Monica Gupta

Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber

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May 4, 2021 By Monica Gupta 5 Comments

सुविचार – पॉजिटिव बातें

 

सादगी से महंगा कोई गहना नही
शायद इसलिए हर किसी ने इसे पहना नहीं
 
मंजिलों से कह दो अभी थकी नहीं हूं मैं, मुश्किल जरूर है राहें मगर रुकी नहीं हूं मैं
 
इलाईची की भी अपनी इज्जत होती है चाय में हर किसी के लिए नहीं डाली जाती…
 
भगवान को मंदिर से ज्यादा, मनुष्य का हृदय पसंद है। क्योंकि मंदिर में मनुष्य की चलती है, और हृदय में भगवान की
 
जो समय_का_मोल समझते हैं, समय उनको अनमोल बना देता है….
 
शुरुआत कहीं से भी हो , बातें हमेशा मुस्कुराहटों पर ही खत्म होनी चाहिए …
एक के साथ एक फ्री है. चाहिए क्या ??? अगर हम क्रोध खरीदते हैं तो हमें एसिडिटी मुफ्त में मिल जाती है अगर हम ईर्ष्या खरीदते हैं तो सिरदर्द मुफ्त में मिल जाता है अगर हम नफरत खरीदते हैं तो अल्सर मुफ्त में मिल जाता है अगर हम तनाव खरीदते हैं तो रक्तचाप मुफ्त में…
ऐसे ही अगर हम बातचीत से विश्वास खरीदते हैं तो दोस्ती मुफ्त में मिल जाती है अगर हम व्यायाम खरीदते हैं तो अच्छा स्वास्थ्य मुफ्त में शांति खरीदते हैं तो हमें समृद्धि मुफ्त में. ईमानदारी खरीदते हैं तो अच्छी नींद मुफ्त में अब ये हम पर निर्भर करता है कि हमें क्या खरीदना चाहिए. है ना
 
 
मोहताज नहीं है औरत किसी गुलाब की, वो तो खुद बागबान है इस कायनात की
 
जाति सिर्फ दो ही हैं एक स्त्री और एक पुरुष।
धर्म सिर्फ एक ही है और वो है इंसानियत। बाकी सब
 
स्वयं का दर्द महसूस होना जीवित होने का प्रमाण है
पर दूसरों का दर्द महसूस हुआ इंसान होने का प्रमाण है.
 
हौसला हो गर बुलंद तो मुठ्ठी में हर मुकाम है
वरना मुश्किलें और मुसीबतें जिंदगी में आम हैं..
 
धन की परिभाषा
जब बच्चा कहे कि मेरे माँ बाप ही मेरे भगवान है….*ये है “धन”*
जब कोई माँ बाप अपने बच्चों के लिए ये कहे कि ये हमारे कलेजे की कोर हैं
*ये है “धन”*
शादी के 20 साल बाद भी अगर पति पत्नी एक दूसरे से कहें ।I Love you…
*ये है “धन”
सास अपनी बहु के लिए कहे कि ये मेरी बहु नहीं बेटी है
और कोई बहु अपनी सास के लिए कहे कि ये मेरी सास नहीं मेरी माँ है……
*ये है “धन”
जिस घर में बड़ों को मान और छोटों को प्यार भरी नज़रों से देखा जाता है……
*ये है “धन”*
जब कोई मेहमान कुछ दिन आपके घर रहने के बाद जाते समय दिल से कहे की आपका घर …घर नहीं मंदिर है….
*यह है “धन
 
 
Kindness हमारा act नहीं बल्कि lifestyle होना चाहिए…
 
जरूरी नहीं कि रोशनी चिरागों से हो…. बेटियाँ भी तो घर को रोशन किया करती हैं
 
क्रोध एक ऐसा श्राप हैं जो हम खुद को देते है
 
असफल होना अलग बात है लेकिन कोशिश ही ना करना गलत बात है
 
सपने हैसियत देखकर नहीं देखे जाते, बल्कि हैसियत बनाने के लिए देखे जाते हैं
 
हु-ब-हू ढूंढोगे तो नकल पाओगे, रू-ब-रू आओगे तो असल पाओगे।
 

मिठास रिश्तों में लाएं तो कोई बात बने मिठाईयां तो हर साल मीठी ही बनती हैं….

फिर से प्रयास करने से घबराना नही क्योंकि अब शुरुआत शून्य से नही बल्कि अनुभव से होगी।है ना

हमारी पढ़ाई का उस समय कोई महत्व नही रह जाता जब हमारे द्वारा सड़क पर फेंका हुआ कूड़ा, कागज, मूंगफली या फल के छिलके अगली सुबह कोई अनपढ़ उठाए… है ना… अगर पढ़े लिखे है तो ……

पहाड़ चढ़ने वाला व्यक्ति झुककर चलता है और उतरने वाला अकड़ कर चलता है तो कोई अगर झुककर चल रहा है मतलब ऊँचाई पर जा रहा है और कोई अकड़ कर चल रहा है मतलब नीचे जा रहा है…

शब्द और दिमाग़ से दुनिया जीती जाती है, दिल तो आज भी दिल से ही जीता जाता है”

जिसने कहा कल, दिन गया टल
जिसने कहा परसों, बीत गए बरसों
जिसने कहा आज, उसने किया राज
“आज से बेहतर कुछ नहीं…कल कभी आता नहीं आज कभी जाता नहीं”
 
धैर्य रखना कभी निराश मत होना क्योंकि जिसने आपको लिखा है वो इस ब्रह्माण्ड का सबसे ताकतवर लेखक है
 
 
जिंदगी को आसान नहीं खुद को मजबूत बनाना पड़ता है….
 

