Things You should Never Say to Your Child – Never Do This to Your Child – Parenting Tips for Teenagers – How to Make My Kids Listen to Me – आमतौर पर human psychology होती है कि हम जब किसी को बोलते है कि ऐसा करना चाहिए तो उनमे resistance होती और उस बात को पसंद नहीं करते कि उन्हें समझाया जाए… और ये चीज सबसे ज्यादा teenagers में होती है… उन्हे ज़रा भी पसंद नहीं आता कि उन्हे कहा जाए कि ऐसा करो वैसा करो ये नहीं करो वो करो…
ढूंढोगें….. तो ही रास्ते मिलेगें…..
मंजिल की फितरत है वो चल कर नही आती.. कोशिश कीजिए और अच्छे parents बनिए..
Things You should Never Say to Your Child
तो ऐसी क्या बाते होती हैं जो Teenagers को पसंद नहीं आती और वो अपने parents से चिढने लगते हैं, hate करने लगते हैं.. उनकी बात काटने लगते हैं…
इस बारे मे मैं आपको 7 बाते बता रही हूं…जो रोजमर्रा इस्तेमाल करते हैं जोकि नहीं करनी चाहिए..
1.सबसे पहला है bossy पना दिखाना.. जैसे बॉस dictate करते हैं ऐसे नहीं करना क्योंकि आप बॉस नहीं हो उनके और ना ही वो आपके subordinate.. ये नहीं करना, एक अकंल की शादी में तुम्हें भी चलना ही चलना है… चलो तैयार हो जाओ.. दो मिनट के अंदर फोन रख कर खाने के लिए आ जाओ.. music धीरे चलाओ, shut up, बहुत बत्तमीजी से बात करने लगे हो तुम, जुबान देखो कैंची की तरह चलती है… कहना नहीं माना तो धमकी देंगें कि ये कर देंगें, TV बंद कर देंगें… कर्फ्यू type धमकी देंगें इसे बच्चे पसंद नहीं करते… बेशक, उस समय काम कर देंगें पर नाराज होकर या मुंह बना कर उनके मन से respect खत्म हो जाती है parents के प्रति ..इसलिए इससे बचना चाहिए..
2. Criticize करते हैं. बात बात पर उनकी गलती निकालते हैं या जब मैं तुम्हारी उम्र का था तो ऐसे करता था वैसा करता था…
और बात बात पर टोकना मैंनें तुम्हें पहले ही बोल दिया था… told you so. तुम ऐसा कैसा कर सकते हो?? क्या कोई काम तुम ठीक भी करोगें.. कुछ प्रयास कर रहा है तो सीधा ही टोक देंगें.. या तुम से नहीं हो पाएगा… उससे क्या है कि आत्मविश्वास की कमी आ जाती है…बच्चे जब बडे हो रहे होते हैं तो नई नई चीजे experiment या explore करते है तो बजाय ऐसे बोलने के उससे आराम से बात कीजिए और बेहतर तरीका बताईए..
3. मेरे पास अभी टाईम नहीं है.. बाद में बात करना.. देख नहीं रहे मैं अभी काम कर रहा हूं…खाली नहीं हूं मैं 100 तरह की परेशानियां हैं सिर पर.. बिजी हू… टाईम ही नहीं देते.. फिर अगर कुछ बात होती है फिर बच्चे की ही गलती निकलाते हैं.. और अगर ऐसे में बच्चा कुछ बोल दे तो क्या कहते हैं कि बस यही सुनना बाकि था.. यही सुनने के लिए पैदा किया था.. कुछ काम ये सही है जब हम बच्चे थे तब अपने बडो की सुनते थे अब जब बडे हो गए तो बच्चो की सुनो.. अगर वो कुछ पूछ्ना चाह रहा है तो ऐसे कैसे बात कर रहे हो तुम… हमारी तो हिम्मत ही नहीं होती थी ऐसे बात करने की… हम तुम्हारे parents हैं तुम हमारे पेरेंटस नहीं.. जैसे ही वो अपनी कोई बात रखे तो तुम मुझे बताओगे.. मेरे बाप बनोगे.
