Things Parents should Never Do – बच्चों को ना सिखाएं ये बातें – क्या पेरेंट्स बच्चों को गलत बातें सिखलाते हैं.. आपका जवाब होगा.. बिल्कुल नहीं… भला पेरेंट्स क्यों सिखलाएगें बच्चों को गलत बाते… पर ऐसा होता है मैं आज आपको 7 बातें बता रही हूं जो आमतौर पर हर घर में जाने अंजाने सिखला दी जाती हैं.. क्या हैं वो बातें जो आमतौर पर कही जाती हैं..
Things Parents should Never Do – बच्चों को ना सिखाएं ये बातें –
1. जैसा कि झूठ बोलना.. झूठ बोलना तो कोई पेरेंटस अपने बच्चों को नहीं सीखाते पर…
जैसा कि मान लीजिए कोई फोन आया तो मम्मी टीवी सीरियल देख रही हैं और बोलती है कि बोल दे मम्मी अभी घर पर नहीं है.. मार्किट गई हुई हैं और बच्चा बोल देता है…
ऐसे में अगर बच्चे को बोल दे कि बोल दो मैं बिजी हूं खुद ही फोन कर लूंगी थोडी देर में… तो एक सही मैसेज जाएगा…
2.फिर बात आती है तुलना करना.. तुलना तो कभी नहीं करते पेरेट्स दो बच्चे हैं घर पर और खेल रहे हैं मम्मी बोलती है चलो उठो अब खाना खा लो.. एक बच्चा उठता है और टेबल पर आ जाता है दूसरा वही खेल रहा है तो मम्मी क्या बोलती है अपने भाई से सीखो कुछ.. कितना समझदार है और तुम पता नहीं किस पर गए हो…
अब यही बात बिना तुलना के भी समझाई जा सकती थी कि बेटा चलो आ जाओ.. खाना खा कर खेल लेना. इससे हम दोनों बच्चों के बीच में खुद ही अंतर पैदा कर रहे हैं…
3.हम कई बार बच्चे को गिल्टी फील करवा देते हैं… जैसे दो मम्मिया आपस में बात कर रही हैं अरे मैं तो इतनी अच्छी जॉब कर रही थी… इसके होने पर छोडनी पडी..
दूसरी बोलती है अरे क्या फिगर थी मेरी.. बच्चा होने के बाद फीड देने के बाद तो मेरी फिगर ही खराब हो गई… ऐसी बाते सुन कर बच्चे गिल्टी फील करने लगते हैं कि देखो… ये हमारी वजह से हुआ.. जबकि ये दोनो बातें तो अब ही हो सकती हैं अपनी फीगर का भी ख्याल रखा जा सकता है और घर बैठे कुछ काम भी किया जा सकता है.. है ना तो फिर किसलिए ऐसी बात कहनी जिससे मासूम बच्चे की फीलिंग हर्ट हो..
एक और उदाहरण देती हूं कि बच्चे को अच्छा नहीं करने देते.. एक बच्चा मार्किट जाते वक्त अगर अपनी टॉफी से गरीब बच्चे को दे देता है तो अरे?? किस लिए तुमने.. ऐसा किसलिए किया.. कोई जरुरत नहीं होती इन्हें देने की… बेकार लोग होते हैं ये.. !!
अगर वही अपने बच्चे की पीठ थपथपाते तो कितनी खुशी होती बच्चे को और वो आगे भी छोटी छोटी मदद करता रहता..
4. कई बार हम बच्चे को एनकरेज करते हैं कि वो कुछ भी कर सकते हैं.. ये भी सही नहीं..
जैसे मान लीजिए पेरेंटस और बच्चे पार्क में है और बच्चा केला खा रहा है.. और छिलका वही फेंक दिया और पेरेंटस ने कुछ नहीं कहा माली आया उसने बोला कि बच्चे ने छिलका डाल दिया तो पेरेंटस बोलते हैं एक ही तो केला खाया है और लोगो को तो बोलो बच्चे ने डाल दिया तो क्या सारा पार्क खराब हो गया क्या ?? और उससे उलझ गए.. जबकि अपनी गलती माननी चाहिए और बच्चे को समझाना चाहिए… ताकि बच्चा स्वच्छता का ख्याल रखे..
5. बच्चे के Bad Behavior को एनकरेज करते है.. उनकी praise करते हैं..
वो ऐसे की मान लीजिए घर में एक बच्चा है और वो किसी बात की जिद कर रहा है और चीज़ो को गुस्से में फेंक रहा है.. और एक लेडी क्या बोलती है देखा अपने पापा पर गया है उन्हें भी जब गुस्सा आता है तो वो भी ऐसे ही करते हैं… इससे एक तरह से वो बच्चे को एनकरेज ही कर रही हैं.. तो क्या ये सही बात है… बल्कि समझाना चाहिए कि ऐसा नहीं करना चाहिए.. पर क्योंकि बच्चे को praise मिल रही है तो वो और भी और ज्यादा जिद्दी हो गया..
6. पेरेंटस फोन पर बिजी रहते हैं और बच्चा जब कुछ पूछे तो देख नहीं रहे मैं फोन पर बात कर रहा हूं…या पेरेंटस टीवी सीरियल में बिजी हैं और बच्चा अगर कुछ पूछ रहा है तो उसे गुस्सा कर देते हैं कई बार तो हाथ भी उठा देते हैं..
जबकि फोन होल्ड कर के बच्चे को बता सकते हैं कि मैं अभी आपकी बात सुनता हूं या जिससे फोन पर बात हो रही है उसे बोल सकते हैं कि मैं आपसे दस मिनट बाद बात करता हूं..
रही बात टीवी सीरियल की तो वो या रिकार्डिंग पर लगाया जा सकता है या उसे पॉज किया जा सकता है…
7. जब भी बच्चे के मार्क्स कम आए तो गुस्सा करना, नालायक की पदवी देना तुम लाईफ में कुछ नहीं कर सकते
जबकि कहना क्या चाहिए कि इससे सबक लो और इम्प्रूव करो.. आगे से ये गलती नहीं करना.. हम ऐसे ही सीखते हैं जिंदगी में.. ताकि बच्चा मोटिवेट हो.. तो देखिए ये हैं कुछ बातें…
Things Parents should Never Do
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