुखी दिखलाते हैं… जवाब ही नही देते.. उनके मन में यही चल रहा होता है वो हमारी बात नही सुनते तो हम क्यो सुने…
कई बार ऐसा भी देखने मे आता है कि पेरेंटस दूसरे कमरे में हैं और बच्चों की आवाजे आ रही है बच्चा आवाज देकर बुला रहा है कि आओ मम्मी … पर नही जाते… जब तक रोना चिल्लाना न बढ जाए… तो जब बच्चा आराम से आवाज दे रहा है तो तभी सुन लेनी चाहिए बात बढने के बाद बात हाथ से निकल जाती है…
- बात बात पर पिटाई करना गुस्सा करना चिल्लाना..
कई बार पेरेंटस गुस्से मे आकर बच्चे पर हाथ उठा देते हैं.. ऐसे में बच्चा डरने लगता है और वो छिप कर काम करने लगता है..ऐसे में बाते भी अनसुनी कर देता है.. तो मारना या गुस्सा होने की बजाय प्यार से समझाए और अगर फिर भी बच्चा नही माने तो उसकी सजा बताए..
कई पेरेंटस धमकी भी देते हैं कि ये नही किया तो ऐसे करुगा.. कमरे में अबंद कर दूंगा.. ये कर दूंगा.. अपना पूरा रौब दिखाते हैं.. ये भी सही नही… बजाय इसके अपने घर के कुछ नियम बना कर रखने चाहिए कि ऐसा किया तो ये होगा… और ये सही नही.. उसे ये बात समझानी चाहिएकि ये बात समझनी आपके ही भले के लिए है.. बच्चा कुछ पूछे बात करे तो चिल्लाना तो वो
- रिश्वत देना.. बहुत पेरेंटस ऐसा ही करते हैं कभी कभी तो कोई दिक्कत नही पर हमेश अगर बार बच्चे से ऐसे काम करवाएगें तो उसके मन में लालच बैठ जाएगा.. या फिर कई बार मदर्स इमोशनली भी कुछ ऐस अकह जाती है कि अरे तुम्हारे लिए ही रह रही हूं मैं यहा.. नही तो कभी की चली जाती घर छोड कर.. उससे बच्चे के मन में एक guilt की भावना आ जाती है.. कि ये मेरे लिए हो रहा है और वो बिल्कुल उदसीन हो जाता है… तो ना तो रिश्वत देना और ना ही इमोशनल होकर बच्चों के सामने ऐसी वैसी बात करनी चाहिए..
- फिर आता है कि अच्छा काम करने पर कभी एनकरेज नही करना और कोई छोटी सी गलती होने पर सभी के सामने डांटना.. तुलना करना, उससे बच्चे में एक कॉम्प्लेक्स की भावना आ जाती है…
ये तो थी कुछ ऐसी बातें जो हमें लगभग पता ही होती है… कुछ बाते ऐसे हैं जिन पर ज्यादा ध्यान नही देते जबकि ये भी बहुत बडी वजह बनती है बच्चे का कहना न मानने की…
- पहली वजह है कि हम बहुत ज्यादा मौके देते हैं.. एक बार गलती की.. चलो दूसरी बार नही करेगा.. दूसरी बार की तो चलो तीसरी बार नही करेगा… ऐसे में बच्चे यही सोच लेते हैं कि कोई कुछ नही कहेगा.. … जबकि पहली बार में ही समझा देना चाहिए कि ये सही नही है..और अगर इसे किया गया.. तो इसका ये रिजल्ट होगा…
- कई बार हम पेरेंटस ही अपनी बातो से कंफ्यूजन कर देते हैं… जैसा कि एक बार मैं अपनी सहेली के घर गई हुई हुई थी. उसका बेटा खाना खा रहा था वो बोली मुंह बंद करके खाओ.. उसे समझ नही आया.. उसने खाना ही खाना बंद कर दिया…जब पूछा कि खाना किसलिए नही खा रहे तो बोला..कैसे खाऊं मुंह बंद करके.. फिर उसे बहुत झेंप लगी और समझाया जब मुंह में खाना हो तो मुंह बंद करके चबा चबा कर खाओ.. तो कुछ ऐसी बातों पर ध्यान देना चाहिए..