4. तुम्हारे उस classmate के ज्यादा नम्बर कैसे आ गए ? इस तरह की तुलना अकसर करते हैं… तो बजाय दूसरे से तुलना करने के बच्चे का रिजल्ट देख कर उसे गाईड करना चाहिए कि वो और बेहतर कैसे करे.. ताकि अच्छा रिजल्ट आए…दोस्त ही नहीं बल्कि अपने दूसरे बच्चों या कजिन के साथ भी तुलना करना शुरु कर देते हैं.. उसे देखा है कि वो कितना स्मार्ट है.. काश तुम उस जैसे होते..
उससे सीखो… उसके नम्बर कितने अच्छे आए थे.. और तुम ?? इससे क्या होता है sibling rivalry हो जाती है… या फिर अपने किसी दोस्त या सहेली से अपने बच्चे की बुराई… मेरा बच्चा तो ऐसा है उसने ये बोल दिया उसने ऐसा बोल दिया.. इन बातों से उनके आत्मसम्मान को भी चोट पहुँचती है… और वो चिढने लगते हैं भले ही वो भाई बहन हो या पडोस के अंकल आंटी या रिश्तेदार.. Speak privately कभी कोई ऐसी बात हो जाए तो अकेले अलग से करना समझाना ज्यादा सही है..
5. नेगेटिव बोलते है.. तुम्हें अक्ल नहीं नहीं.. तुम समझते नहीं हो… कितने आलसी हो तुम.. घर का कोई काम नहीं करते बस सारा दिन पडे ही रहते हो… इतनी facility दी हुई है तुम्हें अगर मुझे तुम्हारी जैसे opportunity मिली होती तो मैं आज न जाने कहां से कहा होता और तुमसे तो कुछ होता ही नही..
excerise किया करो.. भागा दौडा.. हम तुम्हारी age के थे तो…. बात बात पर जताते हैं दिन रात लगे रहते हैं मेहनत करते हैं पर तुम हो कि ध्यान ही नहीं देते… Teens aware है कि parents ने बहुत sacrifices किए हैं पर बार बार जताने से उसका असर खत्म हो जाता है..
6. अपनी statement बदलते रहते हैं जैसा कि कभी बोलते हैं कि तुम बच्चे हो तो कभी बोलते हैं…बच्चों जैसी बात क्यों कर रहे हो… तुम बडे हो गए हो… behave प्रोपरली इस वजह से क्या होता है कि रोल मॉडल नहीं बनते…
7. दोस्तों को पसंद नहीं करते… दोस्त उनकी लाईफ में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं और parents उन्ही से चिढते हैं… या तो कोई स्ट्रांग वजह हो तो आप जरुर बात कीजिए कि वो बच्चा बहुत स्टालिश है या अजीब कपड़े पहनते है तो ये अच्छा नहीं है या मुझे तुम्हारे कोई दोस्त पसंद नहीं…
एक बच्चा है वो गिटार सीखना चाह रहा है और वो अपने parents को बोलता है तो वो क्या बोलते हैं.. तुम्हारा दोस्त सीखता है इसलिए ही सीखना चाहते हो ना… अपना दिमाग क्यों नहीं लगाते कि तुम्हें क्या पसंद है.. आप जानने की कोशिश तो कीजिए… कि उसे वाकई गिटार अच्छा लगता है..
बच्चा मोबाइल ज्यादा कर रहा है तो किसे मैसेज कर रहे हो या उसी को मैसेज कर रहे होंगें.. उसी के साथ ज्यादा रह कर बिगड रहे हो… अब सबसे जरुरी बात.. लाओ ये फोन मुझे दो.. बहुत हो गया…
तो ये थी कुछ बातें.. अगर आप भी कुछ ऐसा करते हैं तो जरुर विचार कर लिजिए और किस तरह से बात करनी चाहिए आपके में से बहुत parents के मन में आ रहा होगा.. तो वो मैं बहुत जल्दी अपनी वीडियो में बताऊंगी..
ढूंढोगें….. तो ही रास्ते मिलेगें….. मंजिल की फितरत है वो चल कर नही आती.. कोशिश कीजिए और अच्छे parents बनिए..
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