किसी औरत की गर्दन पर लिपटी उसके बच्चे की बाहों से कीमती जेवर आज तक नहीं बना…

बेटी को चांद जैसा नहीं बनाईए कि हर कोई उसे घूर घूर कर देखे
बल्कि
सूरज जैसा बनाईए ताकि उसे कोई घूरना तो दूर नजर तक उठा कर देखने की हिम्मत ही ना कर सके

किरदार गर कपड़ों से दिखेगा तो लोग LIKE करेंगे और अगर विचारों से झलकेगा तो लोग न सिर्फ like करेंगे बल्कि FOLLOW भी करेंगे…

पहले पांच होते थे जिनसे छुटकारा पाना मुश्किल होता था।अब 7हो गए हैं ….काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार , Facebook और Whatsapp….

हिस्सा बनना ही है तो किसी की हिचकियों का हिस्सा बनिए जनाब सिसकियों का नहीं….

असली मर्द हालात से लड़ते हैं और कमजोर मर्द घर की स्त्री से…

काश हर सुबह नवरात्रि की नवमी सी हो
हर किसी की…हर किसी की नजर में बेटियां देवी सी हों….
 
खूबसूरती सिर्फ औरत के माथे पर लगी बिंदी ही नहीं
बल्कि खूबसूरती मेहनतकश औरत के माथे का पसीना भी है.

झुकती हूं हमेशा आसमान बन कर… जानती हूं कि जमीन को उठने की आदत नही..

हीरा परखने की बजाय पीड़ा परखने वाला ज्यादा महत्वपूर्ण होता है
किसी की पीड़ा परखने वाला इंसान सही मायनों में जौहरी होता 
 
अगर बनना ही है तो उस तालाब जैसा बनिए
जहां शेर भी पानी पीता है
और बकरी भी पानी पीती है
मगर सिर झुका कर…
क्या आपको पता है कि हम आमतौर पर दिन में चार बार झूठ बोलते हैं. एक साल में 1460 बार और साठ साल तक की उम्र तक पहुंचते पहुंचते 87,600 बार झूठ बोल जाते हैं
….. और जानते है सबसे झूठ क्या है…??
सबसे बडा झूठ है कि ” मैं ठीक हूं !!!
वैसे by the way … आप कैसे है? भई मैं तो बिल्कुल ठीक हूं..
 
क्यों न हम थोड़े से अलग बनें
खुश रहने की सलाह ना देकर वजह बनें

अगर आपने चाँद को देखा, तो आपने ईश्वर की सुन्दरता देखी…
अगर आपने सूर्य को देखा, तो आपने ईश्वर का बल देखा…
और अगर आपने आईना देखा तो आपने ईश्वर की सबसे सुंदर रचना देखी… यकीन मानिए… !!
हमेशा स्वयं पर विश्वास रखो !!

गर हो नियत का पर्दा..
फिर आंखों से बेहतर कोई लिबास नहीं

अपनी ऊर्जा ख़ुश रहने में ही खर्च कीजिये क्योंकि ख़ुशी से ही आपकी इम्यूनिटी बढ़ती है

रुके तो चांद जैसी है, चले तो हवा जैसी है वो मां ही है जो धूप में भी छांव जैसी है… प्रतिमा में भगवान हो या ना हो पर प्रति मां में भगवान जरुर होते हैं…

पूरे की ख्वाहिश में हम बहुत कुछ खो देते हैं
भूल जाते हैं कि आधा चांद भी तो खूबसूरत लगता है

हर औरत की इज्जत कीजिए इसलिए नही की को एक औरत है बल्कि इसलिए कि आपकी परवरिश एक अच्छी मां ने की है।

इंसान जब हाथ की रेखाओं में भाग्य खोजने लगे तो समझ लेना उसकी बाजुओं में ताकत और मन में विश्वास खत्म हो गया।

घर की स्त्री अगर समझदार न हो तो घर टूट जाता है और अगर पुरुष समझदार न हो तो उस घर की स्त्री…..

तुलसी को कभी वृक्ष नहीं समझें
गाय को कभी पशु नहीं समझें
और
माता पिता को नहीं मनुष्य नहीं समझें
क्योंकि ये सब साक्षात् भगवान हैं….!!
 
मैं तो अंधेरा हूं
तो
अफसोस क्यों करूं
मुझे गुरूर है
कि
रोशनी का वजूद मुझसे है😊
 
 

कांटों का तो नाम ही बदनाम है.. वरना चुभती तो निगाहें भी हैं और काटती तो जुबान भी है..

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Comments

  1. Amitav Swain says

    December 14, 2021 at 9:29 pm

    Very heart touching….. Be Blessed Madam… Namskar

  2. Ankit Sarawgi says

    August 13, 2021 at 7:39 pm

    great bohot achha likha hai apne

  3. CHANDRAHAS SAHU says

    August 8, 2021 at 9:17 pm

    बहुत सुंदर विचार

  4. sumit jha says

    June 3, 2021 at 3:34 pm

    mam,,,, too good . apne bhot accha likha , sunkar bhot accha laga .

  5. ANIT says

    June 1, 2021 at 6:22 pm

    It’s Just Amazing and wow..

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