- तीसरी बात आती है कि बच्चे की उम्र के हिसाब से ही काम देना चाहिए.. बहुत बार हम उस पर बहुत सार अकाम सौंप देते हैं उसके लिए वो बहुत ज्यादा हैं पहाड के जैसे और ऐसे में वो भूल भी जाता है… जैसा कि हमने बोला अपन अकमरा साफ करो, स्कूल बैग लगाओ और यूनिफार्म एक तरफ रख कर सोना… हमारे लिए ये कोई बडे काम नही पर बच्चे के लिए बहुत ज्यादा है… बजाय multi tasking के उसकी age के हिसाब से ही काम सौंपने चाहिए..
- चौथी बात आती है कि हम बच्चों को संस्कार ही नही देते कि कहना मानना चाहिए बडो का आदर करना चाहिए.. जब किसी बात पर बच्चों का झगडा हो जाए या जब हमारा कहना ना माने तब हम लेक्चर देते है कि कहना नही मानते, नालायक हो जबकि ऐसी बातें शांत माहैल में हलके माहौल में समझाई जाएं तब समझ आती हैं… तब बच्चे इसकी महत्ता समझ भी सकते हैं ..
- पांचवी बात आती है कि उन्हें समझ ही नही है कि कहना मानना चाहिए… समझ ही नही है… ऐसे में बच्चों को समझाना चाहिए कि जो बच्चे बडो का कहना मानते हैं उनसे भगवान खुश होते हैं… अगर आप बडो का कहना मान रहे हो यानि भगवान को खुश कर रहे हो…जब एक फूल नही खिलता तो हम फूल को ठीक करते हैंं या वहां के environment को.. बस यही करना.. माहौल अच्छा देना है
When a flower doesn’t bloom we fix the environment in which it grows not the flower..
How to Get Kids to Listen – बच्चे बात नहीं मानते – How to Get Your Kids to Listen
Pooja says
Hello mam,
Thanku soo much for replying me. Actually mam wo 1st class me h n problem usme nhi h problem mujhme h . I loose patience very soon. I knw this very well. I try n try bt every time I failed. She has a cute smile. Bt because of me wo rone lagti h jiddi ho jati h. PlZ tell me how can I improve my patience level. Family k kisi bhi part me koi problem nhi h bt sirf jb mai use padhane baithti hu ….I fail. I can ‘t get my self.
Monica Gupta says
हैलो पूजा… कैसी हो ?? सबसे पहले तो एक स्माईल दीजिए क्योकि आप एक बहुत अच्छी मम्मी हैं.. बहुत केयरिंग है… 🙂 बहुत बार घर पर ऐसी बातें हो जाती हैं कि बच्चों पर सही असर नही पडता और बच्चे जिद्दी हो जाते हैं.. पर अपवाद तो हमेशा ही होते हैं… आपकी बिटिया के लिए मैं एक ही बात कहूंगी कि अब वो 5 क्लास में हैं.. कुछ शारीरिक बदलाव बच्चे में जब आने शुरु होते हैं तो उसे खुद भी नही पता होता कि कैसे रिएक्ट करना है… वो कुछ चिडचिडा सा हो जाता है.. तो हर बार मम्मी पापा की गलती हो ऐसा नही होता… आपको बस थोडा संयम रखना होगा… एक टाईम टेबल बना दीजिए जिसमे बीच बीच में कुछ मस्ती भी हो.. ताकि कम से कम एक बार पढना तो शुरु करे… आप उसे अच्छी अच्छी प्रेरक कहानी सुनाईए.. समय दीजिए.. उसका मन किसलिए नही लगता ये जानने की कोशिश कीजिए… हो सकता है कि कोई सब्जेक्ट उसे समझ न आ रहा हो… आप इसे चैलेंज लीजिए पर स्माईल के साथ…
Pooja says
Hello mam.,
Maine apki bhut vedios dekhi h. But ek question hmesha mujhe pareshan krta h ki jo bche hm parents ki wajah se jiddi ho gye …..Hmne gussa kiya ya mar diya ya ghr ka mahol kisi bhi wajah se meri 5 saal ki beti mujhe lgta h jiddi ho gyi h .Mujhe studies k case me ignore krti h .Pdh skti h ….Bt padhti nhi h interest hi nhi leti….Har kam use ek burden lgta h …..What should i do mam because i dnt want to loose her…Mai ek achi maa nhi bn pa rhi……